नई दिल्ली: श्रमिक स्पेशल ट्रेनों और मजदूरों को लेकर इन दिनों देश में राजनीति गर्माई हुई है. आरोप प्रत्यारोप, ट्रेन की लेट लतीफी से लेकर ट्रेन के गंतव्य तक न पहुंचने को लेकर भी खूब राजनीति हो रही है. फिलहाल नया मामला केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और महाराष्ट्र सरकार के बीच का है.
रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पीयूष गोयल के बीच ट्वीटर वार और जुबानी जंग के बाद सोमवार को शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय राउत ने फिर से पीयूष गोयल पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे मंत्रालय को अपेक्षित गाड़ियों की सूची सौंप दी है. पीयूष जी से सिर्फ इतनी विनती है कि ट्रेन जिस स्टेशन पर पहुंचनी चाहिए उसी स्टेशन पर पहुंचे. गोरखपुर के लिए जाने वाली ट्रेन उड़ीसा न पहुंच जाए.’
पियुषजी,@PiyushGoyal १४ मे २०ला सुटलेल्या नागपुर – ऊधमपुर ट्रेन साठी कोठली यादी घेतली होती. आधी ट्रेन नंतर माणसे जमा करण्यासाठी काय कष्ट घेतले, कृपया जाहीर कराल? आता म यादी कसली मागताय? राज्यसभेत आपण महाराष्ट्राचे प्रतिनिधित्व करताय हे विसरू नका. @PawarSpeaks @CMOMaharashtra
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) May 25, 2020
उन्होंने रेल मंत्री से पूछा, ‘पीयूष जी 14 मई को छूटने वाली नागपुर-उधमपुर ट्रेन की सूची कहां थी? आपको पहली ट्रेन के बाद लोगों को इकट्ठा करने में परेशानी क्यों उठानी पड़ी , कृपया बताइए? अब किस प्रकार की सूची चाहिए? यह न भूलें कि आप राज्यसभा में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.’
यह भी पढ़ें: पहले लॉकडाउन, अब अम्फान- बंगाल के धान और ओडिशा के पान के किसान तबाह हो गए
ट्विटर वार
शिवसेना प्रमुख ने रेल मंत्री पर आरोप लगाया कि मांग करने के बावजूद रेलवे राज्य को पर्याप्त संख्या में ट्रेनें नहीं उपलब्ध करा रहा है. हालांकि, ठाकरे ने राज्य के लोगों को रविवार को संबोधित करते हुए कहा था कि उन्होंने प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए प्रतिदिन 80 प्रवासी स्पेशल ट्रेनों की मांग की थी, लेकिन उसे सिर्फ 40 ट्रेनें ही मिल रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य ने इन ट्रेनों के लिये 85 करोड़ रुपये अदा किये हैं.
इस पर, गोयल ने एक ट्वीट में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा, ‘उम्मीद है कि पहले की तरह ट्रेनों को स्टेशन पर आने के बाद, वापस ख़ाली नहीं जाना पड़े. आपको आश्वस्त करना चाहूंगा कि आपको जितनी ट्रेन चाहिए, वो उपलब्ध होंगी.’
रात के 12 बज चुके है और 5 घंटे बाद भी हमारे पास महाराष्ट्र सरकार से कल की 125 ट्रेनों की डिटेल्स और पैसेंजर लिस्टें नही आयी है। मैंने अधिकारियों को आदेश दिया है फिर भी प्रतीक्षा करे और तैयारियाँ जारी रखे।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 24, 2020
गोयल ने पहले कुछ मौकों पर स्पेशल ट्रेनों में प्रवासियों के सवार नहीं होने का जिक्र करते हुए यह कहा.
गोयल ने एक ट्वीट में कहा, ‘कल हम महाराष्ट्र से 125 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें देने के लिए तैयार हैं. अपने बताया कि आपके पास श्रमिकों की सूची तैयार है. इसलिए, आपसे अनुरोध है कि सभी निर्धारित जानकारी–जैसे कि कहां से ट्रेन चलेगी, यात्रियों की ट्रेनों के हिसाब से सूची, उनका मेडिकल सर्टिफ़िकेट और कहाँ ट्रेन जानी है, यह सब सूचना अगले एक घंटे में मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को पहुंचाने की कृपा करें, जिससे हम ट्रेनों की योजना समय पर बना सकें.’
इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘दुख की बात हैं कि डेढ़ घंटे हो गए हैं, पर महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे के महाप्रबंधक, मध्य रेल को कल की 125 ट्रेनों की निर्धारित जानकारी नहीं दी है. ट्रेन की योजना बनाने में समय लगता है और हम नहीं चाहते कि ट्रेनें स्टेशन पर आकर खाली खड़ी रहें. इसलिए पूरी जानकारी के बिना प्लान करना असंभव है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि महाराष्ट्र सरकार हमारे इन श्रमिकों के लाभ के लिए किए गए प्रयास में पूरा सहयोग करेगी.’
इसके कुछ समय बाद एक अन्य ट्वीट में रेल मंत्री ने कहा, ‘ढाई घंटे से अधिक समय गुजर गये हैं, लेकिन अब तक जीएम मध्य रेलवे को महाराष्ट्र सरकार से 125 ट्रेनों का ब्यौरा नहीं मिला है.’
इससे पहले पीयूष गोयल और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच भी श्रमिक ट्रेन को लेकर ट्विटर पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था. उस समय पीयूष गोयल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और झारखंड के मुख्यमंत्री पर भी ट्रेनों को लेकर आरोप लगाए थे. रेल मंत्री ने इस बात का जिक्र किया था कि इन राज्यों की सरकारें कम संख्या में प्रवासी ट्रेनों को आने की इजाजत दे रही है. वहीं, संबद्ध राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.
रेलवे द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में अब तक 513 ट्रेनें पहुंची हैं.