लखनऊ: आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की एमएस की छात्रा व जूनियर डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या के मामले में आरोपी डाॅक्टर विवेक तिवारी को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. विवेक योगिता का दोस्त था और उसने शादी के इंकार करने के वजह से योगिता का मर्डर कर दिया. उरई में कोविड अस्पताल में कार्यत विवेक को पुलिस ने गुरुवार सुबह गिरफ्तार कर लिया.
आगरा पुलिस के मुताबिक, विवेक ने हत्या का आरोप कबूल करते हुए कहा कि उसने योगिता का पहले गला दबाया और फिर चाकू मारी थी. खून से सना हुआ चाकू पुलिस को डॉक्टर विवेक की कार से मिल गया था.
दिप्रिंट से बातचीत में क्षेत्राधिकारी (सीओ) कोतवाली चमन सिंह चावड़ा ने कहा कि आरोपी विवेक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. उसे उरई से गिरफ्तार किया गया. योगिता के भाई की शिकायत पर बुधवार को ही उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. पुलिस की 4 टीमें इस मामले की जांच में जुटी थीं.
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शादी से किया इंकार तो शुरू हुआ झगड़ा
पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि वह योगिता का एमबीबीएस कोर्स के दौरान सीनियर रह चुका है. वह उससे शादी करना चाहता था लेकिन पिछले एक साल से दोनों में काफी लड़ाई-झगड़ा चल रहा था. विवेक ने बताया कि वह दोनों पहले शादी करना चाहते थे लेकिन बहन नेहा की शादी न होने की वजह से विवेक ने बाद में शादी करने की बात कही थी. इससे योगिता को लगता था कि वह उसे धोखा दे रहा है. कुछ महीने पहले योगिता ने शादी से इंकार कर दिया था. इस कारण दोनों के बीच काफी झगड़ा होता था.
बीते मंगलवार को वह योगिता से मिलने आया था. इस दौरान ही कार में दोनों के बीच झगड़ा हो गया और उसने योगिता का गला दबा दिया और इसके बाद विवेक ने गर्दन पर चाकू मार दी. शव को सड़क किनारे फेंकने के बाद उस पर लकड़ी डाली, जिससे लोग देख न पाएं. जलाने की कोशिश भी की लेकिन जला नहीं पाया और मौके से फरार हो गया.
एसएन मेडकिल काॅलेज से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि डॉक्टर योगिता दिल्ली की रहने वाली थीं. 2017 में उन्होंने आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में पीजी में एडमिशन लिया था. कोरोना काल में डॉक्टर योगिता का कोविड-19 से पीड़ित मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण योगदान रहा. आरोपी डॉक्टर विवेक तीर्थंकर मेडिकल कॉलेज में योगिता से एक साल सीनियर था जहां से योगिता ने एमबीबीएस किया था. वह भी उरई में कोरोना पेशंट का इलाज करता था.
क्वारेंटाइन का नियम तोड़कर गया था आगरा
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विवेक पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में कोरोना संक्रमित मिले प्रशिक्षु कर्मियों के लिए बनाए कोविड अस्पताल का प्रभारी था. यहां से छुट्टी होने के बाद नियमानुसार उसे दस दिन के लिए होम क्वारेंटाइन रहना था. इस नियम का उल्लंघन करके वह आगरा डॉ. योगिता गौतम से मिलने पहुंचा था.
विवेक को भी उसी समय गोली मार देनी चाहिए. ये समाज़ के लिए दानव हैं.