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Monday, 25 November, 2024
होमराजनीतिकोविड के बीच अयोध्या में हो रहे भूमि पूजन कार्यक्रम पर 'साइलेंट मोड' की नीति अपनाएंगी यूपी की विपक्षी पार्टियां

कोविड के बीच अयोध्या में हो रहे भूमि पूजन कार्यक्रम पर ‘साइलेंट मोड’ की नीति अपनाएंगी यूपी की विपक्षी पार्टियां

विपक्षी दलों का मानना है कि बीजेपी राम मंदिर निर्माण को अपनी उपलब्धि बताते हुए ही 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी इसलिए विपक्षी पार्टियां कोई भी मौका नहीं देना चाहती है जिससे ये मुद्दा पोलराइज़ हो.

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लखनऊ: अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत सहित देश की 250 से अधिक बड़ी हस्तियों के आने पर उत्तर प्रदेश के विपक्षी दलों ने ‘साइलेंट मोड’ की नीति अपनाने का फैसला किया है. इस कार्यक्रम में विपक्ष के किसी भी बड़े नेता को न्यौता नहीं दिया गया है.

हालांकि असदुद्दीन औवैसी ने पीएम मोदी के अयोध्या जाने पर सवाल उठाए हैं और कहा कि भूमि पूजन में शामिल होना संवैधानिक शपथ का उल्लंघन है.

इस कार्यक्रम में देश की 250 से अधिक बड़ी हस्तियां आ सकती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत भी इसमें शामिल होंगे.

प्रदेश के विपक्षी दलों का मानना है कि बीजेपी राम मंदिर निर्माण को अपनी उपलब्धि बताते हुए ही 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी. इसलिए विपक्षी पार्टियां भाजपा को ऐसा कोई भी मौका नहीं देना चाहती है जिससे ये मुद्दा पोलराइज़ (ध्रुवीकृत) हो जाए और विधानसभा चुनाव का मुख्य मुद्दा बन जाए.

इस क्रम में विपक्षी पार्टियां ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ का सहारा ले सकती हैं. समाजवादी पार्टी से जुड़े एक सूत्र का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव भी आने वाले समय में अयोध्या जाएंगे.

वहीं कांग्रेस सूत्रों का भी कहना है कि लाॅकडाउन के बाद प्रियंका गांधी अयोध्या जाएंगी. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी प्रियंका गांधी ने अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर के दर्शन किए थे.

हालांकि बीएसपी की ओर से अभी ऐसा कुछ प्लान नहीं किया गया है.


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कार्यक्रम का विरोध कर भाजपा को फायदा नहीं पहुंचाना चाहता विपक्ष

समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने अपने स्थानीय नेताओं को इस कार्यक्रम के दौरान किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन और यहां तक कि कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग के मुद्दे को भी उठाने से मना किया है.

समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया कि पार्टी की ओर से निर्देश है कि इस कार्यक्रम में जुटने वाली भीड़ को टीवी डिबेट या सोशल मीडिया का मुद्दा न बनाएं क्योंकि इससे बीजेपी की ध्रुवीकरण की राजनीति को बल मिल सकता है और वे इसे 2022 विधानसभा चुनाव का अहम मुद्दा बना सकती है.

सपा नेता के मुताबिक, ‘योगी सरकार ने पिछले 3 साल में ऐसा कुछ विशेष नहीं किया जिस पर वे चुनाव लड़ सके. ऐसे में वे मंदिर मुद्दे पर ही चुनाव लड़ेंगे. ये मुद्दा उठाकर वे एक तरह का ट्रैप बिछाएंगे ताकि विपक्षी दल फंस जाएं और टीवी, सोशल मीडिया पर वो चर्चा का विषय बन जाए.’

उन्होंने कहा, ‘हम बीजेपी की रणनीति से बखूबी वाकिफ हैं. उनके जाल में नहीं फसेंगे.’

कांग्रेस ने अपने प्रवक्ताओं को ऐसे किसी भी डिबेट कार्यक्रम में हिस्सा लेने से मना किया है जिसमें 5 अगस्त के पीएम मोदी के अयोध्या कार्यक्रम या उसके विरोध को लेकर कोई चर्चा हो.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, ‘कोरोना महामारी के बीच में इतनी भीड़ बुलाने का मकसद ही यही है कि विपक्षी दल इस पर सवाल उठाएं और फिर बीजेपी इस मुद्दे को उठाते हुए अपनी राजनीति करे लेकिन अब हर कोई उनकी स्ट्रैटेजी समझ गया है. हम लोग किसी तरह की टिप्पणी पीएम मोदी के कार्यक्रम पर नहीं करेंगे.’

कांग्रेस से जुड़े एक सूत्र का कहना है कि यूपी में कांग्रेस प्रियंका गांधी के नेतृत्व में एक्टिव हुई है. ऐसे में पार्टी ‘एंटी हिंदू’ का टैग अपने माथे नहीं मढ़ना चाहेगी.

बीएसपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, बसपा राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरा सम्मान करती है लिहाजा इस कार्यक्रम पर सवाल उठाने का कोई इरादा नहीं है.


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अहम मुद्दों पर घेरने से परहेज़ नहीं

समाजवादी पार्टी के एमएलसी उदयवीर सिंह के मुताबिक, पार्टी लगातार कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं के लचर हाल को लेकर योगी सरकार को घेर रही है. कोरोना काल में आम जनमानस को जो भी तकलीफें हो रही हैं हम वो सारे मुद्दे उठा रहे हैं लेकिन हमें पता है कि बीजेपी के ट्रैप से कैसे बचना है और सरकार की लापरवाही को लेकर सवाल भी लगातार उठाने हैं.

वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत का कहना है कि यूपी में कांग्रेस इस वक्त सबसे एक्टिव विपक्षी दल है. इसलिए ये कहना गलत होगा कि वे इस कार्यक्रम के लिए जुटने वाली भीड़ को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग या कोरोना फैलने के डर का मुद्दा उठाने से बच रही है.

उन्होंने कहा कि भगवान राम में सबकी आस्था है और हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हैं. अगर कार्यक्रम के दौरान किसी तरह की बड़ी लापरवाही सामने आती है तो मुद्दा जरूर उठाया जाएगा.


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