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Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशयूपी के बलिया में पत्रकार की हत्या का मामला उलझा- पिता ने पुलिस के दावों को बताया गलत, 6 आरोपी गिरफ्तार, 4 फरार

यूपी के बलिया में पत्रकार की हत्या का मामला उलझा- पिता ने पुलिस के दावों को बताया गलत, 6 आरोपी गिरफ्तार, 4 फरार

पिता की ओर से पुलिस को दी गई तहरीर में गांव के ही रहने वाले उनके परिचित दिनेश सिंह, सुशील सिंह समेत 10 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया जिसके बाद मंगलवार दोपहर तक 6 की गिरफ्तारी भी कर ली गई है.

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लखनऊ: यूपी के बलिया जिले में बीते सोमवार को हुई स्थानीय पत्रकार रतन सिंह की हत्या का मामला उलझता जा रहा है. पुलिस ने 10 में से छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन 4 अभी भी फरार हैं. वहीं, पत्रकार के पिता विनोद सिंह ने पुलिस के उन दावों को गलत बताया है जिसमें रतन की मौत की वजह जमीनी विवाद बताई गई है. पिता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि तत्कालीन थाना प्रभारी ने खुद से ही ये पुआल (पराली) या भूसा रखे जाने को लेकर चल रहे विवाद की थ्योरी बताई थी. लेकिन यह सच नहीं है और ना ही कोई हमारा किसी से जमीनी विवाद था.

विनोद सिंह के मुताबिक, उनके बेटे को गांव का ही कोई व्यक्ति किसी बहाने से बुलाकर ले गया था. फेफना गांव प्रधान के घर के पास उसे गोली मारी गई. पहले उस पर हमला किया, उसने जान बचाने की कोशिश की तो दौड़ाकर उसे पीटा और गोली मारी जिसके बाद सब भाग गए. पिता की ओर से पुलिस को दी गई तहरीर में गांव के ही रहने वाले उनके परिचित दिनेश सिंह, सुशील सिंह समेत 10 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. जिसके बाद मंगलवार दोपहर तक 6 की गिरफ्तारी भी कर ली गई है. वहीं, इस मामले में फेफना थाना प्रभारी शशि मौली पांडेय को निलंबित कर दिया गया है. योगी सरकार ने मृतक के परिजन को 10 लाख रूपए मुआवजा देने का भी ऐलान किया है.

‘आपसी रंजिश से हुई हत्या’

दिप्रिंट से बातचीत में बलिया पुलिस के एसपी के पीआरओ विवेक पांडे की ओर से बताया गया कि एसपी देवेंद्र नाथ समेत जिला पुलिस के आला अधिकारी खुद बचे हुए आरोपियों की तलाश में जुटे हुए हैं. इस केस को जल्द से जल्द सुलझाने की पूरी कोशिश चल रही है. बलिया पुलिस की मीडिया सेल की ओर से दिप्रिंट को जानकारी दी गई कि ये मामला पुरानी रंजिश का ही है. 26 दिसंबर 2019 को पत्रकार रतन सिंह और गांव के ही दिनेश सिंह के परिवार के बीच जमीन को लेकर विवाद हुआ था, जिसमें दोनों के परिजनों के बीच हाथापाई भी हुई थी. दोनों पक्षों की ओर से पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी. इसी कारण ये मामला पुरानी रंजिश का ही लग रहा है.

बलिया के एसपी देवेंद्र नाथ ने बीते सोमवार रात मीडिया से बातचीत में कहा कि दिसंबर 2019 में गांव के ही कुछ लोग (जिनमें मृतक रतन सिंह के दूर के रिश्तेदार भी हैं) से विवाद हुआ था. उन्हीं पर गोली मारने का आरोप है. 10 लोगों पर इस मामले में शामिल हैं. इस घटना का रतन की पत्रकारिता से लेना-देना नहीं है. किसी खबर के चलते नहीं बल्कि आपसी रंजिश के कारण रतन की हत्या हुई.


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रतन सिंह के परिजनों ने मंगलवार को स्थानीय मीडिया को बताया कि रतन पिछले 10 वर्ष से अधिक समय से मीडिया से जुड़े थे. सोमवार को पूरे दिन शहर में रहने के बाद शाम को गांव फेफना में ही किसी के यहां बैठने के बाद पैदल ही वापस घर जा रहे थे तभी कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया. वह बचने के लिए ग्राम प्रधान के घर की तरफ भागे तभी उनकी हत्या कर दी गई. रतन सिंह का गांव में पुराना मकान है, जहां पट्टीदारों (दूर के रिश्तेदार) से विवाद है. रतन सिंह का नया मकान क रसड़ा-फेफना मार्ग पर बना हुआ है. बताया जा रहा है कि सोमवार की शाम रतन सिंह अपने पुराने मकान पर गए थे, जहां पर उन्हें गोली मारी गई.

अजय लल्लू को बलिया जाने से रोका गया

कांग्रेस के यूपी चीफ अजय लल्लू पत्रकार रतन सिंह के परिजनों से मिलने लखनऊ से बलिया रवाना हुए तो उन्हें रायबरेली में रोककर हिरासत में ले लिया. इसके अलावा कांग्रेस की यूपी महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मामले को लगातार हो रही यपी में पत्रकारों की हत्या बताया. प्रियंका ने ट्वीट कर लिखा- 19 जून श्री शुभममणि त्रिपाठी की हत्या, 20 जुलाई – श्री विक्रम जोशी की हत्या, 24 अगस्त- श्री रतन सिंह की हत्या, बलिया. पिछले 3 महीनों में 3 पत्रकारों की हत्या. 11 पत्रकारों पर खबर लिखने के चलते FIR. यूपी सरकार का पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतन्त्रता को लेकर ये रवैया निंदनीय है.


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वहीं यूपी सरकार के मंत्री आनंद शुक्ला ने बलिया पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की और कहा कि सरकार इस हत्या के मामले को गंभीरता से ले रही है. मंत्री ने कहा कि वह मुख्यमंत्री योगी से मुआवजा बढ़ाने और मृतक की पत्नी को एक नौकरी देने की मांग करेंगे.

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