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Friday, 22 November, 2024
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जानिए अम्फान चक्रवात के बारे में सबकुछ, बंगाल और ओडिशा के तटों से 170 किमी प्रति घंटे की तेजी से आज शाम टकराएगा

मौसम विज्ञान ने बताया कि ‘अम्फान’ के सुंदरवन पहुंचने के बाद उत्तर-उत्तरपूर्व दिशा की ओर बढ़ने और इसके पूर्वी सिरे के कोलकाता के निकट से गुजरने की संभावना है जिससे शहर के निचले इलाकों में भारी नुकसान होने और बाढ़ आने की आशंका है.

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नई दिल्ली: चक्रवात ‘अम्फान,’ जो बंगाल की खाड़ी के ऊपर लगातार बढ़ रहा है, उसे लेकर भारत ने अपने तटीय इलाकों में पूरी तैयारी कर ली है. चक्रवात ‘अम्फान’ बुधवार सुबह पश्चिम बंगाल के दीघा से करीब 240 किलोमीटर दक्षिण में अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में केंद्रित है. मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि तूफान के केंद्र के निकट हवाओं की गति लगातार 170 से 180 किलोमीटर प्रति घंटा बनी रही जिसने बीच-बीच में 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ी.

चक्रवात ‘अम्फान’ पश्चिमी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में पश्चिम बंगाल के दीघा से करीब 170 किलोमीटर दक्षिण में केंद्रित है और इसके बुधवार दोपहर या शाम तक सुंदरवन के निकट पहुंचने की संभावना है. मौसम विज्ञान विभाग के कार्यालय ने बताया कि ‘अम्फान’ के सुंदरवन पहुंचने के बाद उत्तर-उत्तरपूर्व दिशा की ओर बढ़ने और इसके पूर्वी सिरे के कोलकाता के निकट से गुजरने की संभावना है जिससे शहर के निचले इलाकों में भारी नुकसान होने और बाढ़ आने की आशंका है.

चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के आने से पहले पश्चिम बंगाल और ओडिशा से करीब 4.5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. अत्यधिक भीषण चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के बुधवार दोपहर या शाम तक पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट के बीच पहुंचने की आशंका है.

एनडीआरएफ के प्रमुख एस एन प्रधान ने बुधवार को एक वीडियो संदेश में ताजा जानकारी देते हुए बताया कि बचाव दल और प्रशासन ‘अमावस्या’ होने के कारण चार से छह मीटर ऊंची तूफानी या ज्वारभाटा की लहरों से निपटने के लिए तैयार है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों से मिले आंकड़ों के अनुसार ओडिशा से 1.20-1.25 लाख और पश्चिम बंगाल से 3.30 लाख लोगों को चक्रवात के मद्देनजर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

वह आगे बताते हैं, ‘सुबह तक प्राप्त जमीनी रिपोर्ट के अनुसार ओडिशा और पश्चिम बंगाल के प्रभावित इलाकों में बरिश और तेज हवाएं चलनी शुरू हो गई हैं. इस समय 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है और इसकी गति बढ़ने की संभावना है.


यह भी पढ़ें: चक्रवात अम्फान से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 41 टीमों को पश्चिम बंगाल, ओडिशा में तैनात किया गया


उन्होंने कहा कि राज्यों को तूफानी और ज्वार भाटा संबंधी लहरों के बारे में सूचित कर दिया गया है और ‘हम उसी के अनुसार तैयारी कर रहे हैं.’ एनडीआरएफ ने दोनों राज्यों में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए 41 टीमों को तैनात किया है.

मौसम वैज्ञानिकों ने सचेत किया है कि कई स्थानों पर रेल एवं सड़क मार्ग बाधित हो सकते हैं, बिजली एवं संचार के खंभे उखड़ सकते हैं और सभी प्रकार के ‘कच्चे’ घरों को अत्यंत नुकसान होगा.

मौसम विभाग ने तैयार फसलों एवं बाग-बगीचों को भारी नुकसान होने की आशंका जताई है.

मौसम विभाग ने सलाह दी है कि जिन जिलों के प्रभावित होने की आशंका है, उनमें सड़क यातायात और रेल सेवा का मार्ग परिवर्तित किया जाए या उन्हें निलंबित किया जाए.

