नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष में गहरे संकुचन के बाद देश की अर्थव्यवस्था के अगले वित्त वर्ष में 9.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान है. फिच रेटिंग्स ने बुधवार को जारी एक रपट में यह बात कही.
फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के पांच प्रतिशत सिकुड़ने का अनुमान जताया है. कोरोनावायरस संकट गहराने से पहले ही अर्थव्यवस्था में नरमी का रुख बना हुआ था.
फिच ने बुधवार को अपना एशिया-प्रशांत ऋण साख परिदृश्य जारी किया. इसमें कहा गया है, ‘कोविड-19 महामारी ने देश के वृद्धि परिदृश्य को कमजोर किया है. इसकी अन्य प्रमुख वजह सरकार पर भारी कर्ज के चलते कई चुनौतियां भी पैदा होना है.’
फिच ने कहा कि इस वैश्विक महामारी संकट के बाद देश की जीडीपी वृद्धि दर के वापस पटरी पर लौटने की उम्मीद है. यह वापस उच्च स्तर पर पहुंच सकती है. इसके अगले साल 9.5 प्रतिशत कीर दर से वृद्धि करने की उम्मीद है. यह ‘बीबीबी’ श्रेणी से अधिक होगी.
देश में कोरोनावायरस को रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया इसे कई बार विस्तार देकर 30 जून तक बढ़ाया गया है. हालांकि, चार मई से लॉकडाउन के नियमों में कई राहत दी गयी हैं. लेकिन देश में फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है.