नई दिल्ली: भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पिछले चार महीने में सीमा पर पैदा हुए हालात इस क्षेत्र में एकतरफा ढंग से यथास्थिति बदलने की चीनी कार्रवाई का ‘प्रत्यक्ष परिणाम’ है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने साप्ताहिक डिजिटल प्रेस वार्ता में कहा कि भारत संवाद के जरिये सभी मुद्दों के समाधान के लिये प्रतिबद्ध है और मुद्दों के समाधान का रास्ता बातचीत है.
उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि बीते चार महीने में हमने जो हालात देखे (पूर्वी लद्दाख में) हैं वे प्रत्यक्ष रूप से चीनी पक्ष की गतिविधियों का नतीजा हैं. चीन की गतिविधियों का मकसद यथास्थिति में एकतरफा बदलाव करना है.’ श्रीवास्तव ने कहा, ‘हम पुरजोर तरीके से चीन से आग्रह करते हैं कि वह पूरी तरह पीछे हटने के कदम के जरिये सीमा पर तेजी से शांति बहाली के उद्देश्य के साथ भारतीय पक्ष से गंभीरता से जुड़े.’
गौरतलब है कि सोमवार को भारतीय सेना ने कहा था कि चीनी सेना ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो के दक्षिणी तट पर यथास्थिति में बदलाव के लिये ‘उकसावे वाली सैन्य गतिविधि’ की जिसे भारतीय सेना ने विफल कर दिया.
श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा था कि चीन के पीपुल्स लिवरेशन आर्मी ने एक बार फिर उकसावे वाली कार्रवाई की जब स्थिति सामान्य करने के लिए कमांडर चर्चा कर रहे थे.
चीनी प्रयासों के बाद भारतीय सेना ने पैंगोंग सो के दक्षिणी तट पर कम से कम तीन सामरिक महत्व की ऊंचाइयों पर अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है.
यह पूछे जाने पर कि क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की 10 सितंबर को होने वाली विदेश मंत्रियों की बैठक में जायेंगे, श्रीवास्तव ने कहा, ‘हां, वे 10 सितंबर को होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे.’ गौरतलब है कि एससीओ आठ देशों का क्षेत्रीय संगठन है जिसमें भारत और चीन भी शामिल हैं.