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Sunday, 24 November, 2024
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गलवान घाटी में चीन से हुई झड़प में मारे गए 20 जवानों पर देश को क्या कहा पीएम मोदी ने, पढ़ें पूरा भाषण

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ‘अपनी अखंडता और संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा और भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक-एक इंच जमीन और देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा.’

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नई दिल्ली: देश में कोरोना संकट बहुत तेजी से बढ़ रहा है उसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक को शुरू करने से पहले पीएम मोदी ने चीन के मामले में देश को संबोधित किया. और देश को आश्वस्त किया कि लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प पर कहा कि भारत शांति चाहता है किंतु यदि उकसाया गया तो वह माकूल जवाब देने में सक्षम है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा.

कोरोना वायरस महामारी पर मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल बैठक के दूसरे दिन अपने बयान में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ‘अपनी अखंडता और संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा और भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक-एक इंच जमीन और देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा.’

भारत-चीन सीमा क्षेत्रों की स्थिति पर प्रधानमंत्री का वक्तव्य

साथियों,

भारत माता के वीर सपूतों ने गलवान वैली में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुये सर्वोच्च बलिदान दिया है. मैं देश की सेवा में उनके इस महान बलिदान के लिए उन्हें नमन करता हूं, उन्हें कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि देता हूँ.

दुःख की इस कठिन घड़ी में हमारे इन शहीदों के परिजनों के प्रति मैं अपनी समवेदनाएं व्यक्त करता हूँ. आज पूरा देश आपके साथ है, देश की भावनाएं आपके साथ हैं. हमारे इन शहीदों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. चाहे स्थिति कुछ भी हो, परिस्थिति कुछ भी हो, भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक एक इंच जमीन की, देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा.

भारत सांस्कृतिक रूप से एक शांति प्रिय देश है. हमारा इतिहास शांति का रहा है. भारत का वैचारिक मंत्र ही रहा है- लोकाः समस्ताः सुखिनों भवन्तु. हमने हर युग में पूरे संसार में शांति की, पूरी मानवता के कल्याण की कामना की है.

हमने हमेशा से ही अपने पड़ोसियों के साथ एक cooperative और friendly तरीके से मिलकर काम किया है. हमेशा उनके विकास और कल्याण की कामना की है. जहां कहीं हमारे मतभेद भी रहे हैं, हमने हमेशा ही ये प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बनें, differences disputes में न बदलें.

हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं. जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है.

त्याग और तितिक्षा हमारे राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा हैं, लेकिन साथ ही विक्रम और वीरता भी उतना ही हमारे देश के चरित्र का हिस्सा हैं. मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूँ, हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.

हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है, और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी नहीं रोक सकता. इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए. भारत शांति चाहता है. लेकिन भारत को उकसाने पर हर हाल में निर्णायक जवाब भी दिया जाएगा.

देश को इस बात का गर्व होगा की हमारे सैनिक मारते मारते मरे हैं. मेरा आप सभी से आग्रह है की हम दो मिनट का मौन रख के इन सपूतों को श्रद्धांजलि दें

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