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Saturday, 2 November, 2024
होमदेशएम्स के डॉक्टरों ने कहा, स्वास्थ्यकर्मियों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर की जरूरत खत्म करना, गैर वैज्ञानिक रवैया

एम्स के डॉक्टरों ने कहा, स्वास्थ्यकर्मियों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर की जरूरत खत्म करना, गैर वैज्ञानिक रवैया

एम्स के आरडीए ने कहा कि पृथक-वास की अवधि को कम करना और ड्यूटी के बाद जांच को आवश्यक बनाने से इंकार करना खतरनाक है जिससे महामारी के खिलाफ लड़ाई कमजोर होगी.

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नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कोविड -19 ड्यूटी के बाद स्वास्थ्य कर्मचारियों की पृथक—वास की जरूरत को समाप्त करने वाले सरकारी निर्णय को ‘गैर वैज्ञानिक रवैया’ करार देते हुये कहा कि यह स्वास्थ्यकर्मियों, रोगियों एवं महामारी को रोकने के प्रयास के लिए हानिकारक साबित होगा. .

एम्स के निदेशक को लिखे पत्र में डाक्टरों के संगठन ने कहा कि यदि अस्पताल सेवाओं को चलाने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों की उपलब्धता एक समस्या है, तो कार्यस्थल पर संक्रमण के प्रसार को रोकने के के उद्देश्य से काम पर लौटने से पहले उनकी जांच का प्रावधान होना चाहिये .

आरडीए ने कहा कि पृथक-वास की अवधि को कम करना और ड्यूटी के बाद जांच को आवश्यक बनाने से इंकार करना खतरनाक है जिससे महामारी के खिलाफ लड़ाई कमजोर होगी.

 एम्स के मेस कर्मचारी की मौत 

वहीं दूसरी तरफ एम्स दिल्ली के मेस में काम करने वाले एक कर्मचारी की कोरोना वायरस से मौत हो गई है. यह जानकारी शुक्रवार को रेजिडेन्ट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने दी. एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि छात्रावास प्रशासन ने एक महीने से ज्यादा समय से एहतियाती उपाय बरतने की उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया जिससे उसकी मौत हो गई.

एसोसिएशन ने यह भी आरोप लगाया कि छात्रावास अधीक्षक ने मामले को ‘संभावित दिल का दौरा पड़ने’ की तरह पेश किया और अधीक्षक तथा वरिष्ठ वार्डन के इस्तीफे की मांग की.

एम्स निदेशक को पत्र लिखकर आरडीए ने कहा, ‘आरपीसी कैंटीन के एक मेस कर्मचारी की कोविड-19 से मौत हो गई क्योंकि एक महीने से भी ज्यादा समय पहले एहतियाती उपाय बरतने की आरडीए की मांग की तरफ छात्रावास ने ध्यान नहीं दिया.’

एसोसिएशन ने थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजर, मास्क आदि जैसे सुरक्षा उपाय तथा नियमित जांच की मांग की थी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि मेस के कर्मचारी सुरक्षित रूप से काम कर सकें.

इसने कहा, ‘ये मांगें नहीं मानी गईं जिसका ऐसा घातक परिणाम हुआ है.’

इसने एम्स प्रशासन ने मेस कर्मचारी के परिजन को मुआवजा देने की मांग की जो महामारी के दौरान उनकी ‘‘सेवा’’ में जुटा हुआ था.

आरडीए अध्यक्ष आदर्श प्रताप सिंह और महासचिव श्रीनिवास राजकुमार टी. के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया है, ‘छात्रावास अधीक्षक ने सुबह की समीक्षा बैठक में मौत को संभावित दिल का दौरा पड़ने जैसा पेश करने का प्रयास किया. आरडीए एम्स छात्रावास अधीक्षक और वरिष्ठ वार्डन ने इसके लिए नैतिक आधार पर इस्तीफे की मांग करता है.’

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