नई दिल्ली: इंदौर से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने बेटियों पर किए गए ट्वीट पर बवााल मचने के बाद इसे डिलीट कर माफी मांग ली है. बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीआर) ने उन्हें आपत्तिजनक ट्वीट बताकर गुरुवार को नोटिस भेजा था. उनसे राष्ट्र के बच्चों से माफी मांगने और तीन दिन में इसे वापस लेने को कहा था.
मोदी जी ने नोटबंदी, जीएसटी, महंगाई, बेरोज़गारी और मंदी से देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी..!
—जनता यह सब केवल “विकास” की उम्मीद में सहन करती रही।
उपरोक्त आशय के साथ किये गये मेरे ट्वीट से यदि किसी की भावनायें आहत हुई हैं तो मैं खेद व्यक्त करता हूँ।
— Jitu Patwari (@jitupatwari) June 24, 2020
जहां तक बात बेटियों की है तो वो देवीतुल्य हैं।
विकास की अपेक्षा के साथ मैंने एक ट्वीट किया है जिसे बीजेपी अपनी कमज़ोरियों को छिपाने के लिये उपयोग कर रही है।
मैं अब भी कह रहा हूँ कि “विकास” का पूरे देश को इंतजार है।
— Jitu Patwari (@jitupatwari) June 24, 2020
बाद के ट्वीट में उन्होंने बेटियों को देवीतुल्य लिखा है और कहा है कि मेरे ट्वीट का इस्तेमाल बीजेपी अपनी कमजोरियां छिपाने के लिए कर रही है. मैं अब भी कह रहा हूं कि ‘विकास’ का पूरे देश को इंतजार है.
24 जून को किए गए इस ट्वीट में जीतू पटवारी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा था, ‘पुत्र के चक्कर में पांच बेटियां- नोटबंदी, जीएसटी, महंगाई, बेरोजगारी और मंदी पैदा हो गईं लेकिन अभी तक विकास नहीं पैदा हुआ.’
.@NCPCR_ as issued a notice to Congress MLA from Indore for his tweet where he has passed derogatory remarks pertaining to girl child. The Commission has asked MLA to apologise to children of nation and revert back to it within 3 days. pic.twitter.com/t9sPxwBs2e
— Prasar Bharati News Services (@PBNS_India) June 25, 2020
नोटिस में कहा गया है कि यह ट्वीट न केवल भारत में लड़कियों के बजाय लड़कों को प्राथमिकता देने वाली बुराई के समर्थन में है बल्कि सामान्य तौर पर लड़कियों के लेकर इनके माइंडसेट और नजरिये को भी सामने लाता है.
नोटिस में लिखा है कि एक नेता का किसी पर नैतिकता का उल्लंघन कर राजनीतिक निशाना साधना गलत है और इससे समाज को होने वाले बड़े स्तर पर क्षति नजरअंदाज कर देना अनुचित है. इसमें कहा गया है यह ट्वीट बच्चियों और लैंगिक समानता के लिए सदियों से किए गए संघर्ष को व्यर्थ बनाने वाला है.
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को संविधान के हवाले से भी उनकी जिम्मेदारी को ध्यान दिलाई गई. पत्र में लिखा है कि संविधान के आर्टिकल 15ए के अनुसार हर नागरिक की ड्यूटी है कि वह समाज में वैज्ञानिकता, मानवता, खोज और बदलाव को बढ़ावा दें. एक सार्वजनिक प्रतिनिधित्व, चर्चित सार्वजनिक चेहरा होने के नाते आपको ढेर सारे लोग फॉलो करते हैं और तवज्जो देते हैं लिहाजा ट्वीट में इस तरह की बात करना आपके लिए असैद्धांतिक था.
आयोग ने आखिर में ट्वीट को लेकर देश के बच्चों से माफी मांगने और इसे वापस लेने को कहा है.
वहीं बीजेपी ने इस विवादित ट्वीट को महिलाओं के खिलाफ बताते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग से जीतू के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की है.
आज एक तरफ पूरा देश रानी दुर्गावती के बलिदान को याद कर रहा है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस बेटियों को अपमानित कर रही है।
क्या कांग्रेस की इसी विकृत मानसिकता की बलि नैना साहनी, सरला मिश्रा, प्रीति मिश्रा जैसी अनेक बेटियां चढ़ा दी गईं?
धिक्कार है कांग्रेस की ऐसी निकृष्टम विचारधारा पर! pic.twitter.com/1zU81IJL0w
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 24, 2020
एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रानी दुर्गावती के बहाने बेटियों के अपमान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस की विचारधारा को निकृष्टतम करार दिया है.