वाशिंगटन: भारतीय दूतावास ने उन भारतीय नागरिकों से संपर्क करना शुरू किया है जो कोरोनावायरस महामारी की वजह से लागू बंद के बाद घर वापस लौटने की इच्छा रखते हैं.
भारत सरकार ने विदेशों में फंसे नागरिकों को स्थिति के आकलन के बाद घर लाने संबंधी विचार पर निर्णय करने के संकेत दिए थे जिसके बाद दूतावास ने यह कदम उठाया है.
सरकार ने 10 अप्रैल को कहा था कि कोविड-19 स्थिति की समीक्षा के बाद विदेशों में फंसे भारतीय लोगों को लाने संबंधी विचार पर निर्णय लिया जाएगा.
विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव दम्मू रवि ने कहा, ‘विदेश में रह रहे भारतीय लोगों के बारे में कुछ सवाल आए हैं. ऐसी स्थिति है जहां हम कोई निश्चित जवाब नहीं दे सकते हैं क्योंकि वहां अब भी बंद है. हमें स्थिति की समीक्षा करनी होगी…यह सरकार का फैसला होगा कि हम अन्य देशों से भारतीय लोगों की वापसी का प्रबंध कैसे करेंगे?’
इसके लिए पहले चरण की शुरुआत संभवत: खाड़ी देश, ब्रिटेन और यूरोप के अन्य हिस्सों से होगी. इसके बाद अमेरिका के बारे में विचार किया जाएगा. भारतीय दूतावास ने बुधवार को भारतीय सामुदायिक संगठनों और हाल में संपर्क किए गए लोगों को ईमेल भेजना शुरू किया. वैसे लोग जो घर वापस जाना चाहते हैं, वे (इंडियनएम्बेसीयूएसएडॉटजीओवीडॉटइन) पर पंजीकरण करा सकते हैं. हालांकि अभी यात्रा के संबंध में कोई तारीख नहीं तय की गई है. अमेरिका में फंसे भारतीय लोगों की कुल संख्या को लेकर भी कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है.
हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि इसमें कई छात्र हैं. यहां विश्वविद्यालय पूरे सत्र के लिए बंद है. इसके अलावा कुछ लोग ऐसे भी हैं जो थोड़े समय के लिए यहां आए थे और जिनके पास धन समाप्त हो चुका है.
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