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Saturday, 16 November, 2024
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यूपी में ‘181 महिला हेल्पलाइन’ कर्मचारियों को जल्द मिलेगी बकाया सैलरी, सरकार ने ‘112 पुलिस हेल्पलाइन’ से इसे जोड़ा

दिप्रिंट ने बीते बुधवार को महिला कर्मचारियों की सैलरी पिछले एक साल से नहीं मिलने का मुद्दा उठाया था. जिसके बाद उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने भुगतान जल्द किए जाने की घोषणा की है.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने घोषणा की है कि ‘181 महिला हेल्पलाइन’ का संचालन अब ‘112 पुलिस हेल्पलाइन’ से संबद्ध किया जाएगा. वहीं महिला हेल्पलाइन से जुड़ी रहीं 361 महिला कर्मचारियों की एक साल की सैलरी का भुगतान जल्द ही किया जाएगा.

दिप्रिंट ने बीते बुधवार को महिला कर्मचारियों की सैलरी पिछले एक साल से नहीं मिलने का मुद्दा उठाया था.

उत्तर प्रदेश सरकार ने इससे संबंधित प्रेस बयान में कहा है कि प्रदेश के 75 जिलों में 181 महिला हेल्पलाइन का संचालन महिला व बाल विकास विभाग द्वारा जीवीके-एमआरआई संस्था द्वारा कराया जा रहा था. अब प्रदेश की कैबिनेट ने फैसला लिया है कि इसे पुलिस हेल्पलाइन 112 से संबद्ध किया जाएगा.

बयान में ये भी कहा गया है कि यहां काम कर रहीं कर्मियों का ड्यू पेयमेंट (बकाया राशि) जल्द ही मुहैया कराया जाएगा. विभाग द्वारा जनपद स्तर पर सत्यापन कराने के बाद एक हफ्ते के भीतर जीवीके-एमआरआई को भुगतान कर दिया जाएगा.


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112 हेल्पलाइन का प्रारूप पहले जैसा ही होगा

सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मौजूदा हेल्पलाइन 112 का प्रारूप पहले जैसा ही होगा.

नए हेल्पलाइन के तहत घरेलू हिंसा, बलात्कार, यौन शोषण जैसी घटनाओं की पीड़िताओं के अलावा बेसहारा बुजुर्ग महिलाओं और मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं की मदद की जाएगी.

इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह ने दिप्रिंट को भरोसा दिलाया था कि जल्द ही वह इस समस्या का समाधान करेंगी.

मंत्री ने दिप्रिंट से कहा था, ‘उनकी जानकारी में ये आया है कि कुछ ‘टेक्निकल कारणों’ से ये सैलरी रुकी थी. वह इन कारणों का पता लगा कर इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाएंगी.’

उनके मुताबिक, योगी सरकार महिलाओं के प्रति काफी संवेदनशील है. उन्हें पूरा न्याय मिलेगा. उन्होंने ये भी कहा कि हर महिला कर्मचारी का पूरा पेयमेंट मिलेगा.

बता दें कि दर्जनों की संख्या में इन महिला कर्मचारियों ने गुरुवार को लखनऊ के ईको गार्डन में विरोध प्रदर्शन किया जिसके बाद महिला कल्याण विभाग के अधिकारियों ने इनसे मुलाकात की और भुगतान जल्द से जल्द कराने की बात कही.

पिछले एक हफ्ते से ये महिलाएं लगभग रोजाना प्रदर्शन कर रही थीं.


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एक साल की सैलरी है बकाया

181 महिला हेल्पलाइन की 361 महिला कर्मचारियों को साल भर से पेयमेंट नहीं मिला है. वहीं जून में इस सर्विस को भी बंद कर दिया गया जिसके बाद से ये महिलाएं लगातार न्याय की मांग कर रही थीं.

इनकी टीम लीडर के तौर पर कार्यत रहीं पूजा पांडे ने दिप्रिंट को बताया, ‘पिछले एक साल से 181 सर्विस से जुड़ी किसी भी महिला कर्मचारी को वेतन नहीं मिला है.’

उन्होंने कहा, ‘वह यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, महिला कल्याण विभाग मंत्री समेत विभाग के तमाम अधिकारियों को कई बार पत्र लिख चुकी हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.’

‘आशा ज्योति केंद्र’ से ‘मेरी सखी-वन स्टॉप सेंटर’ तक

प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल के दौरान 8 मार्च 2016 को इस महिला हेल्पलाइन योजना की शुरुआत हुई थी. इसे आशा ज्योति केंद्र  नाम दिया गया था.

इसका उद्देश्य एक ही छत के नीचे महिलाओं को शेल्टर होम से लेकर कानूनी व चिकित्सकीय मदद की व्यवस्था देनी थी. उस वक्त 11 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे लांच किया गया था.

प्रदेश में नई सरकार आने के बाद इसका नाम मेरी सखी-वन स्टॉप सेंटर  रख दिया गया.

23 जून 2017 को बाकी 64 जिलों में भी इस नाम से योजना को लांच कर दिया गया और लखनऊ स्थित काॅल सेंटर में कैपेसिटी बढ़ाते हुए 3 शिफ्ट में इसे रखने का फैसला किया गया.

कॉल सेंटर संचालन का जिम्मा 108 एवं 102 एंबुलेंस चलाने वाली जीवीके-ईएमआरआई कंपनी को दिया गया. यहां 90 टेलीकाॅलर, 4 टीम लीडर और 267 फील्ड काउंसलर कार्यरत थीं.


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