लखनऊ: यूपी विधानसभा के सामने शुक्रवार को अमेठी की दो महिलाओॆ (मां-बेटी) ने आत्मदाह करने का प्रयास किया. मौके पर मौजूद पुलिस ने दोनों के शरीर पर कंबल डालकर आग बुझाई और सिविल अस्पताल में भर्ती कराया. जहां दोनों की हालत गंभीर बताई जा रही है. पुलिस मुताबिक, जमीन का विवाद है. इस मामले में जामो थाने में मारपीट व छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज हुआ था. दोनों ने प्रशासन व पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है.
संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था नवीन अरोरा के मुताबिक मां-बेटी अमेठी के जामो की रहने वाली हैं. वहां कुछ लोगों से नाली का विवाद था. इसे लेकर मारपीट हुई थी. बेटी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था. दोनों वहां की पुलिस व प्रशासन पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार शाम को लोकभवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया है.
पुलिस कर्मी निलंबित- नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज
मां-बेटी द्वारा लखनऊ में आत्मदाह की कोशिश के मामले में अमेठी के जामो थाने के प्रभारी निरीक्षक सहित तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है तथा लखनऊ में कांग्रेस नेता और एमआईएम नेता समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
जिलाधिकारी अरूण कुमार एवं पुलिस अधीक्षक ख्याति गर्ग ने बताया कि कि साफिया का उसके पड़ोसी से नाली को लेकर कोई विवाद था. इस मामले में नौ जुलाई को मारपीट भी हुई थी. उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई की थी.
गर्ग ने बताया कि गुड़िया (55 वर्ष) एवं उसकी मां ने आत्मदाह के प्रयास से संबंधित कोई पत्र नहीं दिया था और न ही खुफिया विभाग के पास इसकी कोई जानकारी थी.
पुलिस के मुताबिक, इस मामले में अमेठी में AIMIM जिला अध्यक्ष कदीर खान, अमेठी कांग्रेस के नेता अनूप पटेल का नाम सामने आया है. इसके अलावा आसमा नाम की महिला और सुल्तान का नाम इस षडयंत्र में आया है. थाना हजरत गंज में इस मामले में केस दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया कि इस मामले में थाना प्रभारी जामो रतन सिंह, एक उप निरीक्षक एवं एक सिपाही को निलंबित कर दिया गया है. मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी गयी है और जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे ने लखनऊ में पत्रकारों को बताया, ‘ऐसी जानकारी मिली है कि यह पूरी घटना प्रथम दष्ट्या एक साजिश है, जिसके तहत महिला को कुछ लोगों ने इस काम के लिये उकसाया.’
यूपी में जंगलराज
अनूप पटेल (यूपी कांग्रेस प्रवक्ता) का कहना है कि अमेठी की दो पीड़िताओं द्वारा न्याय न मिलने पर विधानसभा के समक्ष आत्मदाह करना योगी सरकार के भयानक जंगलराज का सबूत है. मैं पीड़िताओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिये प्रार्थना करता हूं.
उन्होंने आगे कहा, ‘पीड़िताओं को अमेठी प्रशासन से न्याय न मिलने की वजह से वे दर-दर भटक रही थी. कुछ दिन पहले पीड़िता कांग्रेस कार्यालय आकर न्याय की फरियाद किया था. मैंने उस दिन पीड़िता का पक्ष मीडिया के समक्ष रखने में सहयोग किया था.’ उसके बाद पीड़िता से किसी भी तरह का संपर्क नही हुआ है.
पटेल आगे कहते हैं, ‘लखनऊ पुलिस द्वारा मेरे ऊपर जो आरोप लगाये गये वे पूरी तरह से बेबुनियाद और मनगढंत है मैंने कल किसी भी मीडियाकर्मी को फोन नही किया.सरकार और प्रशासन अपनी असफलता को विपक्ष पर मढ़ रही हैं.’
पांडे ने बताया कि इन दोनों महिलाओं से कहा गया था कि वे लखनऊ आएंगी, तो उनकी मांग सुर्खियों में आएगी.
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि ये लोग उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में अनूप पटेल से मिले. इस संबंध में लखनऊ के एक मीडिया कर्मी से संपर्क किया गया. मीडियाकर्मी ने इस बात की पुष्टि की है कि उससे इस मामले को सुर्खियों में लाने को कहा गया था. सबूतों के अनुसार अनूप पटेल ने इन दोनो मां-बेटी को आग लगाने के लिये उकसाया.’
इस बीच, श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के अधीक्षक आशुतोष दुबे ने शनिवार को बताया कि मां करीब 90 प्रतिशत जल गयी है और उनकी हालत गंभीर है, जबकि बेटी 15 प्रतिशत जली है और उनकी हालत स्थिर है. मां को जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है .