नई दिल्ली: कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जारी घमासान के बीच एक ओर जहां सोनिया गांंधी ने पार्टी का नया अध्यक्ष चुनने का आह्वान किया है. वहीं दूसरी तरफ नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया को लिखे पत्र पर राहुल ने नाराजगी जताई. उन्होंने पत्र लिखने वाले नेताओं पर समय को लेकर सवाल खड़ा किया जिस पर कांग्रेस वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने उन पर कटाक्ष किया है. हालांकि बाद में सिब्बल ने अपना ट्वीट हटा लिया है.
पत्र लिखने वाले नेताओं पर राहुल का निशाना, समय को लेकर सवाल किया
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया.
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कहा कि जब हम राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रहे थे और सोनिया अस्वस्थ थीं तो उस समय यह पत्र क्यों लिखा गया?
नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के दो खेमों में नजर आने की स्थिति बनने के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हो रही है.
सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आ गया जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई.
हालांकि, इस पत्र की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है.
वहीं कांग्रेस नेता और प्रवक्ता राणदीप सुरजेवाला ने सिब्बल को मीडिया की खबरों से बचने को कहा है और राहुल के बयान को गलत समझने की बात कही है.
सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने पार्टी संबंधित मुद्दों को सार्वजनिक करने के लिए नेताओं की आलोचना की और कहा कि इन पर चर्चा सीडब्ल्यूसी में होनी चाहिए न कि मीडिया में.
राहुल पर सिब्बल का कटाक्ष
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में राहुल गांधी की एक कथित टिप्पणी को लेकर सोमवार को उनपर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले 30 वर्षों में भाजपा के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया, इसके बावजूद ‘हम भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं.’
सिब्बल ने बतौर वकील कांग्रेस को सेवा देने का उल्लेख करते हुए ट्वीट किया, ‘राहुल गांधी का कहना है कि ‘हम भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं’. राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस पार्टी का पक्ष रखते हुए सफल हुआ. मणिपुर में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने करने के लिए पार्टी का पक्ष रखा.’
उन्होंने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘पिछले 30 वर्षों से किसी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया. फिर भी ‘हम भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं.’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया.
खबरों में कहा गया है कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल ने कथित तौर पर यह भी कहा कि पत्र लिखने वाले नेता भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं.
सुरजेवाला ने किया बचाव
Sh. Rahul Gandhi hasn’t said a word of this nature nor alluded to it.
Pl don’t be mislead by false media discourse or misinformation being spread.
But yes, we all need to work together in fighting the draconian Modi rule rather then fighting & hurting each other & the Congress. https://t.co/x6FvPpe7I1
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 24, 2020
सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी मिलीभगत शब्द नहीं कहा है. मीडिया के चर्चाओं से गुमराह न हों. हमें मिलकर मोदी सरकार से लड़ना है.
सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया ने पद छोड़ने की पेशकश की
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में सोमवार को पद छोड़ने की पेशकश की, जिसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के कई नेताओं ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया.
सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी की बैठक आरंभ होने के बाद सोनिया कहा कि वह अंतरिम अध्यक्ष के तौर अब काम नहीं करना चाहती.
एक सूत्र ने कहा कि इसके बाद मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने उनसे आग्रह किया कि वह पद पर बनी रहें.
नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के दो खेमों में नजर आने की स्थिति बनने के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हो रही है.
सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आया गया जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई.
हालांकि, इस पत्र की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है.
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की अहम बैठक शुरू हुई, नेतृत्व के मुद्दे पर होगी चर्चा. .
सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) से उन्हें पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष के पद से मुक्त करने को कहा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनसे पद पर बने रहने की अपील की : सूत्रों ने बताया.
सीडब्ल्यूसी बैठक : सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी ने पद छोड़ने की पेशकश करते वक्त गुलाम नबी आजाद, अन्य द्वारा लिखे गए पत्र का हवाला दिया.
सीडब्ल्यूसी बैठक : सूत्रों ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, ए के एंटनी ने नेतृत्व में बदलाव की मांग को लेकर कुछ नेताओं द्वारा लिखे गए पत्र की आलोचना की.