scorecardresearch
Friday, 20 December, 2024
होमदेशछत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना की तारीफ के बाद अब आरएसएस के नेता देना चाहते हैं कंसल्टेंसी

छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना की तारीफ के बाद अब आरएसएस के नेता देना चाहते हैं कंसल्टेंसी

आरएसएस के नेताओं का कहना है कि उनके प्रस्ताव का भाजपा और कांग्रेस की राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. यह समर्थन गायों के संरक्षण, रासायनिक खाद रहित खेती और प्रदेश में ग्रामीण आर्थिक स्थिति को मजबूती देने वाले मुख्यमंत्री के लिए है.

Text Size:

रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के गोबर खरीदने की ‘गोधन न्याय योजना’ की प्रशंसा के बाद आरएसएस के नेता अब इस योजना के लिए सरकार का कन्सल्टेंट बनने की इच्छा रखते हैं. आरएसएस के नेताओं का कहना है कि उनके प्रस्ताव का भाजपा और कांग्रेस की राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. उनका यह समर्थन गायों के संरक्षण, रासायनिक खाद रहित खेती और प्रदेश में ग्रामीण आर्थिक स्थिति को मजबूती देने वाले मुख्यमंत्री के लिए है.

दिप्रिंट से बात करते हुए आरएसएस के नेताओं ने बताया की मुख्यमंत्री के साथ 7 जुलाई को हुई एक बैठक में उन्होंने सरकार द्वारा किसानों से खरीदे जाने वाले गोबर का दाम डेढ़ रुपए प्रति किलो से बढ़ाकर पांच रुपये करने को कहा था. लेकिन सरकार ने गोबर के दाम में मात्र दो रुपए की वृद्धि की.

संघ के नेताओं का मानना है कि सरकार ने जो दो रुपए बढ़ाए हैं वह भी उनके पैरवी के बाद किया.

आरएसएस ने क्या कहा है

आरएसएस नेता और प्रचारक भुनेश्वर साहू ने बताया कि ‘यदि सरकार चाहे तो हम उसके इस अभियान में पूरी कंसल्टेंसी दे सकते हैं. हमारे पास गाय के गोबर और गौमूत्र से वर्मीकम्पोस्ट और कीटनाशक बनाने की विशेषज्ञता है, जिसका इस्तेमाल हम किसानों को उचित प्रशिक्षण देकर पिछले कई महीनों से कर रहे हैं. हमने प्रदेश भर में 4 नवंबर 2019 को गौ ग्राम स्वावलंबन अभियान की शुरुआत की. हमारा यह अभियान एक प्रकार से राज्य सरकार कि गौधन न्याय योजना का पूर्ववर्ती कहा जा सकता हैं. इस अभियान के तहत किसानों और ग्रामीणों को गाय के गोबर और गौमूत्र से आर्गेनिक खाद के साथ कीटनाशक बनाने की विधि बताई जाती है. अबतक प्रदेश के करीब सभी ब्लॉकों में प्रशिक्षण का काम कर लिया गया है. इससे किसानों को बड़ी संख्या में लाभ हो रहा है.’

साहू जो आरएसएस द्वारा चलाए जा रहे अभियान के समन्वयक भी हैं आगे कहते हैं, ‘हमने मुख़्यमंत्री भूपेश बघेल की तारीफ उनको कांग्रेस नेता मानकर नहीं किया है, बल्कि पूरे राज्य के मुखिया होने के नाते किया था. कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक रंग देना चाहा. लेकिन उनको पता होना चाहिए कि आरएसएस एक गैर-राजनीतिक संगठन जो राष्ट्र और जनता की मदद के लिए काम करने वालों की तारीफ करता है. हमारा मत है कि मजबूत ग्रामीण आर्थिकी ही देश के विकास की कुंजी है. गाय को हमने माता का दर्जा दिया है. इसे साकार तभी कर सकते जब गोबर और गौमूत्र का इस्तेमाल विकास के लिए हो.’


यह भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ की नई पुनर्वास योजना, पुलिस दंतेवाड़ा में 1600 में से 500 नक्सलियों का कराएगी सरेंडर


आरएसएस के एक अन्य प्रचारक सुबोध राठी जो 7 जुलाई को मुख्यमंत्री के साथ बैठक में मौजूद थे कहते हैं, ‘हम सरकार द्वारा ग्रामीणों के विकास और उनको आर्थिक तौर पर मजबूत करने की हर मुहिम में मदद करने को तैयार हैं. ग्रामीण आर्थिकी के लिए गोबर और गौमूत्र का बिज़नेस मॉडल एक बहुत सफल अभियान हो सकता है. यह खेतों को रासायनिक खादों की मार से बचा सकता है. मुख्यमंत्री के साथ हमारी सरकार की गोधन न्याय योजना एक प्रकार से हमारे द्वारा 2019 में शुरुआत की गई गौ ग्राम स्वावलंबन अभियान का ही रूप है.’

आरएसएस नेताओं का कहना है कि मानसून के बाद उनके द्वारा पूरे देश में एक हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा. जिसका लक्ष्य गोबर खरीदी का दाम पांच रुपए प्रति किलो और केंद्र सरकार द्वारा वर्मीकम्पोस्ट के अधिक इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग होगी. इस अभियान में आरएसएस के नेता 50 लाख किसानों को शामिल करना चाहते हैं.

भाजपा ने उड़ाया था मजाक

ज्ञात हो की भूपेश बघेल सरकार द्वारा 25 जुलाई को गोबर खरीदी योजना के एलान के बाद भाजपा नेताओं ने इसे गोबर इकोनॉमिक्स की संज्ञा देकर इसका मजाक उड़ाया था. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री अजय चंद्राकर ने अपने एक ट्वीट में कहा था कि गोबर के महत्व को देखते हुए अब इसे राज्य का प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए.

वहीं, दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने इसे सरकार द्वारा अपने चुनावी वादा खिलाफी और असफलताओं से जनता का ध्यान हटाने का प्रयास कहा था. रमन सिंह ने कहा था कि उन्हें ‘सरकार की गंभीरता पर संशय है क्योंकि पिछले डेढ़ साल में जनता से किये गए वादों से सरकार मुकर चुकी है.’

हरेली उत्सव के अवसर पर ‘गोधन न्याय योजना’ की शुरुआत हुई

गौरतलब है की बघेल सरकार 2019 में शुरू किये गए नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी कार्यक्रम के तहत बनाए जा रहे गायों के बाड़े जिन्हें स्थानीय बोली में गोठान कहा जाता है को गोधन न्याय योजना के लिए गोबर खरीदी केंद्र के रूप में उपयोग करेगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली उत्सव के अवसर पर ‘गोधन न्याय योजना’ की शुरुआत की और रायपुर में समारोह में भाग लिया. प्रदेश में इस योजना के लिए अब तक 5300 गोठान स्वीकृत हो चुकें है, जिसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 2,78,508 गोठान तैयार है. इन्हीं गोठनों से योजना की शुरूआत हुई है.

गोठान में गोवंशीय और भैसवंशीय पशुपालक से गोठान समितियां गोबर खरीदकर कर उसमें वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार करेंगी. राज्य सरकार का मानना है कि इससे जैविक खेती को बढ़ावा, रोजगार के नए अवसर के साथ गौपालन और गाय की सुरक्षा भी होगी. इसके अलावा खुली चराई की वजह से खेती को होनेवाली नुकसान से बचाया जा सकेगा.

share & View comments