नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस संक्रमण और इससे होने वाली मौतों के मामलों में वृद्धि के बीच भारत के दवा नियामक ने कोविड-19 के हल्के और मध्यम स्तर के मामलों में उपचार के लिए विषाणु रोधी दवा ‘फैविपिराविर’ के सीमित आपात इस्तेमाल की अनुमति दे दी है.
आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
आपात स्थिति और कोविड-19 के लिए जरूरी चिकित्सा आवश्यकता पर विचार करते हुए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने त्वरित अनुमति प्रक्रिया के तहत घरेलू कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स को ‘फैविपिराविर’ की गोली (200 एमजी) के विनिर्माण और विपणन की अनुमति प्रदान कर दी.
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘देश में कोविड-19 के हल्के और मध्यम स्तर के मामलों में उपचार के लिए दवा के सीमित आपात इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई है.’’
यह अनुमति मिलने के बाद ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स, औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम के प्रावधानों तथा इसके नियमों के तहत विनिर्माण लाइसेंस हसिल करने के लिए राज्य नियामकों को अलग से एक आवेदन देगी.
सूत्र ने कहा, ‘कुछ शर्तों के साथ आपात इस्तेमाल अनुमति दे दी गई है जिसमें प्रत्येक रोगी या उसके प्रतिनिधि से लिखित में सुविज्ञ सहमति लेना भी शामिल है. इसके अतिरिक्त, कंपनी को दवा के प्रभाव और सुरक्षा के आकलन के लिए पहले एक हजार रोगियों पर विपणन बाद की सक्रिय निगरानी भी रखनी होगी.’
विपणन अनुमति तीसरे चरण के चिकित्सा परीक्षणों की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर दी गई है, ताकि देश में इस विषाणु रोधी दवा की जल्द उपलब्धता सुनिश्चित हो सके.
सूत्र ने कहा कि हालांकि, परीक्षण अब भी जारी हैं, फिर भी डीसीजीआई ने दवा को मंजूरी दे दी है क्योंकि अब तक इसके अंतरिम परिणाम उत्ससाहजनक रहे हैं.