नई दिल्ली: कोरोनावायरस की वजह से बाजार में नौकरियों की भारी कमी हो सकती है. इसके कारण एक ओर जहां कई आईआईटी के छात्रों के भविष्य पर बुरा असर पड़ने की आशंका है वहीं ख़बर यह भी है कि लॉकडाउन के बाद भी 10 से अधिक कंपनियों ने आईआईटी गांधीनगर के छात्रों को इंटर्नशिप से लेकर फुल टाइम नौकरी दी है.
आईआईटी गांधीनगर के निदेशक को उम्मीद है कि जारी सत्र के दौरान प्लेसमेंट में 20 फीसदी तक की वृद्धि होगी. हालांकि समय की मांग के अनुरूप आईआईटी गांधीनगर ने छात्रों के लिए पीजी डिप्लोमा कोर्स भी शुरू किया है.
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बीते दिनों कुछ आईआईटी और आईआईएम के छात्रों को मिली हुई नौकरी और इंटर्नशिप से हाथ धोने की भी ख़बरें आई थीं.
कोविड 19 की वजह से छात्रों की योजनाओं पर पानी फिरने को ध्यान में रखते हुए संस्थान ने कई तरह के डिप्लोमा शुरू किए हैं. 2020-21 के अकादमिक साल के लिए जारी किए गए इन डिप्लोमा की अवधि एक साल की होगी. ये उन बच्चों के लिए होगा जो इस साल ग्रैजुएट हो रहे हैं.
संस्थान द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि ऐसे प्रोग्राम को शुरू करने का कारण कोरोना महामारी का प्रभाव है. बयान में कहा गया है, ‘इन प्रोग्रामों का उद्देश्य ऐसे छात्रों की मदद करना है जिनकी नौकरी और उच्च शिक्षा की योजनाओं को धक्का लगा है.’ ये भी कहा गया है कि ये डिप्लोमा उन छात्रों के लिए कारगर होंगे जो फुल टाइम मास्टर प्रोग्राम में रुचि नहीं रखते.
इंडस्ट्रियल सेक्टर और प्लेसमेंट
नए डिप्लोमा कोर्स और प्लेसमेंट के बारे में आईआईटी गांधीनगर के निदेशक डॉक्टर सुधीर के जैन ने दिप्रिंट से कहा, ‘प्लेसटमेंट पर कोविड का असर तो होगा. इसकी वजह से जिन्हें नौकरी मिलेगी उनके ज्वाइनिंग में देर हो सकती है और कुछ की नौकरियां जा भी सकती हैं.’ उनका मानना है कि ये सारी बातें इस पर निर्भर करेंगी की आने वाले दिनों में इंडस्ट्रियल सेक्टर कैसा करता है.
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डॉक्टर जैन ने कहा, ‘हम इस साल भी पूरे सत्र में प्लेसमेंट कराने की तैयारी में है और उम्मीद है कि पहले की तुलना में 20 प्रतिशत ज़्यादा प्लेसमेंट होगा.’ उन्होंने जानकारी दी कि लॉकडाउन के बाद से अभी तक 10 संस्थानों ने उनके छात्रों को इंटर्नशिप से लेकर फुल टाइम नौकरी दी है.
हालांकि, उम्मीद ये भी है कि अभी की स्थिति की वजह से वर्तमान अकादमिक सत्र बहुत ज़्यादा प्रभावित नहीं होगा. संस्थान द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक प्लेसमेंट को किसी ख़ास समय पर कराने के बजाए आईआईटी गांधीनगर इसे पूरे अकादमिक सत्र के दौरान कराने में भरोसा रखता है और इस साल भी ऐसा ही किया जा रहा है.