scorecardresearch
Thursday, 19 December, 2024
होमदेशसाउथ मुंबई के रिहाइशी इलाकों में कोविड के मामले बढ़े, स्लम्स के बाद अब अपार्टमेंट टावर्स के लोग हो रहे हैं संक्रमित

साउथ मुंबई के रिहाइशी इलाकों में कोविड के मामले बढ़े, स्लम्स के बाद अब अपार्टमेंट टावर्स के लोग हो रहे हैं संक्रमित

पिछले महीने भर के भीतर साउथ मुंबई के मालाबार हिल और पड़ोसी इलाकों में शहर के तमाम दूसरे क्षेत्रों के मुकाबले सील की हुई इमारतों की संख्या सबसे अधिक 285 हो गई है.

Text Size:

मुंबई: 22 जून को, मुंबई नगर निगम ने मालाबार हिल के एक सबसे सम्पन्न रिहाइशी परिसर को सील कर दिया क्योंकि एक हफ्ते के अंदर वहां 21 केस पाए गए थे.

एक महीने से कम में साउथ मुंबई के पॉश इलाके मालाबार हिल और उसके पड़ोसी इलाकों में जो मुंबई की डी वॉर्ड प्रशासनिक इकाई का हिस्सा हैं, शहर के तमाम दूसरे क्षेत्रों के मुकाबले, सील की हुई इमारतों की संख्या सबसे अधिक- 285 हो गई है.

लेकिन कोविड पॉज़िटिव मामलों की रोज़ाना वृद्धि और डबलिंग रेट के मामले में पूरे मुंबई और उपनगरीय इलाकों में फैले, मुंबई के 24 प्रशासनिक वॉर्ड्स में, डी वॉर्ड का प्रदर्शन तीसरा सबसे खराब है.

बृहन्मुम्बई नगर निगम (बीएमसी) के अधिकारियों का कहना है कि यहां पर मामलों में आई तेज़ी का कारण ये है कि ऊंची इमारतों को घरेलू नौकरों और ड्राइवर्स के लिए खोल दिया गया जिनमें से बहुत से अपने गांवों से वापस आए थे और साथ ही काम के लिए लोग शहर के अंदर और बाहर आवाजाही करने लगे.

मुंबई में डबलिंग रेट दूसरा सबसे कम

कुल मिलाकर, 19 जुलाई तक डी वॉर्ड में कोविड के कुल 3,648 मामले दर्ज हो चुके हैं, जो पिछले हफ्ते के मुकाबले 12.3 प्रतिशत अधिक है, जब 12 जुलाई को 3,246 मामले दर्ज थे.

इस दौरान मुंबई में कोविड पॉज़िटिव मामलों की संख्या 8.8 प्रतिशत बढ़कर 98,603 पहुंच गई.

इसकी तुलना में 2 जून को वॉर्ड में 1,258 मामले दर्ज थे और रोज़ाना वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत थी जबकि पूरे शहर में ये औसत 3.64 प्रतिशत था.

डी वॉर्ड के 3,648 पॉज़िटिव मामलों में से 874 फिलहाल एक्टिव हैं. वॉर्ड का डबलिंग रेट 42 दिन है जबकि मुंबई का औसत डबलिंग रेट 57 दिन है.


यह भी पढ़ें: हैदराबाद में ईद से पहले कसाईयों का कोविड परीक्षण किया जायेगा


‘ऊंची इमारतों में हैं मामले, स्लम्स में लगभग गायब’

साढ़े तीन लाख की आबादी के साथ, डी वॉर्ड में मुंबई की कुछ सबसे महंगी संपत्तियों के पते हैं, जैसे कि मालाबार हिल, नेपियन सी रोड, वाल्केशवर, पेडर रोड, अल्टामाउंट रोड, कैंप्स कॉर्नर वगैरह.

डी वॉर्ड के सहायक निगम आयुक्त प्रशांत गायकवाड़ ने कहा, ‘मई तक वॉर्ड में 60-65 प्रतिशत मामले, स्लम्स और चॉल्स में हुआ करते थे. आज वो 5 प्रतिशत भी नहीं हैं. हमारे अधिकांश मामले ऊंची बिल्डिंगों में हैं’.

