मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में तीन महीने बाद वृहस्पतिवार को शिवराज सरकार का कैबिनेट का विस्तार हुआ. कुल 28 मंत्रियों ने शपथ ली. जिसमें 8 राज्यमंत्री शामिल हैं. इससे पहले चौहान ने 8 राज्य मंत्रियों और 20 कैबिनेट मंत्रियों की सूची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजी थी.
इन नए मंत्रियों में 12 ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक भी शामिल हैं, जिनके मार्च में कांग्रेस से इस्तीफे के बाद राज्य की कमलनाथ सरकार गिर गई थी. सिंधिया समर्थक जिन विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, इनमें से कोई भी फिलहाल विधानसभा का सदस्य नहीं है. संभवत: देश में पहली बार किसी प्रदेश के मंत्रिमंडल में इतनी बड़ी तादाद में गैर विधायकों को शामिल किया गया है.
मध्य प्रदेश: गोपाल भार्गव, विजय शाह, जगदीश देवड़ा ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। https://t.co/XrNPpKlYUL pic.twitter.com/DpnHU6uIl7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 2, 2020
भाजपा विधायक यशोधरा राजे सिंधिया ने मध्य प्रदेश की मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की. गोपाल भार्गव, विजय शाह, जगदीश देवड़ा ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है.
भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और अन्य नेता राज्य के कैबिनेट मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के लिए भोपाल के राजभवन पहुंचे हैं.
इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी और प्रद्युम्न सिंह तोमर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है.
चौहान जो कोरोना संकट के बीच अपनी 6 मंत्रियोंं वाली कैबिनेट से काम चला रहे थे. इससे पहले मंत्रिमंडल विस्तार के लिए दिल्ली लेकर आरएसएस कार्यालय तक दौड़-भाग कर चुके हैं.
भाजपा नेता यशोधरा राजे सिंधिया और भूपेंद्र सिंह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली.
मंत्रिमंडल में शामिल होने वालों में गोपाल भार्गव, विजय शाह, जगदीश देवधा, बिसाहूलाल सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेंद्र सिंह, आदल सिंह कंसाना, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, विश्वास सारंग, इमरती देवी, डॉ. प्रभुराम चौधरी, महेश सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रेम सिंह पटेल, ओम प्रकाश सखलेचा, उषा ठाकुर, अरविंद भदौरिया, डॉ. मोहन यादव, हरदीप सिंह डांग, राजवर्धन सिंह प्रेम सिंह दत्तीगांव, भारत दिनेश कुशवाहा, इंद्र सिंह परमार, राम खेलावन पटेल, रामकिशोर काँवरे बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोतिया, सुरेश धाकड़ और ओपीएस भदौरिया.
वहीं इससे पहले इस साल की शुरुआत में कांग्रेस के भीतर तख्तापलट के बाद उनकी सरकार बनाने में मदद करने वाले 22 दलबदलू नेता दावेदार रहे हैं और फिर भाजपा के भीतर भी.