नई दिल्ली: ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने सभी तकनीकी संस्थानों से छात्रों की पूरी फीस वापस करने को कहा है, अगर वो कोविड-19 महामारी के कारण या वित्तीय समस्याओं के कारण अपना प्रवेश वापस लेते हैं.
विभिन्न तकनीकी संस्थान अब तक अपने खुद के नियमों का पालन कर रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप छात्र द्वारा प्रवेश वापस लेने पर शुल्क की कुछ राशि अपने पास रख ली जाती है.
प्रवेश वापस लेने की अंतिम तारीख 10 नवंबर है और एआईसीटीई ने मंगलवार को जारी एक सर्कुलर में कहा है कि जो भी छात्र उस तिथि तक प्रवेश वापस लेगा, उसे पूरी फीस वापस कर दी जानी चाहिए. केवल प्रोसेसिंग फीस के तौर पर 1,000 रुपये काटने की अनुमति दी जा रही है.
यदि कोई छात्र 10 नवंबर के बाद अपना प्रवेश वापस लेना चाहता है तो उसे उस विशेष समय तक निर्धारित ट्यूशन फीस का भुगतान करना होगा, यदि लागू हो.
सर्कुलर में कहा गया है, ‘संस्था को किसी भी समय प्रवेश रद्द करने वाले छात्र से बाद के वर्ष/सेमेस्टर के लिए शुल्क की मांग नहीं करनी चाहिए.’
एआईसीटीई के सदस्य सचिव राजीव कुमार द्वारा भेजे गए सर्कुलर में बताया गया है कि काउंसिल ने यह निर्णय कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र लिया है.
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सर्कुलर में लिखा है, ‘जैसा कि हम सभी जानते हैं, हमारा देश एक राष्ट्रीय आपातकाल से गुज़र रहा है जो कोविड-19 के प्रकोप के कारण उत्पन्न हुआ है. कोविड-19 द्वारा उत्पन्न खतरे के दौरान सुरक्षा सावधानी सुनिश्चित करना सभी नागरिकों की मौलिक जिम्मेदारी होगी. और सभी इच्छुक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार और संबंधित निकायों द्वारा विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं.’
सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि एआईसीटीई उन संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है जो निर्देशों का पालन नहीं करेंगे हैं और छात्र के शुल्क को वापस करने से इनकार करेंगे.
संशोधित एआईसीटीई कैलेंडर के अनुसार, सीटों के लिए पहले दौर की काउंसलिंग की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर है, जिसके बाद प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए कक्षाएं 1 नवंबर से शुरू होंगी. प्रवेश काउंसलिंग के दूसरे दौर की अंतिम तिथि भी यही है. प्रवेश रद्द करने की अंतिम तिथि 10 नवंबर है.
मौजूदा छात्रों के लिए कक्षाएं संशोधित शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार 1 सितंबर से शुरू हुई हैं.
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