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Friday, 22 November, 2024
होमविदेशपुलिस हिरासत में फ्लॉयड की मौत को लेकर दुनियाभर में प्रदर्शन, प्रदर्शनकारियों ने वाशिंगटन डीसी में गांधी की मूर्ति तोड़ी

पुलिस हिरासत में फ्लॉयड की मौत को लेकर दुनियाभर में प्रदर्शन, प्रदर्शनकारियों ने वाशिंगटन डीसी में गांधी की मूर्ति तोड़ी

वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शनकारियों ने महात्मा गांधी की मूर्ति को भी नुकसान पहुंचाया. #BlackLivesMatter के प्रदर्शनकारियों ने इस घटना को अंजाम दिया है.

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वाशिंगटन/ पेरिस: अमेरिका के मिनियापोलिस में पुलिस की हिरासत में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध की आग अमेरिका से निकलकर दुनियाभर में पहुंच चुका है. फ्रांस की राजधानी पेरिस से लेकर ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, अर्जेंटीना, कनाडा सहित कई देशों में लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने ‘मैं सांस नहीं ले पा रहा’ की तख्तियां लेकर सड़कों पर उतरे वहीं नारे भी लगाए. उधर दूसरी तरफ अमेरिका में हिंसा शांत होने का नाम नहीं ले रही है. अमेरिका में यह विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. खबरों के मुताबिक यह अब 28 राज्यों में पहुंच गया है.

वहीं दूसरी तरफ वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शनकारियों ने महात्मा गांधी की मूर्ति को भी नुकसान पहुंचाया. #BlackLivesMatter के प्रदर्शनकारियों ने इस घटना को अंजाम दिया है. अमेरिका से समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों ने बताया कि यूनाइटेड स्टेट पार्क पुलिस ने जांच टीम गठित की है.

अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क में दूसरी रात भी कर्फ्यू जारी रहा, लेकिन यह रात्रि पिछली रात की तुलना में अपेक्षाकृत शांत रही. जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और तोड़फोड़ की छुटपुट घटनाएं सामने आयीं.

शहर भर में रात आठ बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लागू रहा. कर्फ्यू को रात में होने वाली हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए लागू किया गया है जो शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के बाद कई दिनों तक चली थी. विभाग के प्रमुख टेरेंस मोनाहन ने कहा कि रात आठ बजे ही सड़कों को खाली करने का आदेश दे दिया गया था जो सोमवार को रात 11 बजे दिया गया था. इससे पुलिस को शहर सड़कों का नियंत्रण अपने हाथों में मदद मिली.

मोनाहन ने एनबीसी के ‘टूडे’ कार्यक्रम में कहा कि जल्दी कर्फ्यू लागू करने से इलाकों से उन लोगों को निकालने में पुलिस को मदद मिली जो वहां के रहने वाले नहीं थे. उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने रात आठ बजे के बाद शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की इजाजत दी लेकिन जो लोग उत्पात मचाने की फिराक में थे, उन्हें तेजी से हटा दिया गया.

पुलिस ने कहा कि उन्होंने प्रदर्शनों के सिलसिले में करीब 280 लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि सोमवार की रात 700 लोगों की गिरफ्तारी की गई थी.

मेयर बिल डे ब्लसासियो ने कहा कि रविवार तक रात आठ बजे से कर्फ्यू लागू कर दिया जाएगा. उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और गवर्नर एंड्रयू क्योमो की नेशनल गार्ड बुलाने की सलाह को भी खारिज कर दिया.

प्रदर्शनकारियों ने रात को मैनहट्टन और ब्रुकलिन की सड़कों पर नारेबाजी करते हुए मार्च निकाला. प्रदर्शनकारी रिशा मुनोज़ ने कहा कि हम सिर्फ घूम रहे हैं और हम रुकने वाले नहीं है.


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दुनियाभर में हो रहे प्रदर्शन

अमेरिका के मिनियापोलिस में पुलिस हिरासत में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड के मारे जाने के बाद अमेरिका में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. फ्रांस की राजधानी पेरिस में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और दमकल कर्मियों को आग बुझाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी.

वहीं, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में भी हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया, लेकिन उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा. वे ‘मैं सांस नहीं ले पा रहा’ जैसे नारे लगा रहे थे.

नीदरलैंड के हेग शहर में भी प्रदर्शन हुए और प्रदर्शनकारियों ने कोविड-19 के मद्देनजर भौतिक दूरी के नियम का पालन किया.

पेरिस में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले तक दागने पड़े. तेल अवीव में 200 से अधिक प्रदर्शनकारी अमेरिका के राजनयिक मिशन के बाहर एकत्र हुए.

अर्जेंटिना, कनाडा, ब्राजील और न्यूजीलैंड में भी लोगों ने नस्ली भेदभाव के खिलाफ प्रदर्शन किए.

श्वेत पुलिस अधिकारी द्वारा फ्लॉयड की गर्दन को घुटने से दबाए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद अमेरिका में व्यापक जन-आक्रोश भड़का हुआ है. वीडियो में फ्लॉयड पुलिस अधिकारी से यह कहते दिखता है कि वह सांस नहीं ले पा रहा. पुलिस अधिकारी इसके बावजूद अपना घुटना उसकी गर्दन से नहीं हटाता और धीरे-धीरे फ्लॉयड की सांस थम जाती है और वह हिलना-डुलना बंद कर देता है.

इस घटना को लेकर अमेरिका में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं. प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह आगजनी, तोड़फोड़ और लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिया है.

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