scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशमनोचिकित्सक ने पुलिस को बताया- सुशांत सिंह ‘गंभीर अवसाद और अस्तित्व के संकट’ से जूझ रहे थे

मनोचिकित्सक ने पुलिस को बताया- सुशांत सिंह ‘गंभीर अवसाद और अस्तित्व के संकट’ से जूझ रहे थे

सीबीआई मनोचिकित्सक के उस बयान पर गौर कर रही है जिसमें उन्होंने कहा था कि सुशांत सिंह राजपूत की प्रबंधक श्रुति मोदी और रिया चक्रवर्ती की तरफ से अभिनेता के ‘इलाज’ के लिए कई बार उनसे संपर्क किया गया था.

Text Size:

नई दिल्ली: दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक एक मनोचिकित्सक, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने सुशांत सिंह राजपूत का ‘इलाज’ किया था ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि इस बात के ‘साक्ष्य’ थे कि यह अभिनेता ‘गंभीर दुश्चिंता, अवसाद और अस्तित्व के संकट’ से जूझ रहा था.

सूत्रों ने बताया कहा कि राजपूत की मौत मामले की जांच के क्रम में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अब मनोचिकित्सक के बयान पर गौर कर रही है, जो उन्होंने शुरुआत में मुंबई पुलिस को दिया था.

सूत्रों के अनुसार डॉक्टर ने अपने बयान में कहा है कि अभिनेता का ‘इलाज कराने’ के लिए उनसे कई बार संपर्क किया गया-पहले राजपूत की प्रबंधक श्रुति मोदी और फिर उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती द्वारा.

‘इलाज की सख्त जरूरत’

डॉक्टर के बयान के मुताबिक राजपूत को इलाज के लिए अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था और अन्य दवाओं के साथ क्विंटन, एरीजोलम, मेलाटोनिन जैसी एंटी-डिप्रेशेंट और नींद की गोलियां प्रेस्क्राइब की गईं.

एक सूत्र ने बताया, ‘25 नवंबर 2019 को श्रुति मोदी ने उन्हें फोन किया और राजपूत का चेकअप करने के लिए कहा. 27 नवंबर को श्रुति ने फिर अप्वाइंटमेंट मांगा और कहा कि उन्हें इलाज की सख्त जरूरत है.’

28 नवंबर को सुबह 9 बजे के करीब डॉक्टर राजपूत देखने के लिए गए.

डॉक्टर ने अपने बयान में कहा कि राजपूत ने उन्हें बताया कि उन्हें पर्याप्त नींद नहीं आती, और भूख भी नहीं लगती है. बयान के मुताबिक उन्होंने यह भी कहा कि ‘अब जीवन में कुछ अच्छा नहीं लगता, और ‘जीने की इच्छा’ भी नहीं रह गई थी, और ‘हर समय एक डर’ बना रहता है.

डॉक्टर ने आगे कहा कि अभिनेता ‘अवसाद और बेचैनी’ की समस्या से पीड़ित था.

बयान के अनुसार, जब डॉक्टर ने राजपूत से पूछा कि क्या उन्हें आत्महत्या करने का विचार आता है तो सुशांत सिंह ने कहा कि ‘नहीं.’

सीबीआई इस मामले की बिहार पुलिस की तरफ से दर्ज की गई एक प्राथमिकी के आधार पर जांच कर रही है, जिसमें चक्रवर्ती, उसके भाई शोविक और माता-पिता के अलावा अन्य लोगों के खिलाफ कथित तौर पर आत्महत्या के उकसाने और अन्य संदिग्ध गतिविधियों को लेकर मामला दर्ज करा गया है.


यह भी पढ़ें : हे दर्शक, मीडिया के कॉकटेल से बचो, वरना सुशांत की आत्मा को चैन आ भी जाये तो तुम्हें नहीं आने वाला


डॉक्टर के बयान पर टिप्पणी के लिए दिप्रिंट ने राजपूत परिवार के वकील विकास सिंह से संपर्क साधा लेकिन यह रिपोर्ट प्रकाशित होने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी.

‘दवाएं लेना बंद कर दिया’

डॉक्टर ने अपने बयान में कहा कि राजपूत ने बिना परामर्श के ही अपनी दवाएं लेना बंद कर दिया था.

डॉक्टर ने कहा कि राजपूत ठीक होना शुरू कर दिया था और आगे का काम देख रहे थे, लेकिन कुछ दिन ऐसे होते थे जब वह अनमने हो जाते थे.

डॉक्टर के बयान के अनुसार, 30 दिसंबर 2019 को रिया ने उन्हें मैसेज करके जानकारी दी थी कि राजपूत अस्वस्थ थे, और वह कुछ बेचैनी महसूस कर रहे थे, वह पूरे दिन सोते रहते थे.

इस साल 19 जनवरी को रिया चक्रवर्ती ने डॉक्टर को मैसेज करके कहा कि राजपूत अवसाद में है और उसे भर्ती किया जाना चाहिए. लेकिन अभिनेता भर्ती नहीं होना चाहते थे.

बयान के अनुसार, राजपूत ने डॉक्टर के यह कहने के बावजूद दवाएं लेना बंद कर दिया था कि इससे उनकी स्थिति बिगड़ सकती है.

डॉक्टर ने बयान में यह भी कहा कि राजपूत को इस साल की शुरुआत में 8 से 9 महीने तक फिर दवाएं लेने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे ‘नजरअंदाज कर दिया.’

डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि 6 मार्च को चक्रवर्ती ने उन्हें फिर मैसेज भेजकर कहा कि राजपूत उदासी और ‘अनमनापन’ महसूस कर रहे हैं.

डॉक्टर ने कहा कि जब उन्होंने राजपूत को फिर अपनी दवाएं लेने के लिए मनाने की कोशिश की, तो उन्होंने इसे ‘हंसी में उड़ा दिया.’

डॉक्टर ने अपने बयान में यह भी बताया है कि उन्होंने दवा के लिए रिया चक्रवर्ती के फोन पर व्हाट्सएप में कई प्रेस्क्रिप्शन भेजे थे. सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ता उन चैट पर गंभीरता से गौर कर रहे हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments