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Friday, 15 November, 2024
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छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का 74 वर्ष की उम्र में हुआ निधन

जोगी के बेटे ने ट्वीट कर लिखा, 'माननीय अजीत जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर, ईश्वर के पास चले गए. गांव-गरीब का सहारा, छत्तीसगढ़ का दुलारा, हमसे दूर चला गया.'

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नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का 74 वर्ष की उम्र में रायपुर के श्रीनारायण अस्पताल में निधन हो गया. वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनके बेटे अमित जोगी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

रायपुल के श्रीनारायण अस्पताल द्वारा जारी की गई हेल्थ बुलेटिन में कहा गया, ‘छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी का स्वास्थ्य दोपहर करीब 1:30 बजे से खराब हुआ. उन्हें पुन: कार्डियक अरेस्ट हुआ. डॉक्टरों के दो घंटे से अधिक के अथक प्रयास के बाद उनकी ह्रदय गति वापस नहीं लाई जा सकी. बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि उन्होंने दोपहर साढ़े तीन बजे अपनी अंतिम सांस ली.

अजीत जोगी के बेटे ने ट्वीट कर लिखा, ’20 वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया. केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं, अपना पिता खोया है. माननीय अजीत जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर, ईश्वर के पास चले गए. गांव-गरीब का सहारा, छत्तीसगढ़ का दुलारा, हमसे दूर चला गया.’

उन्होंने लिखा, ‘वेदना की इस घड़ी में मैं निशब्द हूं. परम पिता परमेश्वर माननीय अजीत जोगी जी की आत्मा को शांति और हम सबको शक्ति दे. उनका अंतिम संस्कार उनकी जन्मभूमि गौरेला में कल होगा.’

राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने लिखा, ‘छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी का निधन छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए एक बड़ी राजनीतिक क्षति है. हम सभी प्रदेशवासियों की यादों में वो सदैव जीवित रहेंगे. विनम्र श्रद्धांजलि. ऊं शांति:’

 

कैसे बिगड़ी थी तबियत

अजीत जोगी 9 मई की सुबह तक बिल्कुल स्वस्थ थे. उनकी तबीयत सुबह अपने बंगले में ही पेड़ से गिरी गंगा इमली खाते समय बिगड़ी जब फल का एक बीज उनके श्वास नली में फंस जाने के कारण उन्हें दिल का दौरा पड़ा. इसके बाद उन्हें रायपुर के श्रीनारायण हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. शुरुआती उपचार के बाद उनकी हालत में कुछ सुधार आया लेकिन उनका ब्रेन इलाज को उचित रिस्पांस नहीं दे रहा था जिसके कारण उन्हें वेंटीलेटर पर रखना पड़ा.

दो दिनों के बाद वे कोमा में चले गए और तब से उनकी तबीयत की यथास्थिति बरकरार थी.

जोगी की हालत ज्यादा खराब 28 मई को हुई जब रात करीब 11.30 बजे उनको दूसरा हार्ट अटैक आया. पूरी मेहनत कर डॉक्टर उनकी हृदयगति दोबारा वापस लाने में कामयाब तो हो गए लेकिन उनका ब्रेन अभी भी शून्य की स्थिति में था.

जोगी को तीसरा हार्ट अटैक 29 मई को दोपहर 1.30 बजे आया लेकिन इस बार डॉक्टरों के पूरी कोशिश के बावजूद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका.


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प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 मई को जोगी का पार्थिव शरीर सुबह 9 बजे सागौन बंगला रायपुर से बिलासपुर मरवाही सदन 11 बजे पहुंचेगा. वहां से उनके गृह ग्राम जोगिसार से गौरेला के पैतृक जोगी निवास पहुंचने के बाद मरवाही विधानसभा के सेनेटोरियम में लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए अंतिम संस्कार किया जाएगा.

अफसर से राजनीति तक

अजीत जोगी का जन्म 29 अप्रैल 1946 में छत्तीसगढ़ के गौरेला में हुआ था.

राजनीति में आने से पहले जोगी आईपीएस अधिकारी थे और उसके बाद आईएएस के लिए भी चुने गए थे. इंदौर के जिलाधिकारी के तौर पर उन्होंने सेवाएं दी थी. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था और नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ के राज्य बनने के बाद वो पहले मुख्यमंत्री बने थे. जोगी राज्य सभा के सदस्य भी रह चुके हैं.

1998 में जोगी रायगढ़ से पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए लेकिन 1999 के मध्यावर्ती लोकसभा चुनाव में जोगी शहडोल जिले से हार गए. इसके बाद 1998 से 2000 के बीच जोगी कांग्रेस के प्रवक्ता भी रहे.

2016 में कांग्रेस से अलग होकर उन्होंने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी (जेसीसीजे) के नाम से एक नया राजनीतिक संगठन बनाया.

(पृथ्वीराज सिंह के इनपुट के साथ)

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