राजस्थान के राज्यपाल का कैबिनेट की सलाह पर विधानसभा सत्र बुलाने से इंकार करना संवैधानिक व्यवस्था और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लंघन है. यह दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय है. नरेंद्र मोदी के शासनकाल में राजभवन तेजी से इंदिरा गांधी के शासनकाल की तरह बन रहे. राज्यपालों को केंद्र के राजनीतिक एजेंटों की तरह काम करना बंद करना चाहिए.