दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
आज के कार्टून में मंजुल दर्शाते हैं कि मज़दूर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की तकरार में फंसे हुए हैं. प्रियंका में योगी को पत्र लिखकर 1000 बसें देने के लिए कहा था, जिससे मज़दूरों को घर पहुंचाया जाना था.
साजिथ कुमार सोचते हैं कि ‘श्रम की गरिमा’ का अर्थ हमारे मंत्रियों को सोचना चाहिए.
सतीश आचार्य को लगता है कि सरकार हमें खाली सपने दिखा रही है. जबकि वास्तव में निजी कंपनियों के हित में काम कर रही है. मोदी सरकार ने हाल ही में निजी कंपनियों को मिशनों में निवेश करने की अनुमति दी और यहां तक कि उन्हें इसरो की सुविधाओं तक पहुंचने की अनुमति दी है.
संदीप अध्वर्यु दर्शाते हैं कई लोगों ने भविष्यवाणी की है कि वैश्विक महामारी के संदर्भ में वैश्विक विनिर्माण चीन से बाहर हो जाएगा और इससे भारत को लाभ होने की उम्मीद है.
कीर्तीश भट्ट कुछ मंत्रियो का मजाक उड़ाते हैं कहते हैं कि कुछ लोगों को लगता हैं कि राजनीति में सांप्रदायिक बात न हो तो रोमांचक नहीं लगती.
रचिता तनेजा, क्वियर समुदाय के साथ एकजुटता में अंजना हरीश की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की पृष्ठभूमि में एक सकारात्मक संदेश सामने लाती है, जिसने अपने परिवार द्वारा कन्वर्शन थेरेपी के लिए मजबूर करने के बाद आत्महत्या कर ली.
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