आगरा: आगरा में शुक्रवार देर रात आंधी-तूफान की वजह से विश्वप्रसिद्ध ताजमहल की इमारत को खासा नुकसान पहुंचा और इस दौरान ताजमहल के मुख्य मकबरे की संगमरमर की रेलिंग टूट गयी और उसकी जालियां भीं गिर गईं हैं. साथ ही परिसर में लगे कई पेड़ उखड़ गए और एक दरवाजा भी क्षतिग्रस्त हुआ है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
तेज आंधी की वजह से जनपद में तीन लोगों की मौत व कई अन्य के घायल होने के साथ ही कई स्थानों पर मकान और पेड़ों के भी गिरने की जानकारी मिली है.
भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीक्षक पुरातत्वविद् डॉ.बसंत स्वर्णकार ने बताया, ‘आंधी से ताजमहल में संगमरमर की जालियां और लाल पत्थर की जालियां क्षतिग्रस्त हुई हैं. परिसर में पेड़ उखड़ गये हैं वहीं एक दरवाजा भी उखड़ गया है.’
उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा ताजमहल परिसर में पर्यटकों की सुविधा के लिये बनायी गई शेड की फॉल्स सीलिंग उखड़ गयी है. ताजमहल के अलावा महताब बाग की दीवार पर पेड़ गिर गया है तो वही मरियम के मकबरे में भी पेड़ गिरा है.’
लॉकडाउन की वजह से ताजमहल पिछले 68 दिन से बंद है. यह पहला मौका है जब ताजमहल इतने लंबे समय तक बंद रखा गया हो.
इससे पहले 2018 में 11 अप्रैल और दो मई को आंधी से ताजमहल का शाही दरवाजा, दक्षिणी दरवाजा के उत्तर पश्चिम गुलदस्ता स्तंभ टूटकर गिर गये थे. उस वक्त आंधी में सरहिंदी बेगम, फतेहपुरी बेगम के मकबरों में भी गुलदस्ता स्तंभ गिरे थे.
इस बीच तूफान की वजह से आगरा शहर और देहात में कई जगह बिजली के खंभे और पेड़ उखडऩे के साथ ही मकान गिरने की भी सूचना आई है. करीब 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आई आंधी में तीन लोगों की मौत की और 25 लोगों के घायल होने की खबर हैं.
आंधी में मकान ढहने से गांव नगरा कर्म सिंह में एक बालिका और फतेहाबाद तथा डौकी में दो लोगों की मौत हो गयी, हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
(प्रशांत श्रीवास्तव के इनपुट्स के साथ)