नई दिल्ली: दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता इरफ़ान खान के बेटे बाबिल खान ने इन्स्टाग्राम पर एक के बाद एक करके कई पोस्ट शेयर किए हैं जिसमें वो अपनी धार्मिक पहचान और इसको लेकर फैले उन्माद से काफी व्यथित नजर आ रहे हैं. वो इसके पीछे कारण बताते हैं कि उन्हें मैसेज में अनजान लोग लगातार एंटी नेशनल कह रहे हैं.
लिखना चाहता हूं लिख नहीं सकता
बुधवार शाम को शेयर की एक पोस्ट में बाबिल खान लिखते हैं, ‘मैं सत्ता में बैठे लोगों के बारे में क्या महसूस करता हूं वो लिख भी नहीं सकता. मेरी पूरी टीम मुझे बताती है कि कैसे ये बात मेरा करियर ख़त्म कर सकती है.’
वह आगे लिखते हैं, ‘क्या आप ये सोच सकते हैं? मैं डरा और सहमा हुआ हूं. मैं फिर से आज़ाद महसूस करना चाहता हूं. मैं ये नहीं चाहता के मेरे धर्म के आधार पर लोग मेरे बारे में धारणा बनाएं. देश की बाक़ी जनता की तरह ही मैं अपना धर्म नहीं हूं, मैं एक इंसान हूं.’
बाबिल लंदन में पढ़ाई करते हैं और इन्स्टाग्राम पर उनके 71.2 हज़ार फॉलोअर्स हैं.
बाबिल अपनी अगली पोस्ट में लिखते हैं, ‘आप चाहते हैं कि ये कहानी शॉर्ट में बताई जाए वो भी बिना किसी का नाम लिए और करियर ख़त्म होने के डर के बिना बताई.’
तो पढ़िए, ‘हर साल ईद पर होने वाली मैंडेटरी छुट्टी जो इस बार शुक्रवार को थी, कैंसिल कर दी गई है लेकिन सोमवार को रक्षाबंधन के लिए छुट्टी दी गई है. कोई बात नहीं, मैं शनिवार के दिन ईद मनाऊंगा.’
वो आगे लिखते हैं, ‘मुझे पता है कि पूरी दुनिया में उन्माद फैला हुआ है लेकिन हमारे सुंदर और सेक्यूलर भारत में हुआ ये धार्मिक बंटवारा डरावना है. मेरे कई दोस्तों ने मुझसे बात करनी बंद कर दी है क्योंकि मैं एक ‘ख़ास’ धर्म से आता हूं.
बाबिल अपनी इस पोस्ट में अपने दोस्तों को मिस करने की बात कहते हैं. वह लिखते हैं, ‘जिन दोस्तों के साथ 12वीं कक्षा में मैं क्रिकेट खेला करता था. मैं अपने उन दोस्तों को बहुत मिस करता हूं. मेरे हिंदू, सिख, ईसाई दोस्त. मैं उन दिनों को मिस करता हूं जब अपने सरनेम के बारे में परवाह नहीं करता था.’
‘जिहादी! तू पाकिस्तान जा ना फिर, यू एंटी नेशनलिस्ट, जैसे कमेंट्स का इंतज़ार कर रहा हूं.’
‘भारत से प्यार करता हूं’
अपनी पोस्ट में बार-बार बाबिल लिखते हैं कि मैं भारत से बहुत प्यार करता हूं, वह लिखते हैं, ‘जब भी लंदन आता हूं हर मैं भारत लौटने का इंतजार करने लगता हूं कि कैसे मैं अपने लोगों के साथ रिक्शा की सवारी कर सकूं. बीच पर पानी पूरी खा सकूं, जगह में घूम सकूं.’
बाबिल एक बार फिर लिखते हैं, ‘मैं अपने देश से प्यार करता हूं. आपकी हिम्मत कैसे हुई मुझे एंटी नेशनलिस्ट बोलने की.’
‘मैं एक बॉक्सर हूं और वादा करता हूं कि अगली बार जब आप ऐसा कहेंगे तो आपकी नाक तोड़ दूंगा.’
हालांकि अपनी नाक तोड़ देने वाली बात के लिए बाद में उन्होंने माफ़ी मांगी और कहा कि उन्होंने ये बातें भावुक होकर लिखी है क्योंकि लोग उन्हें ‘एंटी नेशनल’ बोलकर परेशान कर देते हैं.
वो लिखते हैं, ‘अगर किसी बॉक्सिंग मैच में मैंने किसी का नाक तोड़ भी दी तो उसे कह दूंगा कि वो मेरा नाक तोड़ दे. यही गांधी ने हमें सिखाया है.’
‘नफरत को इग्नोर करो’
इस पोस्ट के बाद कई लोगों ने उनकी पोस्ट पर कई तरह की प्रतिक्रिया दी हैं. किसी ने कहा कि उन्हें ऐसा ‘महसूस करने की ज़रूरत नहीं’ है, तो किसी ने उन्हें बताया कि वो ‘इरफ़ान और सुतापा के बेटे’ हैं और भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं.
इसके साथ ही बाबिल को सपोर्ट करते हुए बॉलीवुड एक्ट्रेस चार्ली चौहान ने एक वीडियो पोस्ट किया. इस पोस्ट में वो लोकतांत्रिक भारत पर एक कविता सुना रही हैं. वो लिखती हैं, ‘हम सब तुम्हारे साथ हैं. नफरत करने वालों को इग्नोर कर दो.’
धार्मिक राष्ट्रवादिता के उन्मादीकरण के इस सर्वसत्त्तावादी मानसिकता के इस दौर में, किसी भी संवेदनशील देश के नागरिक में इस व्यवस्था के खिलाफ बोलना और उसके खतरों से जूझना तो स्वाभाविक है| पर क्या इस डर से हम अपनी देश का एक जिम्मेदार नागरिक होने का हक़ छोड़ दे ? शायद बिलकुल नहीं | तो अपने संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को ध्यान में रखते हुए, हमें लगातार एक संविधानौतर सुरक्षित भारत के निर्माण के लिए भरसक प्रयास करने चाहिए |