नई दिल्ली: सचिन पायलट को कांग्रेस ने राजस्थान कांग्रेस के उपमुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया है. पायलट लगातार पार्टी और सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने हुए थे. वह विधायक दल बैठक में बार-बार बुलाने पर भी नहीं आ रहे थे. पार्टी के सीनियर नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसकी जानकारी दी है. सुरजेवाला ने कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा को उनकी जगह नियुक्त किया गया है.
पायलट ने इसके बाद ट्वीट कर कहा है, ‘सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं.’
सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) July 14, 2020
इसके साथ ही पार्टी ने कड़ा रुख अपनाते हुए पायलट खेमे में गए सरकार के दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह एवं रमेश मीणा को भी उनके पदों से तत्काल हटा दिया है. पार्टी ने मौजूदा राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं आने वाले तथा पायलट के साथ गए मंत्रियों के अलावा दो अन्य विधायकों को भी उनके पदों से हटा दिया है.
मंत्री पद से हटाए जाने के बाद विश्वेंद्र सिंह ने ट्वीट कर लिखा, ‘वह दिन जिसका वादा है, जो लौह-ए-अज़ल मे लिखा है… हम देखेंगे !’
वह दिन जिसका वादा है,
जो लौह-ए-अज़ल मे लिखा है…
हम देखेंगे !— Vishvendra Singh Bharatpur (@vishvendrabtp) July 14, 2020
सचिन पायलट ने ट्विटर पर अपना बायो भी बदल लिया है.
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यहां संवाददाताओं को बताया कि पायलट को उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रदेशाध्यक्ष पदों से हटा दिया गया है. इसके अलावा विश्वेंद्र सिंह को पयर्टन मंत्री एवं रमेश मीणा को खाद्य आपूर्ति मंत्री पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा पार्टी ने राजस्थान प्रांत युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से मुकेश भाकर को हटा दिया है. उनकी जगह विधायक गणेश घोघरा नये अध्यक्ष होंगे. इसी तरह राकेश पारीक को हटाकर हेम सिंह शेखावत को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सेवा दल का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
कांग्रेस विधायक दल की यहां हुई बैठक के बाद यह जानकारी दी गयी.
मंत्री मीणा ने सदन में शक्ति परीक्षण की मांग की
वहीं इससे पहले राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे खेमे द्वारा सदन में शक्ति परीक्षण कराए जाने की मांग की जा रही थी. विधायक दीपेंद्र सिंह के बाद अब मुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले मंत्री रमेश मीणा ने भी यह मांग की थी.
मीणा ने कहा है कि सदन में शक्ति परीक्षण से साफ हो जाएगा कि अशोक गहलोत सरकार के साथ कितने विधायक हैं.
मीणा ने मंगलवार को कहा, ‘सदन में शक्ति परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) होना चाहिए. इससे उस दावे की पोल खुल जाएगी कि अशोक गहलोत सरकार को 109 विधायकों का समर्थन प्राप्त है.’
पायलट के करीबी मीणा उन 19 विधायकों में से हैं जो सोमवार तथा मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए. हालांकि मीणा ने इससे ज्यादा कुछ नहीं बोला.
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत ने भी सोमवार को मांग की थी कि राजस्थान विधानसभा में जल्द से जल्द शक्ति परीक्षण हो ताकि यह स्पष्ट हो सके कि सचिन पायलट के समर्थन में कितने विधायक है.
राज्य में जारी राजनीतिक उठा-पटक के बीच कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को दावा किया था कि कुल मिलाकर 109 विधायकों का समर्थन अशोक गहलोत सरकार को हासिल है. इनमें कांग्रेस के साथ-साथ निर्दलीय व कुछ अन्य दलों के विधायक शामिल हैं.
कांग्रेस के एक और विधायक मुरारी लाल मीणा जो पायलट के करीबी माने जाते हैं, उन्होंने भी मुख्यमंत्री गहलोत पर कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है.
मीणा ने ट्वीट किया, ‘जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पांच वर्ष मेहनत की उनकी उपेक्षा अशोक गहलोत द्वारा की गई.‘
मीणा ने कहा कि पूर्वी राजस्थान ने विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीट दी, जिन समाजों ने वोट दिए उनकी उपेक्षा की जा रही है. चुनावी वादे पूरे नहीं हो पा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक दल की मंगलवार को यहां फिर बैठक हो रही है.
राजस्थान में भाजपा नेताओं की बैठक
राजस्थान में कांग्रेस में जारी संकट के बीच भाजपा नेता मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए मंगलवार को बैठक कर रहे हैं.
यह बैठक पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में दोपहर को शुरू हुई, जिसमें पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ एवं राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव वी सतीश भी भाग ले रहे हैं.
पार्टी सूत्रों ने कहा, ‘नेता राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा कर रहे हैं.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)