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Thursday, 21 November, 2024
होमएजुकेशनकोविड में बड़े ऑफर्स गंवाने वाले आईआईटी ग्रेजुएट्स के लिए नौकरियां लेकर आईं भारतीय स्टार्टअप्स

कोविड में बड़े ऑफर्स गंवाने वाले आईआईटी ग्रेजुएट्स के लिए नौकरियां लेकर आईं भारतीय स्टार्टअप्स

भारतीय स्टार्ट-अप्स कम्पनियां कैम्पस भर्तियां करती आईं हैं, लेकिन ये जॉब ऑफर्स में अब एक बड़ा रोल अदा कर रही हैं, जबकि बड़ी स्थापित कम्पनियां, कोविड के प्रभाव से जूझ रही हैं.

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नई दिल्ली: अपने देश की स्टार्टअप्स, आईआईटीज़ और दूसरे प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्रों की मदद के लिए आगे आ रही हैं, जो कोविड-19 लॉकडाउन और इसके आर्थिक परिणामों के चलते, जॉब ऑफर्स के वापस लिए जाने से प्रभावित हुए थे.

मार्च के आख़िर में जब लॉकडाउन शुरू हुआ, तब से ख़बरें आ रही हैं कि स्थापित कम्पनियां, जिनमें कुछ विदेशी भी हैं, इंडियन इंस्टीट्यूटस ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटीज़), और इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम्स) जैसे प्रीमियर कॉलेजों के छात्रों को, दिए गए जॉब ऑफर्स वापस ले रही हैं.

लेकिन दिप्रिंट को कई भारतीय संस्थानों, छात्रों, और स्टार्टअप्स से पता चला है, कि नई कंपनियां इस ख़ाली जगह को भर रही हैं.

स्टार्टअप्स अब वैसे भी कैम्पस प्लेसमेंट सीज़ंस में निरंतर मौजूद रहते हैं लेकिन जॉब ऑफर्स के वापस लिए जाने से, उन्हें उस टैलेंट को भर्ती करने में मदद मिल रही है, जिसे आम स्थिति में बड़े खिलाड़ी झपट लेते हैं. इस दौरान छात्रों के बीच, स्टार्टअप्स ऐसे समय में नए अवसर लाई हैं, जब जॉब मार्केट का माहौल अनिश्चितता से भरा है.

अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पेश किए जा रहे वेतन भी अच्छे हैं, और कुछ स्टार्टअप्स फ्रेशर्स को, 12 से 20 लाख रुपए सालाना तक के ऑफर दे रही हैं.


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खाली जगह की भरपाई

भारत के कैम्पस भर्ती सीन पर पहली बार, बादल मार्च के अंत में तब मंडराए, जब अमेरिका स्थित रिसर्च फर्म गार्टनर ने आईआईटीज़, और इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ मैनेजमेंट्स से अपने जॉब ऑफर्स वापस ले लिए.

उसके बाद, कुछ दूसरी बड़ी फर्म्स ने भी आईआईटी छात्रों से जॉब ऑफर्स वापस ले लिए, क्योंकि कोविड-19 लॉकडाउन में उनका काम प्रभावित होने से, दुनिया भर में कारोबार में कमी आने के आसार थे.

आईआईटी-मद्रास के अधिकारियों के मुताबिक़, वैश्विक महामारी की वजह से संस्थान को 16 जॉब ऑफर्स की वापसी झेलनी पड़ी. एक अधिकारी ने कहा कि महामारी की वजह से, आईआईटी दिल्ली के छात्र भी प्रभावित हुए हैं, ‘हम ऑफर वापसी की संख्या शेयर नहीं कर सकते लेकिन ये संख्या सिर्फ इकाई अंक में है.’

