लखनऊ: दिसंबर 2018 में यूपी के बुलंदशहर में हुई हिंसा के आरोपी शिखर अग्रवाल को प्रधानमंत्री कल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान कार्याक्रम का जिला महामंत्री बनाने पर हुए विवाद के बाद बीजेपी नेता अब इसे अपनी भूल बता रहे हैं. इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के आरोप में वह जेल गया था. जमानत पर चल रहे शिखर को इस पद का सर्टिफिकेट खुद बीजेपी के बुलंदशहर जिलाअध्यक्ष अनिल सिसौदिया ने दिया है. सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होते ही उन्होंने इस पूरे मामले से दूरी बना ली है.
बुलंदशहर हिंसा के आरोपी शिखर अग्रवाल को प्रधानमंत्री जन-कल्याणकारी योजना जागरुकता अभियान जिला मंत्री पद से हटाया गया था.
बढ़ते विवाद को देखते हुए अनिल ने स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि इस मामले का बीजेपी का लेना-देना नहीं है. ये एक निजी संस्था का कार्यक्रम था. उन्हें आमंत्रित किया गया तो वह चले गए. अनिल का कहना है कि बुलंदशहर हिंसा के आरोपी शिखर अग्रवाल के बारे में भी जानकारी नहीं थी. वह कई लोगों को वह चीफ गेस्ट के तौर पर सर्टिफिकेट बांट रहे थे तो उसमें शिखर भी था.
वहीं बीजेपी स्टेट यूनिट ने भी पूरे मामले से दूरी बना ली है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने कहा है कि कोई निजी संस्था प्रधानमंत्री की योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम करा रही होगी, ये संस्था कौन है ये जांच का विषय है. इसका फिलहाल बीजेपी से कोई लेना-देना नहीं है.
नवीन ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा कि जिलाध्यक्ष ने दंगे के आरोपी को सर्टिफिकेट क्यों दिया इस पर पार्टी की ओर से उनसे सवाल-जवाब किया जाएगा. बीजेपी ऐसे किसी भी विवादित व्यक्ति को सम्मानित करने के पक्ष में नहीं है. वह इस घटना के बारे में शीर्ष नेतृत्व को जानकारी देंगे.
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वहीं प्रधानमंत्री कल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान के पश्चिम यूपी अध्यक्ष डॉ. यतेंद्र सेन ने कहा है कि ये एक समिति है जिसका बीजेपी से लेना-देना नहीं है. ये समिति केंद्र सरकार की योजनाओं का जनता के बीच प्रचार करती है. इस समिति में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू, केंद्रीय मंत्रीय रमेश पोखरियाल समेत भाजपा के 7 सांसद हैं. यतेंद्र के मुताबिक, सर्टिफिकेट पाने वालों में शिखर अग्रवाल का नाम कैसे आया इसकी जांच कराई जाएगी. ये संस्था ऐसे किसी भी आरोपी को सर्टिफिकेट देने के पक्ष में नहीं है.
विपक्षी दलों ने उठाए सवाल
यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि बुलंदशहर में एक ईमानदार पुलिस अधिकारी जिसने उत्तर प्रदेश को एक बड़ी आग में जलने से बचा लिया था और बचाने में अपने प्राणों की आहुति दे दी उन स्पेक्टर की हत्या करने वाले मुख्य आरोपी शिखर अग्रवाल जिसे भारतीय जनता पार्टी के नेता सर्टिफिकेट दे रहे हैं. यह दिखाता है कि आखिर उत्तर प्रदेश में अपराध क्यों बढ़ रहा है. क्यों प्रदेश में जंगलराज है. जब ऐसे अपराधियों को भाजपा संरक्षण देती है स्वाभाविक है भारतीय जनता पार्टी का चरित्र उत्तर प्रदेश की जनता के सामने एक्सपोज हो चुका है.
आम आदमी पार्टी के सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह ने कहा है- क्यों योगी सरकार और भाजपा शहीद सुबोध सिंह के परिवार के दर्द पर नमक छिड़क रही है? यूपी पुलिस का कौन सा अधिकारी ड्यूटी के लिये अपनी शहादत देगा, इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या का प्रमुख आरोपी शिखर अग्रवाल बीजेपी का पदाधिकारी और पीएम जन कल्याण योजना का महामंत्री बनाया गया.
रिहाई पर माला पहनाकर हुआ था स्वागत
बता दें कि 3 दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर के स्याना इलाके में कथित रूप से गोवंश के अवशेष मिलने के बाद हिंसा फैल गई थी. इस दौरान समझाने पहुंची पुलिस आक्रोशित भीड़ ने हमला कर दिया. इस हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बाद में हमलावरों ने सुबोध कुमार के शव को उनकी ही सरकारी गाड़ी में डालकर जलाने की कोशिश भी की थी.
इसके बाद अगस्त 2019 में हिंसा के 33 आरोपियों में से 7 को जमानत मिल गई थी जिसमें शिखर अग्रवाल भी शामिल था. आरोपियों का स्वागत फूला-माला पहना कर किया गया था.