‘अम्फान’ के कारण हावड़ा-नयी दिल्ली एसी स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन बुधवार को रद्द कर दी गई.

पूर्व रेलवे ने बताया कि इस चक्रवात के कारण भारी बारिश होने और तूफान आने की आशंका है. इसी के मद्देनजर बुधवार को रवाना होने वाली 02301 हावड़ा-नयी दिल्ली एसी स्पेशल एक्सप्रेस और 21 मई को चलने वाली नयी दिल्ली-हावड़ा एसी स्पेशल एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है.

क्षेत्रीय मौसम विभाग के निदेशक जी के दास ने कहा कि पश्चिम बंगाल के तटीय एवं आस-पास के इलाकों में उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना, पूर्वी एवं पश्चिमी मिदनापुर, कोलकाता, हावड़ा और हुगली जिलों में एवं उनके आस-पास बुधवार सुबह हवाओं की गति 75 से 85 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है और बीच- बीच में इन हवाओं की गति 95 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है.

दास ने कहा, “इसकी गति धीरे-धीरे पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा, हुगली, कोलकाता में और रफ्तार पकड़कर 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी तथा बुधवार दोपहर से 20 मई की रात तक उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर के ऊपर 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी.”

उन्होंने बताया कि इसके प्रभाव से गंगा वाले तटीय जिलों में बुधवार को भारी से बहुत भारी बारिश होगी जबकि उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, पूर्वी मिदनापुर, हावड़ा और हुगली में कुछ स्थानों पर भीषण बारिश होने की आशंका है.

एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि भारतीय नौसेना ने राहत कार्यों में पश्चिम बंगाल सरकार की मदद के लिए एक टीम भेजी है.

चक्रवात कैसे बनते हैं?

आमतौर पर उष्णकटिबंधीय चक्रवात भूमध्य रेखा के पास गर्म समुद्र के पानी पर बनते हैं.

गर्म, नम हवा समुद्र के ऊपर से निकलती है, जिससे नीचे हवा का दबाव कम होता जाता है. इससे आसपास के क्षेत्रों में तेज गति से ठंडी हवा चलती जाती है.

हालांकि, यह हवा भी गर्म हो जाती है और आगे की ओऱ बढ़ती जाती है, जिससे अधिक ठंडी हवा चलती है और मूसलाधार बारिश होती है. और यही प्रक्रिया एक ‘चक्रवाती तूफान’ का कारण बनती है.

गर्म हवा – जिसमें जलवाष्प बनता है – बढ़ता है और ठंडा होता जाता है, जिससे बादल बनते हैं. बादलों की यह पूरी प्रणाली और हवा के झोंके तेज गति से आगे की ओऱ बढ़ते हैं, समुद्र की सतह से लगातार गर्मी और पानी के वाष्पीकरण भी करते हैं.

जैसे कि तूफान तेजी से और तेज गति से घूमता है, और इसके केंद्र में एक आंख जैसी आकृति बनती है. आंख में यह स्थितियां बहुत ही शांत और स्पष्ट दिखाई देती हैं. जब हवा की गति 119 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाती है, तो यह आधिकारिक तौर पर तूफान या इसे ‘उष्णकटिबंधीय चक्रवात’ कहा जाता है.

उष्णकटिबंधीय चक्रवात आम तौर पर कमजोर पड़ते हैं जब वे जमीन से टकराते हैं, क्योंकि वे गर्म समुद्र के पानी से ‘पोषित’ नहीं होते हैं. हालांकि, वे कई सेंटीमीटर तेजी से बारिश को अंजाम देते हैं और अक्सर पूरी तरह से खत्म या समाप्त होने से पहले तेज हवा से बहुत नुकसान पहुंचाते हैं.

तेज हवाएं भी तट में पानी लाती हैं, जिससे बाढ़ आ सकती है. इस पूरी प्रक्रिया से तटीय क्षेत्रों की स्थिति खतरनाक हो जाती है. चक्रवात अपनी हवा की ताकत और उससे होने वाले नुकसान के अनुरूप पांच श्रेणियों में वर्गीकृत की जाती है.

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