नई दिल्ली: पूर्वोत्तर का सबसे पुराना अंग्रेजी ब्रॉडशीट अखबार- द शिलांग टाइम्स के दफ्तर को कोविड-19 स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.
अपने पाठकों को जारी किए गए एक नोट में 75 साल पुराने अखबार ने कहा कि रविवार से ये उपलब्ध नहीं हो पाएगा.
नोट में कहा गया, ’75 साल की सेवा के बाद, सरकार ने हमें स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का कथित उल्लंघन करता हुआ पाया. इसका मतलब है कि 23 अगस्त से शिलांग टाइम्स उपलब्ध नहीं हो पाएगा.’
नोट में कहा गया है कि शिलांग स्थित अखबार की इमारत को तीन गैर-पत्रकारों के कोविड संक्रमित पाए जाने के बाद कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किया गया है.
इसमें कहा गया, ‘सभी प्रोटोकॉल्स का पालन करने के बावजूद सरकारी आदेश में इसमें खामी पाई गई.’
नोट में कहा गया है कि अखबार जल्द ही वापसी करेगा ‘क्योंकि हमारे भीतर अभी भी बहुत आग है और आप सभी हमारी प्रेरणा हैं.’
हालांकि ये नहीं बताया गया कि अखबार फिर कब से प्रकाशित होगा.
सभी एहतियात बरते गए- संपादक
दिप्रिंट से बात करते हुए द शिलांग टाइम्स की संपादक पेट्रीसिया मुखीम ने कहा कि उन्हें शनिवार देर रात पता चला कि कार्यालय को एक कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘हमारे कर्मचारी अभी परीक्षण से नहीं लौटे हैं इसलिए इस मुद्दे पर आज कुछ नहीं कह सकते. हम आज निर्णय लेंगे कि हम पेपर को फिर से कब शुरू कर सकते हैं. इस सप्ताह तक, हम ऑनलाइन संस्करण शुरू कर सकते हैं.’
उन्होंने कहा कि संगठन ने सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल उपाय किए हैं जैसे कि सैनिटाइजर और हैंडवाशिंग स्पेस बनाना आदि.
मुखिम ने पूछा, ‘यदि एक या दो लोग पॉजिटिव पाए गए हैं तो आप बाकी कर्मचारियों के परिणामों की प्रतीक्षा किए बिना अखबार के कार्यालय के कामकाज को कैसे रोक सकते हैं?’
दिप्रिंट ने पूर्वी खासी हिल्स जिले के उपायुक्त एम वार नोंगबरी से टेक्स्ट मैसेज के जरिए संपर्क किया, जिन्होंने सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे. उनकी तरफ से जवाब आने के बाद इस रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.
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कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन नहीं किया गया: सरकार
शनिवार को जारी किए गए सरकारी आदेश में कहा गया है कि सभी स्टाफ साझा प्रवेश द्वार का इस्तेमाल करते हैं वहीं फेस मास्क और सामाजिक स्वच्छता के सभी प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया जा रहा है.
इसमें कहा गया, ‘आरटी पीसीआर के उच्च-जोखिम वाले संपर्क जिनका कल और आज परीक्षण किया गया, वो आने अभी बाकी हैं.’
आदेश में कहा गया कि जनता की सुविधा के लिए यह जरूरी है कि ऑफिस की इमारत और द शिलांग टाइम्स के स्टाफ क्वार्टर को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया जाए ताकि लोगों की आवाजाही न हो पाए.
इसमें कहा गया, ‘कंटेनमेंट जोन के अंदर और बाहर जाने पर रोक है.’
अखबार पिछले साल तब खबरों में था जब मेघालय हाईकोर्ट ने संपादक मुखीम और प्रकाशक शोभा चौधरी को अवमानना का दोषी पाया था और उन पर 2-2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.
हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय से उन्हें राहत मिल गई थी.
पिछले महीने मेघालय के एक ग्राम परिषद ने मुखीम के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि फेसबुक पर लोसोतुन गांव के पांच लड़कों पर हमले के बारे में उनकी टिप्पणी सांप्रदायिक तनाव को उकसा सकती थी. मुखीम ने अपने पोस्ट में पांच लड़कों पर हमले के अपराधियों की पहचान करने में विफल रहने के लिए लोसोतुन ग्राम परिषद की आलोचना की थी.
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