भारत में बलात्कार की संस्कृति फलफूल रही है. और जब ये संस्कृति जवान, बूढ़ी, नवजात और मृत महिलाओं को अपना शिकार नहीं बना रही होती तब ये भारत के किशोरों और मर्दों की निजी चैट और सार्वजनिक बातचीत में जान फूंक रही होती है. ऐसा ही एक इंस्टाग्राम ग्रुप जिसका नाम ब्वॉयज लॉकर रूम है, रविवार से ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है. इस ग्रुप के कई स्क्रीनशॉट वायरल हो रहे हैं जहां कई स्कूली लड़के नाबालिग लड़कियों की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं, प्राइवेट पार्ट्स को लेकर मजाकर बना रहे हैं और साथ ही सामूहिक बलात्कार करने की प्लानिंग कर रहे हैं. इस वायरल ट्रेंड पर दिल्ली महिला आयोग ने संज्ञान लिया और दिल्ली पुलिस से इस मामले की जांच करने और इंस्टाग्राम से इस केस से जुड़ी डिटेल्स मांगी.
हालांकि इस इंस्टाग्राम ग्रुप में केवल कुछ लड़के ही शामिल थे, कोई इस बात की तरफ ध्यान नहीं दे रहा कि हजारों लॉकर रूम ब्वॉयज, एक सेक्सिस्ट और मिसोजनिस्ट पुरुष के तौर पर बड़े हो रहे हैं. भारतीय राजनीतिक दलों के आईटी सेल के सदस्यों के रूप में वे सार्वजनिक रूप से वही कर रहे हैं जो ब्वॉयज लॉकर रूम में निजी तौर पर किया जाता है. वे हर दिन अपने सोशल मीडिया अकाउंट में लॉग इन करते हैं और उन महिलाओं को टारगेट करते हैं जो उनके हिसाब से ‘छोटे कपड़े’ पहनती हैं या अपने मन की बात कहती हैं या फिर उनसे तर्क करती हैं या फिर वो जो उनकी पसंद के राजनेताओं पर सवाल उठाती हैं या फिर वो महिलाएं जो उनकी राजनीतिक विचारधारा का पालन नहीं करतीं. वो हर उस महिला को टारगेट करते हैं जो उनकी ‘मर्दानगी’ को चोट पहुंचाती हैं. फिर ये आईटी सेल आम आदमी पार्टी का हो, भाजपा का हो या फिर कांग्रेस का. लेकिन इन मामलों में भाजपा का आईटी सेल कुख्यात है.
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ऐसे पुरुष महिलाओं को टारगेट करने के कुछ पैंतरे अपनाते हैं- गैंग रेप की धमकियां, निर्भया जैसे जघन्य अपराध के बारे में याद दिलाना, बॉडी शेमिंग, स्लट शेमिंग, चरित्र हनन और अफवाहें फैलाना. ये सारे पैंतरे महिलाओं के पूरे अस्तित्व को उनके शारीरिक अंगों तक ही रिड्यूस कर देते हैं. कई बार ये पैंतरा महिलाओं की मॉर्फ की हुई नग्न तस्वीरों को वायरल कराने तक भी पहुंच जाता है. ऐसा करते हुए वो इन महिलाओं की मां, बहन या किसी महिला रिश्तेदार को भी टारगेट करते हैं.
Right wing Hindutva Terrosists are trolling #सफूरा_जरगर .These are dangerous to society.These Hindutva goons posting about a pregnant women who is in jail for peaceful protest.
We are with you Safoora!#सफूरा_जरगर pic.twitter.com/r4ZWJbvaOg
— Mohammad Hasir (محمد حاسر) (@Hasir_alig) May 4, 2020
और ऐसा करने वाले ज्यादातर पुरुष खुद के धार्मिक, राष्ट्रवादी और देशभक्त होने की बातें बार-बार दोहराते हैं. कइयों को देश के प्रभावशाली नेता और खुद पीएम मोदी तक फॉलो करते हैं. कई तो खुद ही नेता हैं, जैसे- पूर्व आप विधायक और वर्तमान भाजपा नेता कपिल मिश्रा. जो पहले एक्टिविस्ट शेहला राशिद, कविता कृष्णन, पत्रकार बरखा दत्त और अलका लांबा को टारगेट कर चुके हैं और आजकल जामिया की स्टूडेंट सफूरा जरगर के गर्भवती होने पर अश्लील टिप्पणियां कर रहे हैं.
