नई दिल्ली: भारतीय सेना की एक स्पेशल यूनिट लद्दाख के उत्तरी किनारे पैंगोंग त्सो में फिंगर 4 की ‘डोमिनेटिंग हाइट’ (सबसे ऊंचे वाले स्थान) पर पहुंचने में कामयाब हो गई है. दिप्रिंट को पता चला है कि अप्रैल में जहां चीन ने घुसपैठ की थी भारतीय सेना ने वहां अपनी पहुंच बना ली है.
चीन को चौंकाते हुए, यह डेवेल्पमेंट भी ऐसे समय में हुआ है जब सेना की दूसरी स्पेशल यूनिट ने दक्षिणी किनारे में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब एहतियातन तैनाती के तौर पर स्ट्रैटेजिक हाइट्स पर कब्जा कर लिया है.
रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि इस हफ्ते सेना ने ‘तैनाती का पुनर्मूल्यांकन’ किया था और सैनिकों ने फिंगर 4 रिगलाइन पर ‘डोमिनेटिंग हाइट्स’ पर पहुंचकर वहां अपनी पोस्ट बना ली है.
यह पूछे जाने पर कि क्या इसका मतलब यह है कि भारतीय चीनी के साथ आमने-सामने आए थे, एक सूत्र ने कहा: ‘हां’.
सूत्र ने कहा, ‘ये एलएसी पर भारत की तरफ एहतियाती तैनाती है.’
सूत्र ने आगे कहा, ‘ जब दुश्मन ऊंचाइयों पर हो तो हमारे जमीन पर बैठने और रहने का कोई मतलब नहीं है. यह टुकड़ी की तैनाती का रीएडजस्टमेंट है.’
सेना के सूत्र ने कहा, ‘फिंगर 4 पर ऊंचाइयों पर भारतीय सैनिकों की कब्जा करने की रिपोर्ट सही नहीं है. एहतियाती तैनाती के एक हिस्से को 30 अगस्त को, पैंगोंग त्सो के उत्तरी बैंक पर अपनी तरफ की एलएसी में हमने अपनी पॉजिसंस को कुछ रिअर्जेस्टमेंट किया था.
प्रिंट ने पहले भी कई अवसरों पर बताया है कि चीन ने भारत की तरफ एलएसी पर झील के उत्तरी किनारे पर घुसपैठ की है.
वर्तमान में चीन का फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच के क्षेत्रों पर कब्जा है, जो लगभग 8 किमी की दूरी पर है, जो एलएसी पर भारत की तरफ आता है.
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बातचीत पर फोकस, लेकिन भारत के पास है ‘बेहतर सौदेबाजी की शक्ति ’
भारत ने अपनी स्पेशल यूनिट को अप्रैल के अंत में पैंगोंग झील के रास्ते पर भेजा था और कई योजनाएं बनाई गई थीं.
हालांकि, अभी भी बातचीत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है, यहां जानना जरूरी है कि जुलाई से लगातार चल रही इस बातचीत का कोई हल नहीं निकल सका है. क्योंकि चीन ने अपनी जगहों से हिलने से इनकार कर दिया था.
तब जब बातचीत का कोई हल नहीं निकल रहा है तो इस सप्ताह के अंत में चीन के कहने पर की उसने क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है. भारतीय सेना आगे बढ़ी और उसने डोमिनेटिंग हाइट पर अपना अधिकार जमा लिया है.
बता दें कि सैनिक भी फिंगर 4 की उन जगहों तक पहुंचने पर काम कर रहे थे जहां चीनी लोग डेरा डाल चुके थे, भले ही उन्होंने जमीनी स्तर से फिंगर 5 तक कुछ सैनिकों को वापस खींच लिया था.
सूत्रों ने कहा कि भारत ऑफेंसिव नहीं है, लेकिन अपने क्षेत्र और अपने हित का बचाव कर रहा है.
सूत्रों ने संकेत दिया कि दक्षिणी किनारे पर ताजा घटनाक्रम चीनियों द्वारा इस मुद्दे पर बातचीत करने और हल करने पर बल देता है और भारत के पास अब ‘बेहतर सौदेबाजी की शक्ति’ है.
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