नई दिल्ली: देशभर में कोविड-19 के ख़िलाफ़ फ्रंट लाइन से लड़ाई लड़ रहे डॉक्टरों और पुलिस वालों पर हमले के कई मामले सामने आए हैं. देश की राजधानी दिल्ली समेत देशभर के कई अस्पतालों में डॉक्टरों पर हमले हुए हैं, वहीं अभी तक पुलिस पर हुए सबसे दर्दनाक हमले में पंजाब के एक एएसआई को अपना हाथ गंवाना पड़ा था.
हालांकि, अपना हाथ गंवाने वाले एएसआई हरजीत सिंह अब पुलिस पर हमले के ख़िलाफ़ का एक प्रतीक बन गए हैं. वो सिर्फ़ पुलिस ही नहीं बल्कि फ्रंट लाइन से अपनी सेवा दे रहे अन्य लोगों के लिए भी एक प्रतीक बन गए हैं. उनको सम्मान देते हुए पंजाब के डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस (डीजीपी) दीपांकर गुप्ता ने अपनी वर्दी पर लगे अपने नाम के बैज की जगह हरजीत सिंह के नाम का बैज पहन लिया.
उन्होंने हरजीत के सम्मान में उनके नाम का बैज अगले 24 घंटे के लिए लगाया है. पंजाब के पटियाला में निहंगों द्वारा किए गए एक हमले में हरजीत को अपना एक हाथ गंवाना पड़ा था. हालांकि, डॉक्टरों की कड़ी मेहनत के बाद उनका हाथ वापस से जोड़ दिया गया था.
“Harjeet Singh has become a symbol against attacks on police and other frontline workers”
Punjab DGP Dinkar Gupta changes the name on his badge to ‘#HarjeetSingh‘ for today, in support of the ASI whose hand was dismembered in an attack in Patiala on April 12 pic.twitter.com/KTkY8llF2L
— DD News (@DDNewslive) April 27, 2020
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चंडीगढ़ स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) में डॉक्टरों ने सब इंस्पेक्टर के हाथ को हमले के ही दिन यानी 12 अप्रैल को सर्जरी करके सफलतापूर्वक जोड़ दिया था.
क्यों हुआ था हमला
पटियाला ज़िले की एक सब्जी मंडी में कर्फ्यू पास दिखाने के लिए कहने के बाद निहंगों के समूह ने पुलिस दल पर हमला किया था. लॉकडाउन के कारण पुलिस ने मंडी के बाहर अवरोधक लगाए थे और लोगों से कर्फ्यू पास दिखाने के लिए कह रहे थे.
इस हमले में सहायक उप-निरीक्षक हरजीत सिंह का हाथ तलवार से कट गया था जबकि पंजाब पुलिस के तीन अन्य पुलिसकर्मी और एक मंडी अधिकारी घायल हो गया था. पंजाब पुलिस ने हमले के सिलसिले में एक महिला सहित कई अन्य को गिरफ़्तार किया है. इनमें से सात को एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया था.