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Saturday, 16 November, 2024
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राहुल गांधी ने कहा- समय आ गया है कि महबूबा मुफ्ती रिहा हों, मोदी सरकार ने लोकतंत्र को क्षतिग्रस्त किया

वहीं शनिवार को पी चिदंबरम ने कहा था कि जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती की हिरासत को बढ़ाया जाना ‘कानून का दुरुपयोग’ और देश के हर नागरिक के ‘संवैधानिक अधिकारों पर हमला’ है.

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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को जम्मू कश्मीर की पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती की रिहाई के बहाने मोदी सरकार पर लोकतंत्र को क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाया और महबूबा के रिहाई की मांग की.

राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत का लोकतंत्र उसी समय क्षतिग्रस्त हो गया जब भारत सरकार ने गैरकानूनी रूप से राजनीतिक नेताओं को बंदी बनाया. समय आ गया है कि महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जाए.’

चिदंबरम ने कहा, हिरासत को बढ़ाया जाना कानून का दुरुपयोग

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती की हिरासत को बढ़ाया जाना ‘कानून का दुरुपयोग’ और देश के प्रत्येक नागरिक के ‘संवैधानिक अधिकारों पर हमला’ है.

साथ ही, उन्होंने महबूबा की फौरन रिहाई की भी मांग की.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, ‘पीएसए के तहत महबूबा मुफ्ती की हिरासत को बढ़ाया जाना कानून का दुरुपयोग और प्रत्येक नागरिक को प्राप्त संवैधानिक अधिकारों पर हमला है.’

चिदंबरम ने कहा, ‘61 वर्षीय एक पूर्व मुख्यमंत्री, 24 घंटे सुरक्षा गार्ड की पहरेदारी में रहने वाली शख्स, जन सुरक्षा के लिये खतरा कैसे हैं?’

पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि पीडीपी नेता (महबूबा) ने सशर्त रिहा किये जाने की पेशकश ठुकरा कर सही की क्योंकि कोई भी आत्मसम्मान रखने वाला नेता यही करता.

उन्होंने कहा कि उनकी हिरासत के लिये दिया गया एक कारण- उनकी पार्टी के झंडा का रंग- हास्यास्पद है.

चिदंबरम ने कहा, ‘वह अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने के खिलाफ क्यों नहीं बोल सकतीं? क्या यह अभिव्यक्ति की स्वत्रंतता का हिस्सा नहीं है?’

उन्होंने कहा, ‘मैं अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने को चुनौती देने के मामले में उच्चतम न्यायालय में पेश होने वाले वकीलों में एक हूं. यदि मैं अनुच्छेद 370 के खिलाफ बोलता हूं- जैसा कि मैं अवश्य बोलूंगा तो क्या जन सुरक्षा को कोई खतरा है.’

उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘हमें अवश्य ही सामूहिक रूप से अपनी आवाज उठानी चाहिए और महबूबा मुफ्ती को फौरन रिहा करने की मांग करनी चाहिए.’

उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत निरुद्ध पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हिरासत शुक्रवार को तीन महीने के लिए बढ़ा दी.

गृह विभाग के आदेशानुसार मुफ्ती गुपकर रोड पर अपने आधिकारिक आवास फेयरव्यू बंगले में अगले 3 महीने और हिरासत में ही रहेंगी. इस बंगले को उप जेल घोषित किया गया है.

पूर्व मुख्यमंत्री की मौजूदा हिरासत की अवधि इस साल पांच अगस्त को खत्म हो रही थी.

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1 टिप्पणी

  1. गधे हैं महामूर्ख भ्रष्टाचार के बादशाह दीमक की तरह राष्ट्र को खोखला कर दिया

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