इधर संस्थान छात्रों के लिए विकल्पों का इंतज़ाम कर रहे हैं, और अपने पूर्व छात्रों से बात कर रहे हैं, उधर बहुत से स्टार्टअप्स आगे आ रहे हैं, जिनके पास उनके समर्थकों के फंड्स हैं, और जो आगे बढ़ने के लिए बेताब हैं.

आईआईटी-मद्रास में ट्रेनिंग और प्लेसमेंट्स एडवाइज़र प्रोफेसर सीएस शंकर राम ने कहा, जिन छात्रों के जॉब ऑफर्स वापस ले लिए गए थे, और जो शैक्षणिक सत्र 2019-20 में प्लेस नहीं हो पाए थे, उनके प्लेसमेंट के लिए संस्थान, पूर्व छात्रों के नेटवर्क से सहायता ले रहा है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे छात्रों को हायर करने के लिए, स्टार्टअप्स भी हमारे पास आ रहे हैं.’

आईआईटी दिल्ली में करिअर सर्विसेज़ के ऑफिस में औद्योगिक संपर्क अधिकारी, अनिष्या मदान ने बताया, ‘हमारे यहां से कुछ जॉब ऑफर्स वापस लिए गए हैं, हालांकि वो ज़्यादा नहीं हैं लेकिन अब हमारे पास बहुत सी स्टार्टअप्स कंपनियां आ रही हैं, जो हमारे छात्रों को हायर करना चाहती हैं.’

मदान ने आगे कहा, ‘मेरे पास स्टार्ट-अप्स की ओर से रोज़ाना, तक़रीबन चार-पांच अनुरोध आते हैं. हम देख रहे हैं कि  किस तरह, अपने तमाम छात्रों की प्लेस होने में मदद कर सकें.’

आईआईटी रुड़की के प्लेसमेंट ऑफिस ने भी पुष्टि की, कि प्लेसमेंट्स के लिए स्टार्ट-अप्स उनसे सम्पर्क कर रहे हैं, लेकिन साथ ही ये भी कहा कि इसमें कुछ असामान्य नहीं है.

‘आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर और प्लेसमेंट व इंटर्नशिप इंचार्ज, विनय शर्मा ने बताया, देश के सर्वश्रेष्ठ दिमाग़ों को हायर करने के लिए, स्टार्टअप्स कंपनियां हमेशा से हमारे पास आती रहे हैं…इसी तरह इस साल भी कुछ स्टार्टअप्स हैं, जो बेहतरीन टैलेंट पूल से हायर करना चाहती हैं. ये ऑफर्स सभी योग्य छात्रों के लिए हैं, और किसी ख़ास वर्ग तक सीमित नहीं हैं.’

‘एक दोतरफा मार्ग’

बहुत से स्टार्टअप्स जिनसे दिप्रिंट ने बात की, उनका कहना था कि ये एक दोतरफा मार्ग है. जहां वो औपचारिक चैनलों और लिंक्ड-इन जैसे जॉब पोर्टल्स के ज़रिए, आईआईटीज़ को अप्रोच कर रहे हैं, वहीं कुछ छात्र निजी स्तर पर भी उनसे सम्पर्क कर रहे हैं.

स्टार्ट-अप्स के संस्थापकों का कहना है, कि वो केवल आईआईटी ही नहीं, बल्कि दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (पूर्व में दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज), और बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) पिलानी, के छात्रों को भी लेना चाहते हैं.

हेल्थकेयर सेक्टर की एक स्टार्ट-अप ‘विज़िट’ के संस्थापक व सीईओ, वैभव सिंह ने बताया, ‘इस साल आईआईटीज़ के काफी ग्रेजुएट्स ने हमें अप्रोच किया है, क्योंकि उनमें से बहुतों के जॉब और इंटर्नशिप ऑफर्स वापस ले लिए गए थे, जो छात्र महामारी की वजह से इंटर्नशिप नहीं कर पाए थे, उन्होंने भी हमें अप्रोच किया है.’

