चंडीगढ़: नांदेड़ से पंजाब लौटे तीर्थयात्रियों के बीच कोविड-19 संक्रमण के फैलाव ने स्थानीय कांग्रेस नेताओं को महाराष्ट्र में उनके समकक्षों के खिलाफ खड़ा कर दिया है.
कांग्रेस दोनों ही राज्यों में सरकार का हिस्सा है- पंजाब में अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाले एक स्वतंत्र प्रशासन के तौर पर और महाराष्ट्र में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ गठबंधन के रूप में.
सोमवार शाम जारी एक बयान में, पंजाब की कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने महाराष्ट्र के मंत्री अशोक चव्हाण की टिप्पणी पर सवाल उठाया कि तीर्थयात्रियों को नांदेड़ में संक्रमण नहीं हो सकता है, जो गुरुद्वारा हजूर साहिब का घर है.
शनिवार को जारी एक वीडियो संदेश में, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने दावा किया था कि नांदेड़ तीर्थयात्री पंजाब के बसों के चालक दल द्वारा संक्रमित हो सकते हैं जिन्हें इन लोगों को लेने के लिए भेजा गया था.
सुल्ताना ने चव्हाण के बयान को ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ बताया है, जिसमें कहा गया है कि पंजाब लौटने वाले पहले तीर्थयात्रियों के जत्थे को निजी तौर पर या गुरुद्वारा प्रबंधन द्वारा नांदेड़ में किराए पर लिए गए वाहनों के द्वारा भेजा गया था.
उन्होंने कहा कि 31 वाहनों का पहला जत्था पंजाब में 860 तीर्थयात्रियों को लेकर आया, जो महाराष्ट्र में चालक दल के साथ महाराष्ट्र में पंजीकृत थे.
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मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल के उन आरोपों को नकार नहीं पा रही है कि तीर्थयात्री यात्रा के दौरान संक्रमित हुए हैं. शनिवार को जारी एक बयान में सिंह ने गुरुद्वारे में कर्मचारियों के बीच कोविड-19 के डायग्नोसिस की ओर इशारा करते हुए दावा किया कि संक्रमण की शुरुआत नांदेड़ से हुई है.
एक महीने से अधिक समय तक गुरुद्वारे के अंदर फंसे रहे
पंजाब के 3,700 से अधिक तीर्थयात्री नांदेड़ के हजूर साहिब गुरुद्वारे में 25 मार्च को मौजूद थे जब राष्ट्रव्यापी कोविड-19 लॉकडाउन की घोषणा हुई थी. जिसके बाद अंतर-राज्यीय यात्रा को निलंबित कर दिया गया था.
केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल के अंतिम सप्ताह में यात्रा की इजाजत देने तक सभी तीर्थयात्री करीब एक महीने तक इसी परिसर में ही रह रहे थे. इसके बाद पंजाब सरकार और गुरुद्वारा प्रबंधन ने इनकी यात्रा का बंदोबस्त किया.
गुरुद्वारे में रहने के दौरान तीर्थयात्रियों की कोरोनावायरस स्क्रीनिंग की गई. हालांकि पंजाब लौटने के बाद जब इन लोगों का कोविड-19 टेस्ट किया गया तब इनमें से (पहला जत्था 25-26 अप्रैल को पहुंचा था) सैकड़ों लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए.
पिछले चार दिनों में पंजाब में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1232 हो गई है जिनमें से तकरीबन 60 फीसदी यानि 790 लोग नांदेड़ से आए तीर्थयात्री हैं.
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नांदेड़ में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है जहां पिछले हफ्ते तक केवल तीन मामले ही थे. सोमवार तक जिले में संक्रमित कुल लोगों का आंकड़ा 34 था जिनमें से 31 या तो गुरुद्वारे के सेवादार हैं या तीर्थयात्रियों को लाने वाले ड्राइवर हैं.
नया मोड़
अकाली दल ने राज्य के कांग्रेस प्रशासन पर अपने हमले को बढ़ा दिया है और वे इसे पंजाब के तीर्थयात्रियों की यात्रा के कुप्रबंधन के रूप में बता रही है. पार्टी ने खराब स्थिति में लोगों को क्वारेंटाइन करने के लिए भी सरकार की आलोचना की है.
सोमवार को जारी एक वीडियो बयान में, केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पंजाब सरकार ने पहले तो तीर्थयात्रियों को वापस लाने की पूरी प्रक्रिया को ठीक से नहीं संभाला और फिर उन्हें ऐसी जगह क्वारेंटाइन में रखा जहां उन्हें पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही थी.
इस बीच, दिल्ली शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने नांदेड़ को लेकर एक नया आरोप लगाया है जिसमें कहा गया है कि संक्रमण प्रवासी मजदूरों से हो सकता है जो तीर्थयात्रियों के साथ महाराष्ट्र से पंजाब आए थे.
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सोमवार को एक वीडियो बयान जारी कर सिरसा ने कहा कि 200 से अधिक प्रवासी मजदूरों ने तीर्थयात्रियों के साथ यात्रा की थी. उन्होंने कहा, ‘ये पंजाबी प्रवासी मजदूर नांदेड़ के पास के स्थानों से हैं और गुरुद्वारे में इकट्ठा हुए थे, जब उन्हें पता चला कि बसें पंजाब जा रही हैं. ये प्रवासी मजदूर तीर्थयात्रियों के लिए संक्रमण का स्रोत हो सकते हैं.’
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