Please don't connect her pregnancy with my speech
It doesn't work that way https://t.co/WtKokksIqR
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) May 3, 2020
सोशल मीडिया पर लोगों का ‘अचंभित’ होना चौंकाने वाला है
जैसे ही ब्वॉयज लॉकर रूम के गंदे स्क्रीनशॉट ट्विटर पर तैरने शुरू हुए वैसे ही कई लोग किशोरों द्वारा नाबालिग लड़कियों पर की जा रही टिप्पणियों की भाषा पर अचंभित हो रहे थे.
Thread: Students who are 16, 17 years old, are casually talking of gang raping girls and women, swapping nudes without the consent of these women on Reddit, with not even a hint of fear of exposure. The dire crisis of rape womxn face, starts with this rape culture #boyslockerroom
— #MeTooIndia (@IndiaMeToo) May 4, 2020
लेकिन अगर लॉकर रूम के ये लड़के, लड़िकयों के वक्षों को लेकर बात करते हैं तो आईटी सेल के पुरुष महिलाओं की योनि को लेकर ट्रेंड चलाते हैं. ट्विटर पर हर रोज किसी व्यक्ति की मां के प्राइवेट पार्ट को टारगेट करते हुए एक ट्रेंड चलाया जाता है जो वायरल होता है. लेकिन ये ना ही ट्विटर में काम करने वालों का ध्यान खींच पाता है और ना ही भारत सरकार का और ना ही पुलिस का. आदमियों की रोजमर्रा की बातचीत मे किसी की भी मां या बहन के प्राइवेट पार्ट्स पर गाली के साथ बात करना आम बात है. अगर कोई पुरुष किसी दूसरे पुरुष को गाली भी देगा तो वो गाली भी दूसरे पुरुष की मां या बहन के बलात्कार के रूप में दी जाएगी.
सोशल मीडिया पर टारगेट की जाने वाली हर महिला की सेक्स लाइफ में भी ये पुरुष खास रूचि रखते हैं ताकि उसका उपयोग भी ये उसे शेम करने के लिए कर सकें. उदाहरण के लिए आप जामिया स्कॉलर सफूरा ज़रगर का मामले को ही देख लें जिन्हें सीएए विरोधी प्रदर्शन के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. ज़रगर तीन महीने पेट से हैं और उनकी रिहाई के लिए सोशल मीडिया एक्टिविस्ट और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आवाज उठाई है.
I am short of words to express my disgust. @TwitterSafety @DelhiPolice@DCP_CCC_Delhi if u can't take action against these shameful trends and people then you are complicit. Commenting on a women's modesty in a country where women are worshipped as Devis. SHAME. #सफूरा_जरगर pic.twitter.com/aqKsHpGMZt
— Nabiya Khan | نبیہ خان (@NabiyaKhan11) May 4, 2020
भाजपा के जाने-माने नेता कपिल मिश्रा द्वारा सफूरा के गर्भवती होने को लेकर किए गए एक ट्वीट के बाद आईटी सेल ने तेजी से उनके चरित्र पर हमला बोला. पिछले दो दिन से सफूरा का नाम ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है. उनके गर्भवती होने पर सवाल उठाए जा रहे हैं. कुछ नफरती ट्रोल उनपर आरोप लगा रहे हैं कि वो बिना शादी के मां कैसे बन गईं (आपको बता दें कि वो शादीशुदा हैं). शाहीन बाग धरने से जुड़े होने के कारण बिना चेहरे वाले आईटी सेल ने सफूरा को लेकर आजादी वाले मीम्स भी खूब फैलाए. इतना ही नहीं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के लिए अपना मकान बेचकर खाना खिलाने वाले सिख से भी सफूरा को जोड़ दिया गया.
