नई दिल्ली : लेह में भारतीय सेना के सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम ने चीन को संदेश दिया. उन्होंने कहा कि विस्तारवाद का युग खत्म, ये विकासवाद का समय है. विश्व युद्ध हो या फिर शांति की बात, जब भी जरुरत पड़ी है तो विश्व ने हमारे वीरों का पराक्रम भी देखा है और विश्व शांति के उनके प्रयासों को महसूस भी किया है.
पीएम ने कहा, जब मैं राष्ट्र रक्षा के किसी निर्णय के बार में सोचता हूं तो मैं सबसे पहले दो माताओं के बारे में सोचता हूं.
पहली- हम सभी की भारत माता. दूसरी- वे वीर माताएं जिन्होंने आप जैसे पराक्रमी योद्धाओं को जन्म दिया है. मेरे निर्णय की कसौटी यही है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत आज जल, थल, नभ और अंतरिक्ष तक अगर अपनी ताकत बढ़ा रहा है, तो उसका लक्ष्य मानव कल्याण ही है. भारत आज आधुनिक अस्त्र शस्त्र का निर्माण कर रहा है, दुनिया की आधुनिक से आधुनिक तकनीक भारत की सेना के लिए ला रहें हैं, तो उसके पीछे की भावना भी यही है.
पीएम मोदी ने कहा, आपका ये हौसला शौर्य और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है. आपकी जीवटता भी जीवन में किसी से कम नहीं है. जिन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा, उसकी सेवा करते हैं,उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता है.
पीएम ने कहा, आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां, आप तैनात हैं. आपका निश्चय, उस घाटी से भी सख्त है, जिसको आप रोज अपने कदमों से नापते हैं. आपकी भुजाएं, उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द हैं. आपकी इच्छा शक्ति आस पास के पर्वतों की तरह अटल हैं.
मोदी ने कहा, आज लद्दाख के लोग हर स्तर पर चाहे वो सेना हो या सामान्य नागरिक के कर्तव्य हों, राष्ट्र को सशक्त करने के लिए अद्भुत योगदान दे रहें हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है, तो सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है. उन्होंने कहा, अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है.
उन्होंने कवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों को दोहराया. उन्होंने कहा, राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर जी ने लिखा था:
जिनके सिंहनाद से सहमी
धरती रही अभी तक डोल,
कलम, आज उनकी जय बोल
मैं आज अपनी वाणी से आपकी जय बोलता हूं
उन्होंने कहा, मैं गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को आज पुनः श्रद्धांजलि देता हूं. उनके पराक्रम, उनके सिंहनाद से धरती अब भी, उनका जयकारा कर रही है. आज हर देशवासी का सिर, आपके सामने आदरपूर्वक नमन करता है. आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है.
पीएम ने कहा, 14 कोर की जांबाजी के किस्से हर तरफ है। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है। आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही है. भारत के दुश्मनों ने आपकी फायर भी देखी है और आपकी फ्यूरी भी.
पीएम मोदी ने कहा, हमारे यहां कहा जाता है, वीर भोग्य वसुंधरा. यानी वीर अपने शस्त्र की ताकत से ही मातृभूमि की रक्षा करते हैं. ये धरती वीर भोग्या है. इसकी रक्षा-सुरक्षा को हमारा सामर्थ्य और संकल्प हिमालय जैसा ऊंचा है. ये सामर्थ्य और संकल्प में आज आपकी आंखों पर, चेहरे पर देख सकता हूं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आप उसी धरती के वीर हैं, जिसने हजारों वर्षों से अनेकों आक्रांताओं के हमलों और अत्याचारों का मुंहतोड़ जवाब दिया है. हम वो लोग हैं जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं, वहीं सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण को भी अपना आदर्श मानते हैं.