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Thursday, 21 November, 2024
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गोमूत्र पार्टी से कोरोनिल और भाभी पापड़ तक, भारत में लगातार गैर-वैज्ञानिक दावे ट्रेंड कर रहे हैं

इस फेहरिस्त में संभवत: सबसे पहले नाम स्वामी चक्रपाणी और योग गुरू रामदेव का लिया जा सकता है. मार्च के दूसरे हफ्ते के अंत में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी ने गोमूत्र पार्टी का आयोजन करावाया था.

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नई दिल्ली: ट्विटर पर शनिवार को जब अचानक से भाभीजी ट्रेंड करने लगा तो ये थोड़ा चौंकाने वाला था. लेकिन इसके पीछे का कारण केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का इसी नाम से एक पापड़ लॉन्च करना था. ट्रेंड और पापड़ के नाम से भी ज़्यादा चौंकाने वाला था केंद्रीय मंत्री का दावा.

आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने की बात करते हुए इस पापड़ के लॉन्च के दौरान मेघवाल ने कहा कि ये कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करेगा. ये दावा गैर-वैज्ञानिक जान पड़ता है लेकिन ऐसा करने वाले मेघवाल पहले नेता नहीं हैं.

मेघवाल के ऐसा करने के ठीक अगले ही दिन भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने एक कदम आगे जाते हुए कहा कि 10 दिन तक शाम सात बजे से हनुमान चालीसा का पाठ करने से कोरोना समाप्त हो जाएगा. कोरोनावायरस का पता चलने के समय से ही ऐसी उटपटांग बातें शुरू हो गई थीं.

इस फेहरिस्त में संभवत: सबसे पहले नाम स्वामी चक्रपाणी और योग गुरू रामदेव के लिए जा सकता है. मार्च के दूसरे हफ्ते के अंत में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी ने गोमूत्र पार्टी का आयोजन करवाया. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुए इस आयोजन में कुल्हड़ में मिल रहे गोमूत्र के ‘सेवन’ के लिए खासी तादाद में लोग इकट्ठा हुए थे.

चक्रपाणी का दावा था कि वायरस एक अवतार है और नॉनवेज खाने वालों को सज़ा देने आया है. यज्ञ करके इसे वापस जाने के लिए मनाने की कोशिश हुई. लेकिन हर बीतते दिन के साथ मामले बढ़ते चले गए.


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फिर 25 अप्रैल को बाबा रामदेव ने एक टीवी चैनल पर दावा किया कि अगर कोई अपने नाक में सरसों का तेल डालता है तो कोरोना उसके पेट में चला जाएगा और वहां मौजूद एसिड से मर जाएगा.

जून के अंत में रामदेव की पतंजली ने कोरोनिल नाम की दवा को लॉन्च करते हुए दावा किया कि इससे कोरोना ठीक हो जाएगा. इसके लॉन्च के बाद बवाल मच गया और आयुष मंत्रालय ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी दवा की जानकारी ही नहीं है. बाद में आयुष मंत्रालय ने इसके प्रचार पर रोक लगा दी.

इसी फेहरिस्त में एक नाम है सांसद रामदास अठावले का. कोरोना महामारी जब भारत में पैर पसार रहा था तब अठावले का ‘गो कोरोना गो‘ गाते हुए वीडियो वायरल हुआ था.

हालांकि, कोरोना के मामले फिर भी कम नहीं हुए. ‘गो कोरोना गो’ गाने के पीछे का तर्क ये था कि तेज़ आवाज़ करने से कोरोना भाग जाएगा. यही दावा व्हाट्सएप पर भी वायरल हो गया जिसके बाद 23 मार्च को जनता कार्फ्यू वाले दिन न जाने कितने लोगों ने थाली पीटते हुए ‘गो कोरोना गो’ किया लेकिन देखते-देखते कुल मामलों की संख्या के मामले में भारत तीसरे नंबर पर पहुंच गया.


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नेताओं की ऐसी सलाह का लोगों ने भी जमकर साथ दिया. पीएम मोदी ने जब दिया जलाने और थाली पीटने का टास्क दिया तो लोग पटाखे फोड़ने लगे और महाराष्ट्र में तो लोग कोरोना विसर्जन के लिए भी निकल गए.

ऐसा नहीं है कि इसमें गैर-भाजपा नेता पीछे रहे हों. कर्नाटक के बेंगलुरू के उल्लाल म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन से कांग्रेस के काउंसिलर राघवेंद्र गट्टी ने राह सुझाई की 90 एमएल रम में एक चम्मच काली मिर्च मिलाकर अपनी उंगली से इसे हिलाएं और पी जाएं.

उन्होंने दो हाफ फ्राई ऑमलेट खाने की भी सलाह दी और कहा कि ऐसा करने से कोरोनावायरस गायब हो जाएगा. हालांकि, ऐसे बेतुके दावों की बाढ़ के बीच भारत में कोविड-19 के मामले बेहद तेज़ी से बढ़ रहे हैं.

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