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Friday, 22 November, 2024
होमदेशनक्सली नेताओं ने 15 से 20 संभावित कोविड संक्रमित माओवादियों को घर रहने को भेजा, बस्तर पुलिस को तलाश

नक्सली नेताओं ने 15 से 20 संभावित कोविड संक्रमित माओवादियों को घर रहने को भेजा, बस्तर पुलिस को तलाश

अधिकारियों के मुताबिक इनका पता लगाया जा रहा है और सभी को गिरफ्तार कर क्वारेंटाइन में रखा जाएगा. इनकी कोविड-19 जांच की जाएगी और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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रायपुर: बस्तर पुलिस 15-20 ऐसे माओवादियों की तलाश कर रही है जिन्हें वह मेडिकल सुविधा दिलाना चाहती है. ये वे माओवादी हैं जिन्हें कोविड-19 संक्रमण के शक में उनके नक्सली नेताओं ने अपने कैडर से अलग कर दिया है और अब वो अपने गांवों में छुपकर रह रहे हैं.

दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार माओवादी विरोधी अभियान में लगी बस्तर पुलिस को सूचना मिली है कि 15-20 ऐसे माओवादी हैं जो कई दिनों से बीमार चल रहे थे और अब अपने घरों में आकर रह रहे हैं.

अधिकारियों के मुताबिक इनका पता लगाया जा रहा है और सभी को गिरफ्तार कर क्वारेंटाइन में रखा जाएगा. इनकी कोविड-19 जांच की जाएगी और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस अधिकारियों ने हमें बताया कि यह जरूरी नहीं कि ये माओवादी कोविड-19 संक्रमित हों लेकिन उनको अपने संगठन से इसी शक में बाहर किया गया है.

दिप्रिंट से बात करते हुए बस्तर रेंज में माओवादी विरोधी अभियान का नेतृत्व कर रहे पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया, ‘अभी तक पुलिस को 15-20 ऐसे माओवादियों की जानकारी मिली है जिन्हें कुछ दिनों पहले अपने नक्सल संगठन से अलग कर घर भेज दिया गया है. अपने गांवों को लौटे ये सभी नक्सली बीमार हैं और चुपचाप अपने घरों में रह रहें हैं. इनके बारे में पूरी जानकारी ली जा रही है और जल्द ही सभी की तलाश कर गिरफ्तार किया जाएगा. गिरफ्तारी के बाद उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा और उनकी कोरोना जांच की जाएगी.’

बस्तर पुलिस महानिरीक्षक ने आगे बताया, ‘हमने नक्सली संगठन में रह रहे दूसरे माओवादियों से भी अपील की है कि यदि वे बीमारों के बीच से बाहर आकर नियमानुसार आत्मसमर्पण करें जिससे कि उनका इलाज कराया जा सके.’

बता दें कि बस्तर पुलिस ने 17 जून को बीजापुर जिले में एक बीमार महिला नक्सली को उसके गांव से गिरफ्तार कर क्वारेंटाइन सेंटर में रखा है. पुलिस के अनुसार महिला माओवादी सुमित्रा चापा पिछले डेढ़ महीने से बीमार चल रही थी. उसे बुखार, खांसी और सर्दी की लगातार शिकायत थी.

पुलिस ने बताया कि चापा को कोविड-19 संक्रमण के शक में उसके माओवादी संगठन बटालियन नंबर-1 से अलग कर उसे उसके घर भेज दिया था. ज्ञात हो की इस बटालियन का नेतृत्व बस्तर पुलिस का मोस्ट वांटेड नक्सली हिडमा करता है.

पुलिस महानिदेशक के अनुसार बीमार महिला नक्सली का कोविड-19 सैंपल ले लिया गया है लेकिन जांच रिपोर्ट आने में दो दिन लग जाएंगे. सुंदरराज का कहना है कि महिला नक्सली का पहले तपेदिक की बीमारी का भी इतिहास रहा है.

हमसे बात करते हुए बीजापुर जिला पुलिस अधीक्षक कामलोचन कश्यप कहते हैं, ‘हमें 17 जून को स्थानीय डीआरजी के जवानों द्वारा जानकारी मिली थी कि 32 वर्षीय सुमित्रा चापा जिस दिन अपने गांव वापस लौटी थी और काफी बीमार चल रही थी. उसे उसी दिन गिरफ्तार कर क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया गया था. प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि चापा ने 2009 में माओवाद का रास्ता अपनाया था लेकिन विस्तृत जांच उसके क्वारेंटाइन समयावधि पूरी कर लेने के बाद की जाएगी.’

गिरफ्तार महिला के सबंध में सुंदरराज ने आगे कहा, ‘चापा माओवादियों के बटालियन नंबर-1 की सदस्य है और पुलिस के खिलाफ नक्सलियों के कई ऑपरेशन में शामिल थी. उसके साथ उसका 40 वर्षीय पति हुमगा भी ज्यादातर ऑपरेशन में शामिल रहा है. हालांकि इस संबंध में ज्यादा जानकारी उसके कोविड-19 जांच रिपोर्ट आने और क्वारेंटाइन का समय पूरा कर लेने के बाद ही पता चलेगी.’

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