कानपुर: कानपुर एनकाउंटर मामले में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का साथी दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ ‘कल्लू’ रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया. कानपुर के कल्याणपुर इलाके में वह पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान पकड़ा गया. इस दौरान उसने मीडिया को बताया कि विकास ने जिस बंदूक से फायरिंग की, वह उसके नाम है. उसने यह भी दावा किया कि पुलिस की दबिश से पहले विकास के पास थाने से फोन आया था.
दयाशंकर ने बताया, ‘किसी मुखबिर के फोन आने के बाद ही विकास ने हमले की प्लानिंग की. गांव के बाहर से 25-30 बदमाशों को बुलाया गया था.’
अभी विकास कहां है इस बात की जानकारी दयाशंकर को भी नहीं है. रविवार सुबह कल्याणपुर से भागने की कोशिश करते हुए पुलिस से हुई मुठभेड़ में दयाशंकर को पैर में गोली लग गई. इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ कर पूछताछ शुरू कर दी है.
घटना के 60 घंटे बीत जाने के बाद भी विकास दुबे व उसके तमाम साथी फरार हैं. वहीं पुलिस ने विकास पर इनाम 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया है.विकास के 18 साथियों पर भी 25-25 हजार रुपए का इनाम रखा है.
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शक के आधार पर एसओ सस्पेंड
दयाशंकर के खुलासे के बाद ये तो तय हो गया है कि पुलिस विभाग में से ही किसी ने विकास को दबिश की मुखबिरी की थी. जिसके बाद विकास ने पूरा प्लान बनाया. वहीं दूसरी ओर से इस मामले में संदिग्ध माने जा रहे चौबेपुर एसओ विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया है.
पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, विकास दुबे की कॉल डिटेल में कई पुलिस वालों के नंबर मिले हैं, सभी की पड़ताल जारी है. ये भी पता चला है कि मुठभेड़ से कुछ घंटे पहले तक इन लोगों से विकास दुबे की कई बार बातचीत हुई. फिलहाल एसओ विनय तिवारी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
सीओ को दी थी विभत्स मौत
बता दें गुरुवार देर रात हुई घटना में विकास दुबे और उसके साथियों ने सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों को मारा था. पुलिस सूत्रों का ये भी कहना है कि सीओ देवेंद्र मिश्रा की मौत वीभत्स तरीके से की गई है.
नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया,’ मुठभेड़ के वक्ता हमला होते ही सीओ देवेंद्र मिश्रा दीवार कूदकर एक घर में जा छिपे थे लेकिन बदकिस्मती से वो घर विकास के मामा का था. फिर दूसरे घर की छत से उतरकर बदमाशों ने दीवार से सटाकर सीओ के सिर पर ताबड़तोड़ कई गोलियां मारीं और कुल्हाड़़ी से पैर भी काट दिया.’ विकास के घर पड़ी दबिश को सीओ देवेंद्र मिश्रा लीड कर रहे थे.
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फोन न रखने के घर ढूंढ़ने में हो रही दिक्कत
60 घंटे से फरार विकास दुबे को ढूंढ़ने में देरी का कारण ये भी है कि वह अपने साथ फोन नहीं रखता था.उसकी जब भी बात होती थी किसी साथी के फोन से ही होती थी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सर्विलांस सिस्टम के आधार पर विकास को ढूंढ़ना आसान नहीं है. ऐसे में सर्च ऑपरेशन के लिए कई पुलिसवालों को लगाया गया है जिनका सूचना तंत्र मजबूत है और हर इलाके में जिनके मुखबिर हैं.
विकास के बारे में कहा जाता है कि किसी को धमकी भी देनी होती थी तो अपने साथी के माध्यम से वह संदेश पहुंचाता था. फोन का इस्तेमाल करने से वह अक्सर बचता था. यही कारण है कि 2200 नम्बर सर्विलांस पर हैं लेकिन विकास का अभी कोई सुराग नहीं लग पाया है.