नई दिल्ली: कांग्रेस से बगावत कर कमलनाथ सरकार को बेदखल करने वाले 22 बागी विधायकों और मंत्रियों में अब भाजपा के संस्कार डालने की कवायद शुरू हो चुकी है. भाजपा और आरएसएस का साहित्य इन पूर्व विधायकों और नई सरकार में मंत्री बने पुराने कांग्रेसियों को दी गई है.
शुरुआत कुशाभाऊ ठाकरे की जीवनी से हुई है. सात दिन पहले से सभी 22 बागी विधायकों को ये किताब पहुंचाई जा रही है. भाजपा की ओर से इन्हें निर्देश दिया गया कि इन किताबों को पढ़ें और उसी विचारधारा में ढलें.
शिवराज सरकार में कृषि मंत्री कमल पटेल ने किताबों के जरिए विचारधारा में ढालने का यह काम शुरू किया है. बारी-बारी से अलग-अलग प्रचारकों की किताबें और जीवनियां दी जाएंगी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के सहारे भाजपा में आए पुराने कांग्रेसी भी खुशी-खुशी बिना परहेज के इस विचारधारा के बारे में जानने के कोर्स के लिए तैयार हो गए हैं.
भाजपा और कांग्रेस में अंतर
मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने दिप्रिंट हिंदी से कहा, ‘कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में बहुत अंतर है. कांग्रेस के लिए पहले खुद फिर पार्टी और बाद में देश आता है. भाजपा के लिए पहले देश है बाद में पार्टी है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और कुशाभाऊ ठाकरे जैसे महान त्यागी पुरुषों ने अपना पूरा जीवन देश के लिए समर्पित किया है. इसलिए हमें उनके योगदान के बारे में सभी को बताना होगा.’
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जो लोग आए हैं वे अब हमारे परिवार के सदस्य हो गए हैं. सभी विधायक और मंत्री हमारे मित्र हैं. अभी तक वे कांग्रेस के सदस्य थे तो हमारे परिवार की विचारधारा को नहीं जानते थे. इसलिए हम मध्य प्रदेश भाजपा के प्रेरणा स्त्रोत कुशाभाऊ ठाकरे जी की पुस्तक सभी को भेंट कर रहे हैं.’
पटेल ने कहा, ‘मैंने यह किताब भेंट करते हुए साथी विधायकों और मंत्रियों से कहा है कि इसे जरूर पढ़ें. ठाकरे जी के बताएं मार्ग पर चलेंगे तो यह जीवन सफल होने के साथ-साथ सार्थक हो जाएगा. दो साथी मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत को स्वयं मैंने पुस्तक भेंट की है.’
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हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में आए और शिवराज सिंह सरकार में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने दिप्रिंट हिंदी से कहा, ‘मैं भी भाजपा का एक छोटा सा कार्यकर्ता हो गया हूं. आधिकारिक तौर पर पार्टी को ज्वाइन कर चुका हूं. इसमें किसी भी प्रकार की शंका, सवाल नहीं उठता है.’
सिलावट ने कहा, ‘मुझे साथी मंत्री कमल पटेल ने किताब दी है. कोरोनावायरस के संकट के चलते अभी तक उसे पढ़ना शुरू नहीं किया है. भविष्य में मुझे भाजपा और संघ की विचारधारा से संबंधित किताबों की आवश्यकता होगी. मैं स्वंय जाकर अब उनसे लूंगा.’
‘संगठन और विचारधारा को जानेंगे तो अच्छा होगा’
मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने दिप्रिंट से कहा, ‘मंत्री कमल पटेल जी ने यह किताब इसलिए दी है कि मध्य प्रदेश में ठाकरे जी ने भाजपा के संगठन को गढ़ा है. वे लोग हमारे संगठन और विचारधारा को जानेंगे तो अच्छा होगा.’
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने नाम न छापने के अनुरोध पर दिप्रिंट से कहा, ‘भाजपा में आए इन पूर्व विधायकों को भाजपा के साथ-साथ संघ की रीति-नीति के बारें में भी बताया जाएगा. इसके साथ ही इन्हें एकात्म मानववाद भी पढ़ाया-सिखाया जाएगा.’
