नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर मंदिर ट्रस्ट पीएम मोदी का इंतजार कर रहा है लेकिन कोरोना महामारी के कारण फिलहाल पीएमओ जल्दबाजी के मूड में नहीं है. मंदिर निर्माण की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
ट्रस्ट से जुड़े एक सीनियर संत ने कहा कि भूमि पूजन खुद प्रधानमंत्री करेंगे.
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य ने नाम ना छापने के अनुरोध पर दिप्रिंट से कहा, ‘राम मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर के भूमि पूजन को लेकर तैयारी पूरी कर ली है लेकिन कोरोना में व्यस्तता के चलते पीएमओं से समय नहीं मिल पा रहा है. जल्द ही ट्रस्ट और साधु-संतों की फिर एक बैठक होगी. इसके बाद आगे की रूपरेखा पर निर्णय लिया जाएगा.’
इस मामले में पीएमओं ने दिप्रिंट से कहा, ‘अभी फिलहाल इस बारें में हमें कोई भी जानकारी नहीं है.’
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दिप्रिंट से कहा, ‘राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर हमारी बैठक होनी है. कोरोना के चलते अभी मामला अटका हुआ है. पीएमओ से अभी तक हमें कोई सूचना नहीं मिली है.’
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एक जुलाई की तिथि मानी जा रही सही
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने दिप्रिंट से कहा, ‘अभी समतलीकरण की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही पीएम के द्वारा इसका भूमि पूजन भी किया जाएगा. कोरोना के चलते फिलहाल पीएमओं से समय नहीं मिल पा रहा है. न्यास के ट्रस्टी प्रधानमंत्री और पीएमओ के साथ लगातार संपर्क में हैं. ऐसी संभावना है कि एक जुलाई को पीएम मोदी समय दे सकते हैं लेकिन अभी यह आधिकारिक तौर पर तय नहीं हुआ है. बाकि मंदिर निर्माण से संबंधित तैयारी पूरी कर ली गई है.’
1 और 2 जुलाई के दिन देवशयनी एकादशी है इसके बाद चातुर्मास शुरू हो जाएगा. जो कार्तिक शुक्ल की एकादशी तक चलेगा. इस चातुर्मासा के दौरान विवाह, यज्ञ, देव प्रतिष्ठा के कार्य निषेध होते हैं. ऐसे में एक जुलाई की तिथि राम मंदिर के भूमिपूजन के लिए सही मानी जा रही है.
रामजन्मभूमि परिसर में शिवलिंग का 28 साल बाद रुद्राभिषेक
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर तैयारियां जोरो पर हैं. श्रीराम जन्मभूमि परिसर के समतलीकरण के बाद यहां पर राम मंदिर का निर्माण शुरू हो सके इसलिए बुधवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया.
इससे पहले ट्रस्ट में मंदिर के डिज़ाइन आदि को लेकर मतभेद की चर्चा थी. हालांकि चंपत राय का कहना था कि मामले को सुलझा लिया गया है.
राम मंदिर का रास्ता सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद साफ हो गया था और अप्रैल में राम नवमी पर इसका काम शुरू होना था पर फिर कोरोना के संक्रमण के कारण काम अटक गया.