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Wednesday, 20 November, 2024
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कैसे सिल्वर ओक बंगला नंबर 2 महाराष्ट्र का एक प्रमुख राजनीतिक केंद्र बन गया

2, सिल्वर ओक एनसीपी प्रमुख शरद पवार का घर, एमवीए सरकार के पिछले साल सत्ता में आने के बाद से राजनीतिक गतिविधियों और मीडिया की जमघट का केंद्र बन गया है.

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मुंबई: पिछले हफ्ते शरद पवार के पोते पार्थ पवार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख द्वारा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग के लिए सार्वजनिक रूप से फटकार खाने के बाद, उनके मुंबई आवास पर उनसे मिलने गए.

टेलीविजन कैमरों और पत्रकारों का एक दल पहले से ही गेट पर उनका इंतजार कर रहा था. 30 वर्षीय पार्थ, जब अपनी चाची और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले से मिलकर दो घंटे बाद निकले तो पत्रकारों ने उनसे कई सवाल पूछे.

दक्षिण मुंबई स्थित भुलाभाई देसाई रोड वाले सिल्वर ओक बंगले के लिए ये एक और बड़ा दिन था जो पवार के उदय के बाद से महाराष्ट्र की राजधानी में सबसे महत्वपूर्ण और नए राजनीतिक ठिकानों में से एक बन गया है. पवार शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के तीन दलों वाले महागठबंधन सरकार के सूत्रधार हैं.

नाम न बताने की शर्त पर एक एनसीपी नेता ने कहा, ‘एमवीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से सिल्वर ओक सुर्खियों में रहा है. यहां कई और गतिविधियां हुई हैं, जिनमें विभिन्न दलों के राजनीतिक नेताओं द्वारा की गई यात्राएं शामिल हैं. यह मीडिया के लिए एक नियमित स्थान बन गया है.’


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नंबर 2, सिल्वर ओक

22,000 वर्ग फीट में फैला सिल्वर ओक एस्टेट, विशेष रूप से 1990 के दशक तक पारसी समुदाय के लिए था, जब यह ‘धर्मनिरपेक्ष‘ था. पवार 2013 में पेडर रोड पर रामालय बिल्डिंग के अपने पिछले निवास से बंगला नंबर 2 में चले गए, जहां दिवंगत कांग्रेस नेता मुरली देवड़ा भी रहते थे.

इसलिए, सिल्वर ओक का राजनीतिक पता मुंबई में ज्यादा पुराना नहीं है, जैसे मातोश्री (शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे, और अब उद्धव ठाकरे का घर), वर्षा (मुख्यमंत्री का आधिकारिक निवास), और सह्याद्री (राज्य सरकार का आधिकारिक गेस्ट हाउस) है.

मातोश्री, वर्षा या सह्याद्री के विपरीत, दो मंजिला बंगला भी काफी अलौकिक है. तीनों अन्य जगहों पर कड़ी सुरक्षा का इंतजाम है जहां किसी भी बाहरी लोगों के लिए प्रवेश वर्जित है लेकिन 2 सिल्वर ओक इससे बिल्कुल अलग है.

राजनीतिक टिप्पणीकार प्रताप अस्बे कहते हैं, ‘सिल्वर ओक में कोई भी सीधे जा सकता है. यहां मातोश्री जैसे सुरक्षा के कई स्तर नहीं हैं. सुरक्षा गार्ड आपको बताते हैं कि शरद पवार अंदर हैं या नहीं. आप वहां इंतजार कर सकते हैं और बिना किसी परेशानी के अंदर जा सकते हैं. यह लगभग एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय की तरह है.’

एनसीपी के एक विधायक ने कहा कि पवार के घर के ग्राउंट फ्लोर पर एक छोटा कार्यालय है, जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के सीएम के निजी सहायक और कुछ अन्य लोग बैठते हैं.

विधायक ने कहा, ‘सुरक्षा गार्ड सिर्फ इतना कहते हुए एक नोट में भेजते हैं कि कौन आया है और कहां से हैं. पवार उनके घर आए हर व्यक्ति से मिलते हैं, चाहे मिलने का समय पहले लिया हो या नहीं.’