आईटी सेल के पुरुषों और लॉकर रूम के लड़कों में कोई अंतर नहीं
आईटी सेल और ब्वॉयज लॉकर रूम के लड़कों की मोडस ऑपरेंडी एक ही है. कोई रैंडम लड़का किसी महिला को टारगेट करते हुए लिखेगा कि ‘उस दिन होटल में क्या हुआ था’ या फिर कुछ ऐसा- ‘पार्क वाली घटना हमें भी तो बताओ’. इसके बाद कई ऐसे कमेंट्स की बाढ़ सी आ जाएगी और साथ ही भारतीय संस्कृति की दुहाई भी दी जाएगी. ऐसा चलता ही रहेगा कि एक दिन वेरिफाइड अकाउंट वाला इस घटना को सच बताते हुए लिख देगा. इसके साथ ही महिला के चरित्र हनन का एपिसोड पूरा किया जाएगा. ये कई दिन तक चलेगा. इसपर कई लोग हंसेंगे, कई मजाकर उड़ाएंगे और कई इसे चीयर करेंगे.
What sympathy ?, in name of Protest she was just enjoying honeymoon at #shaeenbagh?
Degree Diploma sab Jail mei milega ab#SafooraZargar ko? @ignorant_king @SafooraZargar @AlamTauquirJNU @UmarKhalidJNU @JNUSUofficial @aishe_ghosh
— Mohit Saxena (@mohitsaxena0786) May 3, 2020
सफूरा को मिलने वाली अधिकतर धमकियों के पीछे उनकी धार्मिक पहचान भी है. पत्रकार राणा अय्यूब या फिर एक्टिविस्ट शेहला राशिद को भी हर रोज उनके धर्म की वजह से ज्यादा टारगेट किया जाता है. मुस्लिम पहचान वाली इन महिलाओं पर की जाने वाली आपत्तिजनक टिप्पणियां इस बात को स्पष्ट करती हैं कि मुस्लिम समुदाय की महिलाएं रोजमर्रा की जिंदगी में किस तरह की टारगेटिंग का सामना करती हैं.
और फिर कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी तो ‘भारत माता की जय’ लगाने वाले पुरुष ही गालियां देते नजर आते हैं. साथ ही वो ये कहना भी नहीं भूलते हैं कि भारत एक ऐसा देश है जहां महिलाओं की पूजा की जाती है.
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तुर्की लेखिका ऐस टेमलकुरान ने अपनी किताब ‘हाउ टू लूज ए कंट्री: द 7 स्टेप्स फ्रॉम डेमोक्रेसी टू डिक्टेटरशिप’ में इस हॉरर को लेकर लिखा है. वो कहती हैं कि ऐसे ग्रुप महिलाओं के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा को टेरराइज करते हैं और फिर उस आंतक पर हंसते हैं. कुछ दिन बाद ये सब सामान्य माना जाने लगता है. एक पितृसत्तामक समाज में उत्पीड़न के खिलाफ मुखर रहने वाली महिलाओं को सोशल मीडिया पर उसी भाषा में टारगेट किया जाता है जिस भाषा में घरों के भीतर घरेलू हिंसा की जाती है.
भारत की बलात्कार संस्कृति, लूज टॉक कल्चर पर बेस्ड है. जहां सभी उम्र के पुरुष, महिलाओं को सिर्फ सेक्सुअल ऑबजेक्ट्स के तौर पर देखने लगते हैं. खुशी, गुस्से या दुख में वो महिलाओं के अंगों पर गाली देना सीखते हैं. और जो लोग एकमुश्त होकर इस तरह की गालियां नहीं देते वो एक सपोर्ट सिस्टम की भांति काम करने लगते हैं. जैसे वो ब्वॉयज लॉकर रूम के वाकये के लिए कहेंगे कि इन लड़कों का भविष्य खराब नहीं करना चाहिए क्योंकि ये तो गलती थी. और जहां बलात्कार के आरोपियों के समर्थन में रैली निकाल दी जाती हो, वहां पुरुषों के लिए कह देते हैं, आदमी, आदमी ही रहता है.
(व्यक्त विचार निजी हैं)
Just name her husband and put all those vile campaign to rest.. as simple as that.