उन्होंने आगे कहा, ‘सिंधिया और उनके साथ भाजपा में शामिल हुए सभी पूर्व विधायक कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े रहे हैं. उनके काम करने का तौर तरीका अलग रहा है क्योंकि कांग्रेस में जहां व्यक्ति निष्ठ राजनीति होती रही यानी पार्टी कुछ नहीं केवल नेता ही सबकुछ है. जबकि भाजपा एक कैडरबेस पार्टी है. जिसमें पार्टी ही सबककुछ होता है, नेता कुछ नहीं. इन्हीं सभी बातों को सिखाने के लिए यह पहल की गई है.’
कुशाभाऊ ठाकरे के जीवन पर आधारित पुस्तक के संपादक सिद्धार्थ शंकर गौतम ने दिप्रिंट से कहा, ‘भाजपा के वरिष्ठ नेता भगवत शरण माथुर के मार्गदर्शन में इस किताब को लिखा है. पार्टी के कार्यकर्ता ठाकरे को ‘श्रद्धेय’ नाम से संबोधित करते थे इसलिए पुस्तक का नाम भी यही रखा है.’
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गौतम ने कहा, ‘इसकी विशेषता यह है कि जिन कार्यकर्ताओं ने ठाकरे जी को कभी नहीं देखा वे भी उनके जीवन चरित्र के बारें में पढ़कर सबकुछ जान सकते हैं. ठाकरे कुशल संगठनकर्ता थे और पुस्तक में भाजपा मध्य प्रदेश इकाई के जन्म से लेकर राज्य में सत्ता तक पहुंचने तक ठाकरे ने जिस प्रकार संगठन को गढ़ा और चरेवेति-चरेवेति का मंत्र दिया वह कार्यकर्ताओं को इस पुस्तक के माध्यम से सीखने को मिलेगा.’
‘जो लोग बिक कर भाजपा में शामिल हुए हैं वे किसी भी विचार के नहीं’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने दिप्रिंट से कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी का अपना एक विचार है और कांग्रेस का अपना एक विचार है. जो लोग बिक कर भाजपा में शामिल हुए हैं वे किसी भी विचार के नहीं हैं.’
कांग्रेस से भाजपा में गए विधायकों के बारे में पटवारी ने कहा, ‘इन लोगों ने अपने सिद्धांतों की हत्या पैसे और लालच के लिए कर दी. वे क्या किसी पार्टी के संस्कार ले सकते हैं. जो लोग कांग्रेस की सहिष्णु और मानवीय विचारधारा के नहीं हुए तो वे किसी और के कैसे हो सकते हैं. भाजपा को विचारधारा से जोड़ने के लिए कोशिश करना चाहिए लेकिन कोई मतलब नहीं निकलेगा. अगर पैसे से जुड़ी कोई विचारधारा है तो इन्हें बता दो, तो यह लोग बात कर लेंगे.’
वो किताब और उसके पीछे का वो आदमी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की बुनियाद को मजबूत बनाने में कुशाभार ठाकरे का अहम योगदान रहा है. उन्होने मध्यप्रदेश में पार्टी की नींव मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है.
भाजपा के संस्थापक नेताओं में से एक, उन्होंने मप्र में आरएसएस के संदेश को दूर-दूर तक फैलाया, जिससे उन्हें सम्मान और उन्होंने प्रभावित किया.
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ठाकरे का जन्म 15 अगस्त 1922 को मध्य प्रदेश स्थित धार में हुआ था. 1942 में संघ के प्रचारक बनने के बाद उन्होंने मध्य प्रदेश के कोने-कोने में स्वयंसेवकों की सेना खड़ी की. राज्य में भाजपा को मजबूत करने का श्रेय ठाकरे को ही जाता है. कुशल संगठनकर्ता ठाकरे ने संघ में काम की शुरुआत उस समय की थी, जब इस संगठन का विस्तार व्यापक नहीं था.
आपातकाल के दौरान वे 19 महीने जेल में भी रहे. 1998 में ठाकरे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और इस पद पर वे 2000 तक रहे. 28 दिसंबर 2003 को उनका देहांत हो गया.