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Friday, 22 November, 2024
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छत्तीसगढ़ में आईएएस के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप, मुख्यमंत्री बघेल ने दिए निलंबन के आदेश

पीड़िता द्वारा पाठक के खिलाफ 3 जून को अपराध दर्ज करवाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं इसका संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव आरपी मंडल को आरोपी अधिकारी को निलंबित कर जांच कराने का आदेश दिया.

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रायपुर: दुष्कर्म के आरोप में घिरे छ्त्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी जनक प्रसाद पाठक को राज्य सरकार ने गुरुवार को निलंबित कर दिया. पाठक पर जांजगीर जिले का कलेक्टर रहते हुए एनजीओ में काम करनेवाली एक महिला के साथ अपने चैंबर में बुलाकर दुष्कर्म करने का आरोप है.

पीड़िता ने बुधवार को पाठक के खिलाफ एफआईआर कराई थी जिसकी पुष्टि जांजगीर की एसपी पारुल माथुर ने की है. माथुर ने 4 जून को बताया कि पीड़िता की शिकायत पर पाठक के खिलाफ धारा 376,( तहत दोषी को कम से कम पांच साल व अधिकतम 10 साल तक कड़ी सजा दिए जाने का प्रावधान है.) 506 ( के तहत कारावास की सजा का प्रावधान) और 509 (स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहना या अंगविक्षेप करना)के तहत अपराध दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है.

पीड़िता द्वारा पाठक के खिलाफ 3 जून को अपराध दर्ज करवाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं इसका संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव आरपी मंडल को आरोपी अधिकारी को निलंबित कर जांच कराने का आदेश दिया. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पाठक को गुरुवार शाम को मुख्य सचिव ने निलंबित कर दिया.

आरोप

पीड़िता द्वारा दर्ज एफआईआर में पाठक पर आरोप लगाया गया है कि वह उनसे पहली बार 13 मार्च को एनजीओ के एक काम के सिलसिले में मिली थी. पाठक उस समय जांजगीर कलेक्टर के रूप में कार्यरत थे.

महिला ने बताया, कलेक्टर से अपने काम के बारे में चर्चा करने के बाद वह वहां से चली गयी थी क्योंकि पाठक ने उन्हें काम हो जाने का आश्वासन दिया था.’ लेकिन पाठक ने उससे उसका मोबाइल नंबर ले लिया था.

महिला ने पाठक पर लगाए आरोप में कहा गया है कि उसके जाने के बाद पाठक उसे लगातार कॉल करते रहते थे. जांजगीर कलेक्टर रहते हुए पाठक उसे व्हाट्सएप्प कॉल और मैसेज भी करते थे.

आईएएस अधिकारी का निलंबन ऑर्डर/ विशेष प्रबंधन

एफआईआर के अनुसार पाठक महिला को अश्लील फ़ोटो और वीडियो भी भेजा करते थे. महिला ने पाठक द्वारा भेजे गए सभी वीडियो, फोटो और चैट मेसेज के स्क्रीनशॉट्स पुलिस के हवाले कर दिया है.

पीड़िता का कहना है, ‘आरोपी अधिकारी उसे लगातार बुलाता रहा लेकिन लॉक डाउन की वजह से उसने जाने में असमर्थता जाहिर किया था.’ आरोप यह भी है कि महिला द्वारा पाठक के बुलाने पर नही आने से तत्कालीन जांजगीर कलेक्टर रहते हुए उन्होंने उसके पति को, जो कलेक्टोरेट में ही कार्यरत है, नौकरी से निकालने की धमकी देने लगे थे.

पीड़िता ने एफआईआर में कहा है कि अपने काम के विषय में पाठक से मिलने वह दोबारा 15 मई को गयी थी. उसका आरोप है कि मीटिंग के दौरान कलेक्टर ने उसे जबरन पकड़ लिया और अंदर बने कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया.

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