आयुष मंत्रालय ने बाबा रामदेव की पतंजलि के कोविड-19 के इलाज का दावा करने वाले इसके नए उत्पाद को रोककर अच्छा काम किया. कोरोनावायरस महामारी एक गंभीर संकट है और इसे अन्य व्यापार के अवसर के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. पतंजलि का इस तरह की ‘दवा’ को लांच करने में सफल होना दिखाता है कि कैसे बदतरी से इसे सेक्टर को चलाया जा रहा.
भारत को एलएसी को खाली करने की सहमति बनने तक दबाव बनाए रखना चाहिए, चीन पर ना करे आंख मूंदकर भरोसा
लद्दाख में अपने खतरनाक संघर्ष से पीछे हटने का भारत-चीन समझौता अच्छे समय में आया है. लेकिन नई दिल्ली को बीजिंग के शब्द पर आसानी से और आंख बंद कर भरोसा नहीं करना चाहिए. इसे बिना किसी अधिक अतिक्रमण या रक्तपात के इसे धीरे-धीरे खाली करने को लेकर सहमति बनने तक दबाव बनाए रखना चाहिए.
बाबा राम देव के वारे में आपकी धारणा कोई नई नहीं है ।ये दावा अगर कोई चीनी कंपनी,हमदर्द,तिब्बिया, तैयार करती तो कोई बात नहीं होती।बाबा रामदेव के प्रति ये रवैया नहा नहीं है भले ही रामदेव ने लाखो लोगो को योग से ठीक किया स्वास्थ के प्रति जागरूक किरा हो दांतो के घटिया टूथ पेस्ट की जगह आर्युवेदिक पेस्ट पेश कर केविदेशी पेस्ट को जूते मार कर बाजार से बाहर कर दिया।मै खुद इसका उदाहरण हूं पिछले 15साल से डायबिटीज से स्टेज 2में था पीछे 2साल सेमेरी शुगर नियत्रित है या का सकते है कि में इससे मुक्त हो चुका हूं 16बार शुगर टेस्ट करा चुका हूं कोई दवा नहीं सिर्फ 1घंटे रोजाना योग।आपके वैचारिक पितामाह एन, डी , टी,वी जो दिन रात बाबा को गाली बकती थी आज पतंजलि के विज्ञापनों पर पल रही है