‘हमने बहुत से छात्रों को इंटर्नशिप दी, और कुछ को हायर भी किया है. सिर्फ आईआईटीज़ ही नहीं, हमने बिट्स और कुछ दूसरे प्रमुख संस्थानों से भी छात्रों को लिया है.’

सिंह के अनुसार, ‘दूसरी स्थापित फर्म्स को परेशानियां आ रही हैं लेकिन स्टार्ट-अप्स, ख़ासकर जो टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में हैं जैसे कि, अच्छा कर रही हैं, क्योंकि सरकार भी डिजिटल हेल्थकेयर को बढ़ावा दे रही है’.

भारत की स्पेस-टेक स्टार्ट-अप, पिक्सेल के संस्थापक और सीईओ, अवैस अहमद ने कहा, ‘स्थापित कम्पनियां एक तयशुदा कैश-फ्लो पर चलती हैं, इसलिए जब उनके पास वो तय कैश-फ्लो नहीं होता, जिसकी उन्हें ज़रूरत होती है, तो वो कुछ चीज़ों पर ख़र्च नहीं कर पातीं, लेकिन स्टार्ट-अप्स के साथ ऐसा नहीं है, जो फंडिंग पर काम करती हैं. हम अपनी ज़रूरत के हिसाब से लोगों को लेते हैं.’

अहमद ने कहा, ‘स्टार्ट-अप्स ने इस साल भी छात्रों को, जॉब और इंटर्नशिप्स के ऑफर्स दिए हैं’.

उन्होंने ये भी कहा, ‘सर्वश्रेष्ठ टैलेंट पूल की तलाश में, हम इस साल भी आईआईटीज़ और दूसरे टॉप संस्थानों में गए थे.’ उन्होंने आगे कहा, ‘कुछ ऐसे छात्रों ने भी हमें अप्रोच किया जिनके जॉब ऑफर्स वापस ले लिए गए थे, और हमने उनको रखा है.’

जब आईआईटी ग्रेजुएट्स के सैलरी पैकेज की बात आती है, तो अवैस ने कहा कि स्टार्ट-अप्स और स्थापित कम्पनियां जो ऑफर करती हैं, उनमें कोई भारी फर्क़ नहीं होता.

आईआईटी रुड़की के एक हालिया ग्रेजुएट, जिसका प्री-प्लेसमेंट ऑफर महामारी की वजह से वापस ले लिया गया था, ने बताया कि उसे स्टार्ट-अप्स की ओर से बेहतर रेस्पॉन्स मिल रहा है.


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ग्रेजुएट ने बताया, ‘मेरे पास बेंगलुरू स्थित एक आईटी फर्म से एक ऑफर था, लेकिन वो कोविड-19 महामारी की भेंट चढ़ गया. मैं उन बहुत से छात्रों में से हूं, जिनके जॉब ऑफर्स वापस ले लिए गए. अब मैं ख़ुद से निजी सम्पर्कों और सोशल मीडिया के ज़रिए, संभावित एंप्लॉयर्स के पास जा रहा हूं.’ उसने आगे कहा, ‘मैंने कुछ स्टार्ट-अप्स को भी अप्रोच किया है, और स्थापित फर्म्स के मुक़ाबले, वो ज़्यादा स्वागत कर रहे हैं.’

टेक कम्पनी के एक पूर्व एम्प्लॉयी, जो अब अपनी टेलीमेडिसिन स्टार्ट-अप शुरू करने जा रहा है, ने कहा कि वो ‘आईआईटी दिल्ली और दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के ग्रेजुएट्स’ की तलाश में हैं, ‘क्योंकि मुझे मालूम है कि बहुत से छात्रों के जॉब ऑफर्स वापस ले लिए गए हैं’.

उन्होंने आगे कहा, ‘इस समय लोग जोखिम उठाने को तैयार होंगे.’ उन्होंने आगे कहा, ‘एक नए वेंचर के साथ जॉब, कोई जॉब ना होने से तो बेहतर होगा.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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