गायकवाड़ ने आगे कहा कि पता चल रहे मामलों में तीस प्रतिशत में संक्रमण की वजह घरेलू नौकर हैं. उन्होंने कहा, ‘बहुत सारी ऊंची बिल्डिंग्स ने जून से घरेलू नौकरों और ड्राइवर्स को बुलाना शुरू कर दिया. उनमें से बहुत से तभी गांवों से वापस आए थे या दूसरे वॉर्ड्स से आ रहे थे. अब यहां के निवासी सक्रिय होकर अपने घरेलू नौकरों के टेस्ट करा रहे हैं’.

‘और जब भी मुझे किसी बिल्डिंग से कोई केस मिलता है तो उसी घर से हमें 2-3 केस और मिलते हैं. ज़्यादातर बिना लक्षण के होते हैं’.

उस बिल्डिंग के अंदर भी जिसे 22 जून को सील किया गया, 21 में से 19 कोविड पॉज़िटिव मामलों में या तो घरेलू नौकर थे, ड्राइवर्स थे या फिर सिक्योरिटी स्टाफ थे.

वॉर्ड ऑफिसर ने ये भी कहा कि वॉर्ड में बहुत से लोग, हाई-प्रोफाइल जॉब्स या कारोबार में हैं. गायकवाड़ ने कहा, ‘पिछले महीने से वो शहर के अंदर और बाहर ट्रैवल कर रहे हैं’.

प्रतिक्रिया

कारमाइकल रोड एएलएम (एडवांस लोकैलिटी मैनेजमेंट) के सचिव अनंत पटेल ने कहा कि उनके इलाके की सभी बिल्डिंग्स में, हर मुमकिन एहतियात बरती जा रही है. गैर-ज़रूरी विजिटर्स को नहीं आने दिया जा रहा, जहां तक मुमकिन हो घरेलू नौकरों को घर में ही रखा जा रहा है, ड्राइवर्स का इस्तेमाल कम हो रहा है और कॉमन एरियाज़ सैनिटाइज़ किए जा रहे हैं.

पटेल जो देश की पहली गगनचुंबी इमारत ऊषा किरण बिल्डिंग के निवासी हैं, ने कहा कि उनकी सोसाइटी ने एक कोविड टास्कफोर्स बनाई है, जो अपने सदस्यों से परामर्श करके परिसर के अंदर लॉकडाउन में ढील के फैसले लेती है.


यह भी पढ़ें: भारत के दक्षिणी राज्यों में लगभग 10 लाख महिलाओं ने कैसे बंद किया बीड़ी बनाना


पटेल ने बताया, ‘टास्कफोर्स में करीब 10 लोग हैं. हम नापतोल कर जोखिम ले रहे हैं. अगर कोई सीनियर सिटिज़ंस हैं, तो हम उन्हें अपने परिवारों से मिलने देते हैं. ड्राइवर्स को पूरे दिन इधर उधर बैठे रहने की इजाज़त नहीं है और हमने रेज़िडेंट्स से अनुरोध किया है कि उन्हें ज़रूरत पड़ने से सिर्फ दस मिनट पहले बुलाएं’. उन्होंने आगे कहा कि टास्क फोर्स, सोसाइटी गार्डन में या जूम जैसे एप पर नियमित रूप से सोशल डिस्टेंसिंग मीटिंग्स कर रही है.

पेडर रोड पर एक रिहाइशी परिसर की निवासी उज्ज्वला सिंघानिया ने कहा, ‘नज़दीकी परिवार के अलावा किसी विज़िटर को बिल्डिंग में आने की इजाज़त नहीं है. सारा स्टाफ यहीं पर रह रहा है. ड्राइवर्स सिर्फ गेट तक आ सकते हैं. हर कोई थोड़ा डरा हुआ है. हम सब एहतियात बरत रहे हैं’.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments