नई दिल्ली: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें ‘उच्च जोखिम’ वाले जैसे पुलिस, ड्राइवर, दुकानदार, प्रवासी, स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के साथ-साथ कमजोर समूहों वाले पेशेवरों के लिए कोविड-19 एंटीबॉडी का पता लगाने वाले ईजीजी (IgG) टेस्ट को प्राथमिकता देने को कहा है.
एंटीबॉडी टेस्ट से एंटीबॉडीज के उपस्थिति का पता चलता है जो शरीर में कोविड-19 संक्रमण से लड़ते हैं और इस प्रकार वायरस के संपर्क में आने का पता चलता है. कोविड-19 मामलों के क्षेत्रीय स्तर पर, कोविड-19 वायरस पर प्रोटीन की उपस्थिति का पता लगाने के लिए एंटीजन परीक्षणों के साथ इसे अप्रूवल दिया गया है.
मंगलवार को को जारी रैपिड एंटीजन परीक्षण और आईजीजी एंटीबॉडी टेस्ट को लागू करने की रणनीति के बारे में दिशा-निर्देश शीर्ष अनुसंधान निकाय के स्केल और परीक्षण तक पहुंच में सुधार करने का हिस्सा हैं.
नई परीक्षण रणनीतियां गोल्ड स्टैंडर्ड आरटी पीसीआर और कार्ट्रिज-आधारित सीबीएनएएटी और ट्रूनाट विधियों के अलावा हैं जो कोविड-19 के उपचार के लिए उपयोग की जाती हैं.
आईसीएमआर ने अब मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को तेजी से एंटीजन टेस्ट करने की अनुमति दी है जो आधे घंटे से कम समय में परिणाम देते हैं और जिन्हें क्षेत्रीय स्तर पर किया जा सकता है.
लक्षण वाले निगेटिव रोगियों के लिए एक और टेस्ट
नवीनतम दिशा-निर्देश देश में परीक्षण को बेहतर बनाने के प्रयासों का हिस्सा हैं.
यह आईसीएमआर द्वारा 14 जून को मेडिकल पर्यवेक्षण के तहत कंटेनमेंट जोन और अस्पतालों में परीक्षण उपकरण के रूप में रैपिड एंटीजन परीक्षणों को मंजूरी देने के 10 दिनों बाद आया है.
नए दिशा-निर्देशों के तहत, शीर्ष निकाय ने निजी अस्पतालों और निजी प्रयोगशालाओं को भी कोविड-19 परीक्षण प्रयोगशालाओं के रूप में कार्य करने की अनुमति दी है, अगर उनके पास पहले से ही अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा के लिए राष्ट्रीय प्रमाणन बोर्ड (एनएबीएच) का अप्रूवल हो और प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रमाणन बोर्ड (एनएबीएल) से अनुमोदन हो, यह गुणवत्ता मानक निर्धारित करने और संस्थानों को क्रमशः प्रमाणित करने वाले निकाय हैं.
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नए मानदंड, हालांकि, कहते हैं कि संस्थाओं को आगे परामर्श के लिए आरटी पीसीआर परीक्षण केंद्रों के साथ रीयल टाइम और टाई अप के साथ रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए आईसीएमआर के पोर्टल पर मरीज का विवरण देने और जोड़ने की आवश्यकता होती है.
चूंकि एंटीजन परीक्षण कम संवेदनशीलता वाले होते हैं, जिनमें सही पॉजिटिव होने का पता लगाने की क्षमता होती है, इसलिए पुराने दिशा-निर्देशों के तहत आरटी पीसीआर द्वारा संदिग्ध मामलों के नकारात्मक नमूनों को वापस लेना पड़ा है.
नए दिशा-निर्देश स्पष्ट करते हैं कि केवल ‘लक्षण वाले नकारात्मक रोगियों को अनिवार्य रूप से कोविड-19 के लिए रीयल टाइम आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए भेजा जाना चाहिए.’
उन्होंने इस पर भी बल दिया कि रोग के प्रसार को रोकने के लिए परीक्षण, ट्रैक और उपचार ही एकमात्र तरीका है और ‘परीक्षण देश के हर हिस्से में सभी लक्षण वाले लोगों के लिए व्यापक रूप से उपलब्ध कराया जाना चाहिए.’
एक्सपोजर के लिए टेस्ट
नए दिशा-निर्देशों के तहत, आईसीएमआर ने ईएलईएसए और सीएलआईए टेस्ट को मंजूरी दे दी है जो आईजीजी का पता लगाते हैं लेकिन उनका उपयोग केवल सिरो-सर्वेक्षण के माध्यम से एक्सपोजर का अध्ययन करने के लिए किया जाना है ना कि उपचार के लिए.
सिरो-सर्वेक्षण कितने लोग, जिनमें बिना लक्षण वाले (एसिम्प्टोमैटिक) और कितने में संक्रमण को समझने में मदद करते हैं. यह सरकार की रोकथाम और नियंत्रण की उसकी रणनीतियों को लागू करने में मदद करता है.
आईजीजी एंटीबॉडी संक्रमण की शुरुआत के दो सप्ताह बाद और व्यक्तिगत रूप से संक्रमण से उबरने के बाद शरीर में दिखाई देते हैं. वे इम्युनिटी की पेशकश हो सकते हैं लेकिन एक नए अध्ययन से पता चला है कि यह प्रतिरक्षा दो या तीन महीने से अधिक नहीं रह सकती.
भारत ने पहले से ही सामान्य आबादी में एक सिरो-सर्वेक्षण किया है और पाया है कि 65 जिलों में सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 1 प्रतिशत से भी कम में वायरस था. एक और सर्वेक्षण उन लोगों पर किया गया है जो हॉटस्पॉट्स और कंस्ट्रक्शन ज़ोन में रह रहे हैं, जिनके नतीजे अभी जारी नहीं हुए हैं.
नए दिशा-निर्देश इन परीक्षणों को उच्च जोखिम वाले और कमजोर समूहों जैसे कि किसानों, मीडिया, नगर निगमों में कर्मचारियों, बैंकों के कर्मचारियों, कूरियर कंपनियों, हवाई यात्रा से संबंधित कर्मचारियों के अलावा पहले बताए गए लोगों तक बढ़ाते हैं.
मानदंड में वृद्धाश्रम, आश्रयों और अनाथालयों को भी शामिल किया गया है.
दिशा-निर्देश में सरकारी और निजी अस्पतालों, कार्यालयों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को एंटीबॉडी-आधारित परीक्षण करने की सलाह दी गई है जो ‘स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों, कार्यालय कर्मचारियों आदि के डर और चिंता को दूर करने में मदद करेगा.’
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