नई दिल्ली: वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने रविवार को एक विशेष सुनवाई में आदेश दिया कि दुआ के यूट्यूब शो को लेकर हिमाचल प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले में उन्हें छह जुलाई तक गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए.
दुआ गिरफ्तारी से बचने और एफआईआर को खत्म कराने को लेकर शीर्ष अदालत गए थे.
शीर्ष अदालत ने कहा कि दुआ को जांच में शामिल होना पड़ेगा और हिमाचल प्रदेश पुलिस की ओर से चल रही जांच पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी.
SC issues notice to Union of India, and the state of Himachal Pradesh and has sought a detailed reply on veteran journalist Vinod Dua's petition. SC gives 2 weeks notice to file responses; further hearing in the matter scheduled on July 6. https://t.co/3SSEka1U0G
— ANI (@ANI) June 14, 2020
न्यायमूर्ति यूयू ललित, न्यायमूर्ति एम एम शांतानागौडर और न्यायमूर्ति विनीत सरण की पीठ ने देशद्रोह के मामले को रद्द करने की मांग वाली दुआ की याचिका पर केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार को नोटिस भेजे तथा दो सप्ताह में जवाब देने को कहा.
बता दें कि पिछले सप्ताह दिल्ली पुलिस ने दुआ के खिलाफ फरवरी में हुए दिल्ली दंगों में उनके यूट्यूब चैनल पर मिस रिपोर्टिंग का आरोप लगाया था. इसमें दुआ ने प्रधानमंत्री को ‘दांत रहित ‘कहा था और यह भी कहा था कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में हुए दंगे को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया.
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विनोद दुआ पर की गई एफआईआर की एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी निंदा की थी. सोमवार 8 जून को जारी अपने बयान में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा था कि पत्रकारों के खिलाफ विभिन्न राज्यों की पुलिस, बचकाने आरोप लगाकर उसे एफआईआर में बदल रही है और पुलिस से यह कहना चाहता है कि संवैधानिक रूप से दी गई आज़ादी की गारंटी का सम्मान करें न कि ऐसा व्यवहार करें जिससे की उसकी स्वतंत्रता पर ही सवाल उठे.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)