नई दिल्ली: भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन पर हो रही बहस को ख़ारिज करते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के डीजी प्रोफ़ेसर बलराम भार्गव ने कहा कि देश अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन के स्टेज में नहीं है. वहीं, दिल्ली में कोविड से हुई मौतों की संख्या पर उठापटक को लेकर केंद्र ने कहा कि उनके पास डेटा राज्यों से आता है.
भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन पर भार्गव ने कहा, ‘इस बारे में बहस हो रही है. लेकिन डब्ल्यूएचओ ने भी इसकी कोई परिभाषा नहीं दी है. इतने बड़े देश में बीमारी बेहद सीमित स्तर में फ़ैली है. हम कम्युनिटी ट्रांसमिशन के स्टेज में नहीं है.’
दअरसल बृहस्पतिवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली में कम्युनिटी ट्रांसमिशन जैसी स्थिति होने की बात कही. उन्होंने कहा, ‘कम्युनिटी में ट्रांसमिशन हुआ है, लेकिन ये कम्युनिटी ट्रांसमिशन है या नहीं इसकी घोषणा केवल केंद्र ही कर सकता है, ये एक टेक्निकल टर्म है.’
#WATCH There is transmission in the community, but if it is community transmission or not that can be declared by Centre only, it is a technical term: Delhi Health Minister Satyendra Jain. #COVID19 pic.twitter.com/ltJV7hYUxa
— ANI (@ANI) June 10, 2020
इसके पहले भी एक बार दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री जैन ये बात बोल चुके हैं. तब उन्होंने कहा था कि दिल्ली में 50 प्रतिशत कोविड-19 मरीज़ों में बीमारी कैसे फ़ैली इसका पता नहीं है. हालांकि, तब भी उन्होंने यही कहा था कि दिल्ली में कम्युनिटी ट्रांसमिशन है या नहीं इसकी घोषणा केंद्र सरकार करेगी.
आपको बता दें कि कमयुनिटी ट्रांसमिशन उस स्थिति को कहते हैं जब ये नहीं पता चल रहा होता कि कोविड-19 कैसे फ़ैल रहा है. यानी किसी व्यक्ति तक वायरस कैसे पहुंचा.
दिल्ली में कोविड से मरने वालों की संख्या को लेकर लगातार विवाद बना हुआ है और अरविंद केजरीवाल पर मृतकों की संख्या को छुपाने का आरोप लगता रहा है. मामला तब और गंभीर हो गया जब उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरपर्सन जय प्रकाश ने मीडिया को मृतकों का ताज़ा आंकड़ा दिया.
आंकड़े जारी करते हुए उन्होंने कहा, ‘मार्च से लेकर 10 जून तक दिल्ली के तीनों कॉर्पोरेशन में 2098 लोगों की मौत हुई है.’
From March till 10th June, in all 3 Municipal Corporations of Delhi, there have been around 2098 #COVID19 death cases for which funerals have been held: Jai Prakash, Chairperson, Standing Committee, North Delhi Municipal Corporation pic.twitter.com/xtEJCEtBEY
— ANI (@ANI) June 11, 2020
दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए सबसे ताज़ा यानी बुधवार के बुलेटिन में दिल्ली में कोविड से मृतकों की संख्या 984 बताई गई है. यानी दिल्ली सरकार और एनडीएमसी के आंकड़ों में दोगुने से ज़्यादा का अंतर है. इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उप सचिव लव अग्रवाल ने कहा, ‘कोविड के आंकड़े हमें राज्यों से मिलते हैं.’
उन्होंने कहा कि केंद्र को राज्य सरकारें कोविड से जुड़ा डेटा देती हैं. केंद्र उसी डेटा को इक्ट्ठा करके लोगों के सामने रखता है. उन्होंने कहा, ‘कभी-कभी हम भी ऑडिट भी करते हैं. कई बार ऑडिट के बाद डेटा बदल जाता है.’ देश में तेज़ी से बढ़ रहे कोविड-19 के मामलों के बाद केंद्र सरकार पर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
प्राइवेट अस्पतालों में लोगों को बेहद महंगा इलाज कराना पड़ रहा है, व्यापक तौर पर टेस्टिंग नहीं हो रही और गंभीर मरीज़ों को भी बेड मिलने में काफ़ी समस्या का सामना करना पड़ा रहा है. ऐसे ही सवालों के जवाब में अग्रवाल ने कहा कि कई राज्यों ने कोविड-19 के इलाज से जुड़ी फ़ीस की कैपिंग है और कुछ राज्य इसकी तैयारी में हैं.
वहीं, टेस्टिंग को लेकर डॉक्टर भार्गव ने कहा कि देश ने एक लैब से टेस्टिंग शुरू की थी और अब यहां 800 लैब हैं. व्यापक टेस्टिंग नहीं होने को लेकर उन्होंने कहा, ‘हमने 18 मई को जो टेस्टिंग गाइडलाइन जारी की हैं वो काफ़ी पुख़्ता है. हमारे पास 2 लाख़ तक टेस्ट करने की क्षमता है. थोड़े दिन पहले हमने देश भर में 50 लाख़ से ऊपर टेस्ट किए हैं.’
इसके अलावा भारत में हुए सीरो सर्वे की जानकारी देते हुए ड़ॉक्टर भार्गव ने कहा कि 15 ज़िलों में महज़ 0.73 प्रतिशत आबादी में पहले हुए इंफ़ेक्शन का प्रसार दिखा. इसका हवाला देते हुए उन्होंने लॉकडाउन को सफ़ल करार दिया और कहा कि इसकी वजह से वायरस इतने व्यापक स्तर पर नहीं फ़ैला.
हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि वायरस के प्रसार से बचने के लिए राज्यों को सर्वेलांस और कॉन्टेनमेंट रणनीति में किसी तरह की नरमी नहीं बरतनी है. उन्हें पूरा ज़ोर लगाए रखना है.