लखनऊ: कोरोना वाॅरियर्स से अभद्रता की लगातार आ रही खबरों के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट ने लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश पास किया है. इसमें स्वास्थ्य, सफाई व सुरक्षाकर्मियों के हितों को ध्यान में रखते हुए तमाम प्रावधान किए गए हैं. इस अध्यादेश के तहत कोरोना वाॅरियरिस पर हमला करने वाले को 6 माह से लेकर 7 साल तक की सजा दी जाएगी और 50 हजार से 5 लाख तक का जुर्माना भी लगेगा.
जेल भी, जुर्माना भी
अध्यादेश के तहत किसी भी कोरोना वाॅरियर पर थूकने व गंदगी फेंकने या भड़काने पर दो साल से पांच साल तक की सजा होगी. वहीं 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना देना होगा. अगर कोरोना मरीज ने खुद को छिपाया तो 1 से 3 साल तक की सजा होगी. वहीं 50 हाजार से 1 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
इसके अलावा अगर कोरोना का कोई मरीज जानबूझकर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता है तो उसे 1-3 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. वहीं क्वारेंटाइन से भागने वालों को 1-3 साल की सजा व 10 हज़ार से 1 लाख तक का जुर्माना देना होगा.
यूपी में क्वॉरंटीन सेंटर से भागने वालों को 1-3 साल तक की सजा और 1 लाख तक का जुर्माना. वहीं अगर कोई कोरोना का मरीज जानबूझकर कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करता है तो उसे भी सजा हो सकती है. कैबिनेट बैठक में इस बारे में अध्यादेश पास कर दिया है. @ThePrintIndia @ThePrintHindi
— Prashant Srivastava (@Prashantps100) May 6, 2020
इसके अलावा इस अध्यादेश में योगी सरकार की ओर से कोरोना पर नियंत्रण और इलाज के लिए दो नए प्राधिकरणों का गठन भी किया गया है. इसके तहत मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा. इसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे. इसके अलावा जिलों के डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण का भी गठन होगा.
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रोजगार देने के लिए बनेगी नई संस्था
लाॅकडाउन के दौरान यूपी में बाहर के राज्यों से लाखों श्रमिक लौटे हैं. ऐसे में उनको रोजगार देने की व्यवस्था के लिए यूपी सरकार द्वारा निवेश व रोजगार प्रोत्साहन संस्था ‘इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एण्ड फेसिलिटेशन एजेंसी’ बनाई जाएगी. बुधवार को सीएम योगी के आवास पर इसे लेकर मीटिंग हुई जिसमें तय हुआ कि इस संस्था के अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे.
वहीं संस्था में औद्योगिक विकास मंत्री और सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री शामिल होंगे. वहीं इसके अलावा संस्था के बोर्ड में औद्योगिक विकास विभाग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और निर्यात प्रोत्साहन विभाग के विभिन्न अधिकारी व इकोनाॅमिक एक्सपर्ट्स को शामिल किया जाएगा.
(पीटीआई के इनपुट के साथ)