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Monday, 25 November, 2024
होमदेशसीबीएसई और आईसीएसई ने 1 से 15 जुलाई के बीच होनी वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द की

सीबीएसई और आईसीएसई ने 1 से 15 जुलाई के बीच होनी वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द की

सीबीएसई इस बात को लेकर चिंतित रही है कि परीक्षाओं के रद्द होने की स्थिति में बच्चों का मूल्यांकन कैसे होगा. ये इसलिए अहम है क्योंकि 12वीं में मिले नंबरों से कॉलेज के एडमिशन से लेकर प्रतियोगिता परीक्षाओं तक का काफ़ी कुछ तय होता है.

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नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है. ये परीक्षाएं 1 से 15 जुलाई के बीच होनी थीं. सुप्रीम कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एक से 15 जुलाई के बीच प्रस्तावित परीक्षा रद्द कर दी गई है. मेहता ने कहा कि दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे कई राज्यों ने परीक्षा आयोजित कराने में असमर्थता जताई थी.

नई स्कीम के तहत 12वीं के छात्रों को पिछली तीन परीक्षाओं के आधार पर पास किया जाएगा. छात्रों के पास ये विकल्प भी होगा कि वो बाद में होने वाली परीक्षाओं में भाग ले सकते हैं. हालांकि, ये भी तय किया गया है कि स्थिति सुधरने पर सीबीएसई उन बच्चों के लिए परीक्षाएं करा सकती है, जो इनमें शामिल होना चाहते हैं.

मेहता ने कोर्ट से कहा, ‘जैसे ही परिस्थितियां बेहतर होती हैं, सीबीएसई 12वीं की परीक्षाएं कराने की कोशिश करेगी. इसमें वो शामिल हो सकते हैं, जो शामिल होना चाहते हैं.’ इस विषय पर जजों ने स्पष्टता की मांग की. बेंच ने नए एकेडमिक सेशन को लेकर जब स्पष्ट स्थिति की मांग की तो मेहता ने कहा कि नतीजे अगस्त के मध्य में आएंगे.

कोर्ट ने मेहता से ये भी पूछा कि ये कौन तय करेगा कि परिस्थितियां परीक्षा लेने लायक हैं या नहीं. इस पर मेहता ने कहा कि ये केंद्र तय करेगा. इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि इस परीक्षाओं को केंद्र से नियंत्रित किया जाता है और राज्य इसमें सहयोग देते हैं.

सीबीएसई के साथ इंडियन स्कूल सर्टिफ़िकेट एगज़ैमिनेशन (आईसीएसई) ने भी बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का फ़ैसला लिया है. हालांकि, आईसीएसई छात्रों को बाद में किसी तरह की परीक्षा देने का विकल्प नहीं देगा. सुप्रीम कोर्ट ने 17 जून को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीएसई से 12वीं की परीक्षाओं को लेकर जवाब देने को कहा था.

12वीं की पढ़ाई कर रहे छात्रों के चार परिजनों ने ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल की थी. याचिका में 1 से 15 जुलाई के बीच होने वाली बाकी की बोर्ड परीक्षाओं को कराने के निर्णय का विरोध किया गया था. जस्टिस ए एम खानविलकर, दिनेश महेश्वरी और सजीव खन्ना की बेंच ने सीबीएसई से वो तौर तरीके बताने को कहा था जिसके तहत परीक्षाएं होंगी.

ताज़ा मामले में परीक्षाएं भले ही रद्द हो गई हों, लेकिन सीबीएसई इस बात को लेकर चिंतित रही है कि परीक्षाओं के रद्द होने की स्थिति में बच्चों का मूल्यांकन कैसे होगा. ये इसलिए अहम है क्योंकि 12वीं में मिले नंबरों से कॉलेज के एडमिशन से लेकर प्रतियोगिता परीक्षाओं तक का काफ़ी कुछ तय होता है.
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