विधायक ने पूछा, ‘मैंने सुरक्षा गार्डों को थोड़ा और सतर्क रहने के लिए कहा है, वो भी आज के राजनीतिक रूप से प्रेरित घृणा के युग में. हमारे बहुत सारे कर्यकर्ता बिना ज्यादा छानबीन के जाते हैं. हम यह कैसे सुनिश्चित करें कि वे वास्तव में हमारे कार्याकर्ता हैं?’


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सिल्वर ओक में एमवीए का ‘रिमोट कंट्रोल’

महाराष्ट्र चुनाव के बाद ये बंगला विशेष रूप से पिछले साल नवंबर में सुर्खियों में रहा था. पत्रकारों को 2, सिल्वर ओक के सूत्रों से कई जानकारियां मिली, जब राजनीतिक ड्रामा चल रहा था- शिवसेना ने भाजपा के साथ संबंध तोड़ दिया, एनसीपी और कांग्रेस ने शिवसेना के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश की, पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी नेता अजीत पवार को अपने साथ लेकर शपथ ली. फिर, गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया, फड़नवीस ने इस्तीफा दे दिया, अजीत पवार एनसीपी में लौट आए और आखिरकार 28 नवंबर को एमवीए सरकार बनी.

इस दौरान, ठाकरे ने भी सिल्वर ओक में शरद पवार के साथ बैठक की. यह दुर्लभ था क्योंकि उद्धव अपने पिता बाल ठाकरे की तरह लगभग सभी बैठकें और प्रेस कॉन्फ्रेंस मातोश्री में करने के लिए जाने जाते हैं, जबकि पवार हमेशा उन्हें अपने घर के बाहर रखना पसंद करते हैं- या तो एनसीपी कार्यालय में या नरीमन प्वाइंट स्थित वाईबी चव्हाण सेंटर में.

शरद पवार के मीडिया को संभालने वाले दल के एक अधिकारी ने कहा, ‘अब भी, सिल्वर ओक में कुछ खास मौकों पर ही प्रेस कॉन्फ्रेंस होती है, केवल जरूरी मुद्दों पर.’

एक पत्रकार जो कई वर्षों से एनसीपी को कवर कर रहे हैं, ने कहा कि सिल्वर ओक में बैठकें तभी होती हैं जब पार्टी के नेता पवार से मिलने आते हैं.

नाम न बताने की शर्त पर उन्होंने कहा, ‘एनसीपी के सत्ता में आने के बाद से इसमें तेजी आई है.’

उदाहरण के लिए, पिछले हफ्ते ही डिप्टी सीएम अजीत पवार, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और पार्टी के राज्य प्रमुख जयंत पाटिल ने पार्थ को फटकार लगाने के बाद सिल्वर ओक में शरद पवार के साथ बैठक की.

चूंकि पवार इस गठबंधन को एक साथ जोड़े हुए हैं इसलिए यह भी कहा जाता है कि एमवीए सरकार का रिमोट कंट्रोल सिल्वर ओक में है. ठीक उसी तरह जैसे 1995-99 तक शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार में कहा जाता था कि इसका रिमोट कंट्रोल मातोश्री में है.


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दूसरा महत्वपूर्ण पता

मातोश्री, वर्षा और सह्याद्री भी मुंबई के राजनीति के प्रमुख स्थान हैं, हालांकि मातोश्री ने बाकी दोनों के महत्व को कम जरूर किया है.

मुंबई के मालाबार हिल स्थित वर्षा में राजनीतिक गतिविधि तब कम होनी शुरू हो गई जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आधिकारिक घर में रहने से मना कर दिया और मातोश्री से ही काम जारी रखा. उन्होंने वहीं से महत्वपूर्ण बैठकें की और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्य पर नज़र बनाए रखी खासकर महाराष्ट्र में कोरोना फैलने के बाद.

हालांकि पिछले कुछ महीनों में एक बंगला राजनीति का केंद्र बनकर उभरा है- पूर्ववर्ती मेयर का बंगला, जो कि शिवाजी पार्क के पास स्थित है. जो अब प्रस्तावित बाल ठाकरे स्मारक स्थल है. उद्धव ठाकरे ने शरद और अजीत पवार के साथ यहां बैठकें कीं.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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